फूलमती माता की कहानी | story of phulmati devi

फुलमती देवी की कहानी नेपाल के एक प्रसिद्ध लोक कथा में से एक है। यह कथा महाकाव्य "सदिच्छ श्रीमाल" में भी उल्लेखित है। फुलमती देवी नेपाल के पौराणिक काल में एक साध्वी थीं, जिन्होंने अपनी अत्यंत तपस्या और ध्यान से लोगों को प्रेरित किया। उनकी अनोखी कथा निम्नलिखित है:
एक समय की बात है, नेपाल में एक गांव में फुलमती नामक एक साध्वी आश्रम बसाती थीं। वह बहुत ही सुंदर और आदर्शवान थीं और लोगों को अपनी तपस्या से प्रभावित करती थीं। गांव के लोग उन्हें अपनी माता की तरह पूजते थे और उनके प्रशासन में विश्वास रखते थे।
एक दिन, गांव में अचानक अभागा लाचार समय आ गया और जल्द ही दूध, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएं संकटमय स्थिति में पहुंच गईं। लोगों ने अपने नगरपालिका में जाकर मदद मांगी, लेकिन कोई भी सहायता नहीं मिली। वे फुलमती देवी के पास गए और उनसे सहायता की अपील की।
फुलमती देवी ने लोगों की मुसीबत को दूर कर दिया.

फूलमती माता मंत्र (Phoolmati Mata Mantra)

मंत्र: ॐ फूलमती माता नमः।

फूलमती माता हिंदू धर्म में एक प्रसिद्ध देवी हैं जिन्हें फूलों की देवी भी कहा जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए फूलों की भेंट चढ़ाई जाती है। फूलमती माता का मंत्र उन्हें प्रसन्न करने के लिए उपयोगी होता है।

यह मंत्र उन सभी लोगों को फायदेमंद होगा जो फूलमती माता की आराधना करते हैं या उनसे कोई मनोकामना मांगना चाहते हैं। इस मंत्र को नियमित रूप से जप करने से फूलमती माता की कृपा मिलती है और वे हमेशा हमारे साथ रहती हैं।

Translation: Mantra: Om Phoolmati Mata Namah

Phoolmati Mata is a famous goddess in Hinduism also known as the goddess of flowers. Offering flowers to her pleases her. This mantra is useful in pleasing her.

This mantra will be beneficial for all those who worship Phoolmati Mata or want to fulfill their desires from her. Regular chanting of this mantra brings the grace of Phoolmati Mata and she is always with us.

फूलमती माता की आरती (Phoolmati Mata Aarti)

फूलमती माता की आरती हिंदू धर्म में उनकी पूजा के दौरान उतारी जाती है। यह आरती उन्हें प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उपयोगी होती है। निम्नलिखित है फूलमती माता की आरती का विवरण:

फूलमती माता की आरती की जय। जय फूलमती माता। दुखी लोगों की माता, जनकल्याण की माता॥

जय फूलमती माता। दीनबंधु सब के साथी, विनाशकाल में साथ दाती।

जय फूलमती माता। सुखदात्री दिव्य विजय, प्रकट तेरी दीप्ति जगमगाये॥

जय फूलमती माता। जग की आशा तुम ही हो, तुम ही संशार में रोशनी हो।

जय फूलमती माता। तुमसे ही मिलता जो सुख, उसे हम समझते अमूल्य भूषण।

जय फूलमती माता। तुमसे ही समस्त समस्या, तुमसे ही मिले सभी उपाय।

जय फूलमती माता। विविध देवी गुण गावती, त्रिभुवन में तुम विख्याती।

जय फूलमती माता। फूलमती माता की आरती की जय। जय फूलमती माता।।

शीतला फूलमती (Sheetla Phoolmati)

मैं समझता हूं कि आप "शीतला फूलमती में अंतर" से क्या मतलब कर रहे हैं। कृपया मुझे इस बारे में अधिक जानकारी दें ताकि मैं आपकी मदद कर सकूं।

फूलमती तोला कैसे लगाते हैं (How to apply Phoolmati Tola)

