श्रद्धा दियाते इति श्राद्ध। चाहे अन्न हो या अन्न का जो भी दान भक्ति भाव से किया जाता है, वही श्राद्ध कहलाता है। हिंदू शास्त्रों में श्राद्ध एक विशेष प्रयोजन के लिए किया जाता है।
श्रद्धा दियाते इति श्राद्ध। चाहे अन्न हो या अन्न का जो भी दान भक्ति भाव से किया जाता है, वही श्राद्ध कहलाता है। हिंदू शास्त्रों में श्राद्ध एक विशेष प्रयोजन के लिए किया जाता है। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि पितृ पक्ष में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। उनके वंशज ब्राह्मणों को उनके नाम पर भोजन कराकर संतुष्ट और आशीर्वाद देकर अपने निवास स्थान को चले जाते हैं। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में श्राद्ध पक्ष आता है। सूर्य के कन्या राशि में आने के कारण इसे कनागत भी कहा जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि इनके पूर्वज भगवान से भी जल्दी हैं। भगवान पूरी सृष्टि का पालन-पोषण करते हैं, जबकि पूर्वज अपने कुल के लोगों की ही देखभाल करते हैं और श्राद्ध कर्म से प्रसन्न होकर परिवार में वृद्धि, मान सम्मान, प्रतिष्ठा में वृद्धि और घर में धन का आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिषी के अनुसार पं. शिवकुमार शर्मा श्राद्ध करने के लिए कुछ नियम हैं। इन नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। जानिए किस नियम से श्राद्ध करना चाहिए।
श्राद्ध करने का अधिकार पुत्र है। यदि कोई पुत्र नहीं है, तो एक भतीजा, भतीजा और धेवत है।
एक योग्य विद्वान ब्राह्मण को अपने पूर्वजों के कारण के लिए आमंत्रित और खिलाया जाना चाहिए। इसके बाद गरीबों को भी अन्न का दान करना चाहिए।
पितरों के निमित्त श्राद्ध प्रातः 11:36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक ही करना चाहिए।
श्राद्ध में गाय के घी, दूध और दही का प्रयोग उत्तम माना जाता है।
पितृ कब है?
पितृ पक्ष या श्राद्ध लगभग 16 दिनों का होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है। पितृसत्ता 2022 कब शुरू हो रही है? वर्ष 2022 में पितृ पक्ष 10 सितंबर, शनिवार से शुरू होकर 25 सितंबर 2022 को समाप्त होगा।
पितृ पक्ष कितने बजे शुरू होता है?
अमावस्या से भाद्रपद की पूर्णिमा और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पितृ पक्ष कहते हैं। वर्ष 2022 में पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 (शनिवार) से शुरू होकर 25 सितंबर 2022 (रविवार) तक रहेगा।
श्राद्ध की तिथि कैसे पता करें 2022?
पितृ पक्ष 2022 प्रारंभ तिथि और समय: पितृ पक्ष 2022, किस दिन श्राद्ध: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन शनिवार को शुरू होगा। पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन रविवार को समाप्त होगा।
श्राद्ध कर्म में गेहूँ, सरसों, जौ, धान और मक्का से युक्त भोजन से पितरों की तृप्ति होती है।
श्राद्ध में लहसुन, प्याज, दाल, पेठा, लौकी, चना, चना, काला नमक और बैगन वर्जित है।
जिस स्थान पर श्राद्ध करना हो उस स्थान पर थोड़े से काले तिल बिखेर दें, ताकि अशुद्ध शक्तियां दूर हो जाएं और उनके पूर्वज आ जाएं।
पितरों के लिए सोना, चांदी और तांबे के बर्तन में भोजन करना चाहिए।
श्राद्ध के दौरान शव को गाय या बकरी को खिलाएं या बहते पानी में छोड़ दें।
श्राद्ध के समय एक हाथ से पिंडदान करें और अग्नि को अर्पित करें और दोनों हाथों से तर्पण करें।
भाग्यशाली महिलाओं का श्राद्ध नवमी के दिन करना चाहिए। जिनके पूर्वज युद्ध में मारे गए हों या जिनकी मृत्यु हो गई हो, उनका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन करना चाहिए।
जिनके पूर्वज स्वाभाविक रूप से मर गए हैं, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन करना चाहिए।
श्राद्ध में मामा, भतीजे, गुरु, दामाद और भाई को भोजन कराना सबसे अच्छा माना जाता है।
श्राद्ध के भोजन पर मित्रों को आमंत्रित नहीं करना चाहिए।
ये जानकारी धार्मिक मान्यताओं और धर्मनिरपेक्ष मान्यताओं पर आधारित हैं, जिन्हें आम जनहित को ध्यान में रखकर ही प्रस्तुत किया गया है।