गाय और शेर की बच्चो की सीख भरी कहानी

गाय और शेर की कहानी एक प्रसिद्ध नैतिक कथा है, जो हमें जीवन में समझदारी और सतर्कता का महत्व सिखाती है। यह कहानी इस प्रकार है:

गाय और शेर की कहानी

एक समय की बात है, एक घने जंगल के पास एक सुंदर गांव था। उस गांव के किसान अपनी गायों को रोज़ चरने के लिए जंगल के किनारे भेजते थे। गायें झुंड में रहती थीं और एक-दूसरे का साथ देती थीं। उनके झुंड में एकता और प्रेम था।

जंगल में एक शेर भी रहता था। वह अक्सर गायों को देखकर सोचता था, "कितना अच्छा होगा अगर इन गायों को पकड़कर खा सकूं।"

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लेकिन झुंड की एकता के कारण वह कभी गायों पर हमला करने की हिम्मत नहीं कर पाता था। जब भी वह किसी एक गाय को पकड़ने की कोशिश करता, बाकी गायें मिलकर उसका सामना करतीं, और शेर को खाली हाथ लौटना पड़ता था।

कुछ समय बाद, शेर ने एक चाल सोची। उसने सोचा कि अगर इन गायों को आपस में अलग कर दूं, तो इन्हें आसानी से पकड़ सकता हूं।

एक दिन, शेर ने धीरे-धीरे झुंड की गायों के बीच झगड़े पैदा करने की कोशिश की। वह गायों के पास जाकर अलग-अलग बातें करता, जैसे:

"तुम्हारी साथी गाय तुम्हारे हिस्से का चारा खा रही है।"

"वह गाय तुम्हारे बारे में बुरा कह रही थी।"

धीरे-धीरे, शेर की बातों में आकर गायों के बीच आपसी मनमुटाव हो गया। अब गायें झुंड में रहने के बजाय अलग-अलग चरने लगीं।

जब शेर ने देखा कि गायें अकेली हो गई हैं, तो उसने एक-एक करके उन पर हमला करना शुरू कर दिया। अब कोई गाय अपनी साथी को बचाने नहीं आती थी। कुछ ही दिनों में, शेर ने सारी गायों को मार दिया।

कहानी से सीख:

एकता में बल है। अगर गायें मिलकर रहतीं, तो शेर उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता।

बाहरी चालबाजी से सावधान रहें। शत्रु अक्सर हमें तोड़ने के लिए चालें चलता है।

आपसी सहयोग और विश्वास बहुत जरूरी है।

यह कहानी हमें जीवन में साथ मिलकर रहने और बाहरी चालों से सतर्क रहने की प्रेरणा देती है।


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