फूलमती तोला लगाना एक प्रक्रिया है जो एक स्थायी स्थान पर निर्मित होने वाले भवनों के लिए उपयोग की जाती है। यह एक लंबी स्तंभ या दण्ड होता है, जो इस स्थायी स्थान पर दीवारों या स्थलों के साथ जोड़ा जाता है। फूलमती तोला लगाने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन किया जाना चाहिए:

सबसे पहले, फूलमती तोले की आवश्यकता वाले स्थान को चुनें। ध्यान दें कि फूलमती तोला उच्च बल वाले भवनों के लिए उपयोगी होता है, जो अत्यधिक भार को संभाल सकते हैं।

एक समान और स्थिर सतह ढूंढें जिस पर फूलमती तोला लगाने के लिए आसानी से ठीक से खड़ा हो सके। यदि आपके पास एक भूमि नहीं है तो आपको उपलब्ध स्थान के अनुसार एक समान सतह बनाने की आवश्यकता होगी।

एक फूलमती तोला का आकार तय करें। यह आपके भवन के उच्चता और चौड़ाई के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

प्रतापगढ़ कुंडा नामक तहसील  मुख्यालय के पूर्वी तरफ  लखनऊ इलाहाबाद राजमार्ग के बगल में स्थित है मां "phoolmati mata" का धाम  है उस धाम पर  मत्था टेकने वाले भक्तों की सम्पूर्ण मनोकामनाएं पूरी होती है.

फूलमती माता मंत्र (phoolamatee maata mantr)

मंत्र: ॐ श्री फूलमती मातायै नमः।

फूलमती माता हिंदू धर्म की देवी हैं जो प्रकृति, फूलों और पौधों की देवी मानी जाती हैं। यह मंत्र फूलमती माता की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।

यह मंत्र उच्चारित करते समय आप फूलमती माता के चरणों में अपनी समस्त मनोकामनाएं रख सकते हैं। इस मंत्र का नियमित जप आपकी इच्छाओं को पूरी करने में मदद कर सकता है।

फूलमती चालीसा (phoolamatee chaaleesa)

फूलमती देवी की चालीसा कुछ इस प्रकार है:

जय फूलमती माँ, जय जय फूलमती माँ। दुःख को दूर करने वाली, सुख समृद्धि देने वाली।

जो जो माँ तेरा जप करे, उसकी मनोकामना पूरी होती जाए। तू जो माँ बड़ी दायावंती, सदा हमारी रक्षा करती।

तेरी शक्ति सबसे ऊंची, तू जगत की माता है। जब भी तुम पुकारोगे माँ, सदा सुनेगी तेरी फुहार है।

फूलमती माँ जय जय, तेरी उपासना सदा हमारी जय-जय। तू ही हमारी शक्ति का संचार, फूलमती माँ जय जय।।

फूलमती माँ तेरी जय हो!

फूलमती माता की कहानी (phoolamatee maata kee kahaanee)

फूलमती माता भारतीय परंपरा में एक प्रसिद्ध देवी हैं। उन्हें सफेद और नीले वस्त्रों में भी चित्रित किया जाता है जो एक तरह से उनकी विशिष्टता दर्शाते हैं। फूलमती माता की कथा अत्यंत प्राचीन है और विभिन्न संस्कृतियों में भिन्न-भिन्न रूपों में प्रचलित है। यहां एक रूप से उनकी कहानी दी जाएगी:

कई साल पहले एक गांव में एक बच्ची की जन्म हुई। वह बच्ची अत्यंत सुंदर थी और लोगों ने उसे फूलमती नाम दिया। फूलमती बचपन से ही अत्यंत ध्यानवान थी और धर्म और साधना के प्रति उत्सुक थी। उसने अपना समय वेद-शास्त्रों के अध्ययन में व्यतीत किया और धार्मिक ज्ञान में विशेषज्ञ हो गई।

फूलमती दिन-रात भगवान के नाम का जप करती रहती थी और उनकी उपासना में लगी रहती थी। एक दिन, उन्हें एक सपना आया जिसमें भगवान शिव उनसे बोले, "हे फूलमती, तुम मेरी अत्यंत प्रिय भक्त हो और मैं तुम्हारे दिल में हमेशा रहूंगा।

फूलमती भवानी कौन है (phoolamatee bhavaanee kaun है)

