लोमड़ी ने मुर्गे से क्या कहा था | rooster and fox story moral

मुर्गा और लोमड़ी कहानी एक शिक्षाप्रद कथा है, जो हमें सतर्कता और चतुराई से काम लेने की शिक्षा देती है।

कहानी विस्तार से:

किसी गाँव के पास एक घना जंगल था। जंगल के किनारे एक बड़ा पेड़ था, जहाँ एक मुर्गा रहता था। वह सुबह होते ही जोर-जोर से बांग देकर गाँव वालों को जगाया करता था।

एक दिन, एक भूखी लोमड़ी उस मुर्गे को देखकर सोचने लगी कि कैसे इसे अपना शिकार बनाया जाए। वह चतुर और चालाक थी, इसलिए उसने एक योजना बनाई।

लोमड़ी मुर्गे के पास पहुँची और विनम्र स्वर में बोली,
"हे मित्र मुर्गे, तुम कितनी मधुर आवाज में बांग देते हो। तुम्हारी आवाज तो पूरे जंगल में गूंजती है। मैं तुमसे एक खास संदेश लेकर आई हूँ। जंगल के राजा ने यह घोषणा की है कि अब से सभी जानवर भाईचारे और शांति से रहेंगे। कोई किसी का शिकार नहीं करेगा। तुम नीचे आकर मुझसे मिलो, ताकि हम इस खुशी का जश्न मना सकें।"

भूखी लोमड़ी कहानी (hungry fox story in hindi)

मुर्गा लोमड़ी की बात सुनकर समझ गया कि यह उसे धोखा देकर फँसाना चाहती है। उसने भी चालाकी से जवाब दिया,
"वाह, यह तो बड़ी अच्छी खबर है। मुझे भी बहुत खुशी हुई। देखो, कुछ शिकारी कुत्ते आ रहे हैं। वे भी इस शुभ समाचार को सुनकर बहुत प्रसन्न होंगे। मैं उन्हें यहीं बुला लेता हूँ।"

यह सुनते ही लोमड़ी डर गई। उसने पीछे मुड़कर देखा और तुरंत भाग खड़ी हुई।

कहानी से शिक्षा:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि संकट के समय चतुराई और सतर्कता से काम लेना चाहिए। साथ ही, हमेशा मीठी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके पीछे छल भी हो सकता है।

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