फूलमती माता का एक मंदिर  (Phoolmati Mata Temple) नेपाल की एक प्रसिद्ध देवी हैं जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। वे नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में स्थित हैं और वहां भक्तों की पूजा की जाती है। फूलमती देवी को लालबरेस के नाम से भी जाना जाता है और उनके मंदिर का नाम फूलमती मंदिर है।

फूलमती देवी की पूजा प्रतिदिन की जाती है और वे नेपाली महिलाओं की रक्षाकारी मानी जाती हैं। इनकी पूजा में फूल, लाल रंग के वस्त्र और चावल के भोजन का प्रयोग किया जाता है। उन्हें समर्पित त्योहार भी मनाए जाते हैं, जिनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण होलीका पर्व है।

फूलमती देवी को स्त्री शक्ति की देवी के रूप में माना जाता है और उनकी पूजा से भक्तों को स्थायी शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

फूलमती माता की पूजा कैसे की जाती है (phoolamatee maata kee pooja kaise kee jaatee hai)

फूलमती माता को उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा महत्व मिलता है और वहां के लोग इस माता को बहुत आदर और श्रद्धा से पूजते हैं। फूलमती माता की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि का पालन कर सकते हैं:

सबसे पहले फूलमती माता की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें।

फूलमती माता को अपनी प्रार्थनाओं के लिए विनती करें।

फूलमती माता के लिए शुद्ध जल और दूध की थाली रखें।

फूलमती माता को दीपक, धूप और नैवेद्य दें।

फूलमती माता के मंदिर में लाल रंग का चुनरी बिछा दें।

फूलमती माता की आरती गाएं।

फूलमती माता के नाम का जाप करें।

फूलमती माता के पूजन के बाद प्रसाद बांटें।

इस तरह से फूलमती माता की पूजा की जाती है। यह धार्मिक प्रक्रिया है और अधिकांश उत्तर प्रदेश और  हिमाचल के लोग इसे अपनाते हैं।

भवानी देवी देवी कौन है (bhavaanee devee devee kaun hai)

भवानी देवी हिंदू धर्म की देवी मां दुर्गा का एक रूप है। वह सनातन धर्म में देवी, शक्ति और प्रकृति का प्रतीक है। भवानी देवी के नाम के रूप में, वह धर्म और संसार के साथ संबंधित है, जो समस्त प्राणियों को अधिकार और स्थिरता प्रदान करता है। भवानी देवी के अनेक नाम हैं जैसे दुर्गा, काली, अंबे, जगदम्बा और चंडी आदि। वह शक्ति की देवी है जो समस्त सृष्टि को बनाए रखती है। भवानी देवी का पूजन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है।

प्रसिद्ध भवानी क्या है(prasiddh bhavaanee kya hai)

प्रसिद्ध भवानी मंदिरों में से एक है माँ वैष्णो देवी का मंदिर जो जम्मू कश्मीर में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है और सालाना लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। माँ वैष्णो देवी को भवानी के नाम से भी जाना जाता है और यहां उनका मंदिर है जो गुप्त गुफा में स्थित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए पूज्य और महत्वपूर्ण स्थान है जहां वे देवी की कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं।

भवानी क्या करें (bhavaanee kya karen)

यदि आप भवानी माता (Bhavani Mata) के बारे में बात कर रहे हैं, तो वह देवी दुर्गा के रूप में जानी जाती है और उन्हें सम्मान के साथ पूजा जाता है। आप उन्हें उचित सम्मान देने चाहिए और उनके चरणों में अपनी प्रार्थना प्रस्तुत करें।


यदि आप किसी अन्य भवानी के बारे में बात कर रहे हैं तो कृपया मुझे विस्तार से बताएं ताकि मैं आपकी मदद कर सकूँ।


फूलमती देवी

 वहां  के जल से  लोगों को असाध्य रोगों से छुटकारा मिल जाता है यही वह कारण है कि नवरात्र के साथ-साथ प्रत्येक शुक्रवार और सोमवार को यहां पर भीड़ उमड़ने लगती है


  कन्नौज में स्थित सिद्धपीठ मां फूलमती देवी मंदिर नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है।  ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी मां फूलमती की मूर्ति को स्नान कराकर नीर से अपनी आंखें धोता है, उसकी आंखों की रोशनी बढ़ जाती है।


  कन्नौज इत्र और इतिहास की नगरी कन्नौज में स्थित ऐतिहासिक सिद्धपीठ माता "phoolmati devi" मंदिर की काफी मान्यता है.  नवरात्रि में आए दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती है।  कन्नौज के फूलमती मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है।


  यह एक ऐतिहासिक कहानी है


  शहर में स्थित, सिद्धपीठ माता फूलमती देवी कन्नौज (कन्याकुब्ज) के राजा बेनुचक्र की 7 बेटियों में सबसे बड़ी थीं।  एक दिन जब राजा बेनुचक्र की पत्नी को अपनी सात बेटियों के विवाह की चिंता हो रही थी, तो उसने राजा को यह बात बताई।  बड़ी बेटी "phoolmati" ने सुना कि राजा और रानी के बीच क्या हो रहा है, फिर सभी 7 बहनें एक साथ निकली और अलग-अलग दिशाओं में चली गईं।


  यह मान्यता है


  पिता को चिंतित देखकर माता फूलमती देवी, माता क्षेमकाली देवी, माता सिंह वाहिनी देवी, माता मौरारी देवी, माता गोवर्धनी देवी, माता शीतला देवी और माता तपेश्वरी देवी सभी ने वैराग्य धारण किया और सात बहनें अलग-अलग स्थानों पर चली गईं।  .  आज उन्हीं स्थानों पर भव्य मंदिर बनाए गए हैं, जिन्हें सिद्धपीठ कहा जाता है।  इन्हीं सिद्धपीठों में से एक है मां फूलमती देवी का भव्य मंदिर।

फूलमती माता की कहानी




  नवरात्रि में भक्तों का तांता


  वहीं अगर मंदिर की बात करें तो यह मंदिर शहर में स्थित है और कई दूर-दराज के जिलों से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं।  नवरात्रि में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।  यहां हर सुबह पूजा, आरती और यज्ञ का आयोजन किया जाता है।  कहा जाता है कि जो भी श्रद्धा से मां से प्रार्थना करते है, मां उसकी सारी मनोकामना अवश्य पूरी करती है।



  कुंड में भरा पानी आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है


  मान्यता है कि मंदिर में मां के स्नान के बाद कुंड में भरा पानी आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।  यदि कोई भक्त परिसर की मिट्टी को अपने खेत में डालता है तो उसके खेत कभी नहीं सूखते।  वहां हमेशा अनाज उगता रहता है।  मध्य नगर में स्थित देवी मां के इस मंदिर का पूरा नाम सिद्धपीठ माता फूलमती देवी मंदिर है।


Phoolmati Devi history |फूलमती भवानी

 राजमार्ग पर स्थित मां फूलमती देवी का धाम विसहिया  के साथ में  किंवदंती है कि  यह  महाराजा चतुरसेन की पुत्री हैं मां बुढ़ियन देवी  माता ज्वाला देवी मारकंडे की शीतला मां यह सब एक  बहने हैं  

रोगों से मुक्ति कैसे पाए?

माता के मंदिर में आने वाले भक्तों को  भयानक असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है बताया जाता है कि इन के दरबार में बाबा रामदास जी रहते थे उनको  हनुमान जी एवं अग्नि की सिद्धि भी प्राप्त थी  

भविष्यवाणी ज्योतिष

उन्होंने लोगों से अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी पहले ही कर दिया था की हमारी मृत्यु कुत्ते काटने के कारण से होगा उन्होंने अपनी समाधि परिसर में ही दक्षिण की तरफ कुछ स्थान की दूरी पर  बनाने को कहा था  यही तक नहीं बल्कि उन्होंने यह भी बताया था की मंदिर का जीर्णोंद्धार एक राजा के कमलो हाथों से होगा

ध्यान मग्न का समास विग्रह

 एक बार ऐसा भी हुआ जब उन्होंने मां के दरबार में ध्यान मग्न थे ठीक उसी दौरान अचानक पीपल का एक विशाल डाल उनके ऊपर गिर जाती है सभी लोगों में हाहाकार मच जाती है सब लोगों ने सोचा कि डाल से दबने में  बाबा जी का मृत्यु हो गई होगी सभी ने जब डाल काट काटकर  हटाया तो  बाबाजी अपनी धुन में मग्न मिले इन्हें जरा सा एक खरोच से भी नहीं आई हुयी थी

प्रतापगढ़ रियासत

 उसके बाद बाबा श्री के बताए हुए के  अनुसार उनकी मृत्यु हो गई  अंत में भदरी स्टेट  के राजा उदय प्रताप ने मंदिर का नव निर्माण करवाया और बाउंड्री भी  करवाया अभी इस समय में मां के दरबार में  केवल जनपद ही नहीं बल्कि पूरी यूपी के भक्तों का तांता लगा रहता है  

कभी-कभी यहां इतनी भीड़ उमड़ जाती है  की सरसों गिराने का जगह भी नहीं रहता यह सब माता की कृपा है जो भक्तगण बड़े दिलचस्पी से निभाते हैं और उनकी पूजा अर्चना किया करते हैं एवं सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है

फूलमती माता कौन है?

उत्तर प्रदेश के महाराजा जयचंद की कुलदेवी "फूलमती माता की कहानी" जानी जाती है। राजकुमारी संयोगिता माता जी की प्रति दिन पूजा अर्चना किया करती थी। उसी से प्रेरित होकर यु पी के लोगों ने उत्तर प्रदेश  मे स्थापित मूर्ति का अंश उठवाकर देवी मूर्ति की स्थापना मंदिर में कर दी। तभी से बाजीगंज के साथ साथ up के अन्य नगरो के लोगो की यह कुलदेवी हैं।

फूलमती in English

The Kuldevi of Maharaja Jaychand Rabhar of Uttar Pradesh is known as Phoolmati.  Princess Sanyogita used to worship Mother every day.  Inspired by him, the people of that place got the part of the idol installed there and got the idol of the goddess installed in the temple.  Since then, people from Bajiganj as well as from other places of Uttar Pradesh like Basti, Gorakhpur, Ballia etc. come to visit this Kuldevi


फूलमती माता मन्त्र 


इस मन्त्र को विद्ध विधान के द्वारा नौरात्र में करे 


फूलमती माँ के सद्धि में सामग्री क्या लगता है 


 घी और गुड़ की अगियारी करने की जरूरत होती  है. 


11बार शुबह साम जप करने चाहिए 


7 प्रकार की मिठाई नौ दिनों में किसी एक दिन चढ़ा देने चाहिए 


1 पानी वाले नारियल के भोग लगाए फल चढ़ाये सिंगार सामग्री चढ़ाने की जरूरत होती है नित्य पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रखकर जायफल एवं नीबू काटकर रख दे और फिर केशर रखकर बलि दे सकते है Bali रहती है jaiphal, nariyal,aur,nibu की ऐसे ही आप कर सकते है माँ का नित्य पञ्चोपचारी पूजन करे चन्दन चावल धुप दिप नावेद से उनका पूजा करे उसके बाद पुलमती माता का मंत्र का जप करे 


मंत्र एवं पचरा 


ओउ नमो आदेश गुरु को सातो सखी आगे चले सातो सखी पीछे चले विच में फूलमती अकेल हो झूलते झूलते मैया हो गयी प्यासी भुइया में लहरे उनके केशिया के बार कौन केवरिया झूले सातो बहिनिया कुउने की ओरिया झूले लाले-लाल भैरो बाये के ओरिया झूले सातो बहिनिया दाए ओरिया झूले लाले-लाल भैरो आओ मैया कार्यो सम्हलो बिपदा मिटाओ उन्नति कराओ दुहाई विंध्वसनी चामुंडा चंडी की दुहाई सीता राम की 


यही पूरा मंत्र है नौरात्र में दुर्गा मन्त्र के साथ ही जप करना होता है माता सरसती का पाठ करना चहिये इसके बाद नित्य एक बार माला जप करना चहिये सभी प्रकार के आपके दुःख परेशानिया माता एक दिन जरूर दूर करेगी इस तरह से सबका संकट दूर भाग जाएगा

फूलमती माता की आरती 

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