इस्कॉन मंदिर किसका है | Which ISKCON temple is famous in Mumbai

 मुंबई इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्स्कियस चैण्ड्र्या) मंदिर मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित है और यह भगवान कृष्ण की भक्ति, सेवा, और उपदेश को प्रमोट करने का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर का निर्माण आचार्य भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा 1978 में शुरू किया गया था।

मुंबई इस्कॉन मंदिर की अद्वितीयता उसके विशाल और प्राचीन भारतीय संस्कृति के आदर्शों और विचारधारा के प्रति विश्वास को प्रकट करती है। मंदिर की वास्तुकला ने भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक एतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया है।

इस मंदिर के मुख्य भवन का डिज़ाइन प्राचीन भारतीय मंदिरों की धारा का पालन करता है। वास्तुकला में समर्पित इस मंदिर में भगवान कृष्ण की श्रीमद् भगवद गीता में दिए गए उपदेशों के साथ-साथ उनके जीवन के कई पहलुओं का प्रतिष्ठान है।

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मंदिर के प्रमुख संग्रहालय में दर्शकों को उनके जीवन, कार्य, और विचारों की अद्वितीय जानकारी मिलती है। यहां दिखाए गए आर्टिफैक्ट्स, चित्र, और प्रतिमाएँ उनके उपदेशों की महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं और विचारशीलता को प्रोत्साहित करते हैं।

इस्कॉन मंदिर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक भगवान कृष्ण की मूर्ति है, जिसका दर्शन करने के लिए लाखों भक्त हर साल आते हैं। मूर्ति की शांति और सौंदर्यता केवल दर्शकों को नहीं बल्कि उनकी आत्मा को भी शांति प्रदान करती है।

मंदिर में आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम, कथा कला, भजन संध्या, और सांस्कृतिक प्रसाद के आयोजन से भक्तों की आदर्श जीवनशैली को प्रोत्साहित किया जाता है।

इस्कॉन मंदिर के साथ-साथ एक अन्य महत्वपूर्ण पहलु उसके सामाजिक और पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का है। मंदिर समुदाय द्वारा पेड़ों की रक्षा, प्लास्टिक की उपयोग पर नियंत्रण, और प्रदूषण कमी के लिए अनेक पहलुओं में सहयोग करता है।

इस्कॉन मंदिर किसका है?(Whose ISKCON temple is it?)

इस्कॉन मंदिर श्री श्री राधा कृष्ण की भक्ति और उनके शिक्षक चेतना को प्रमोट करने वाले अंतरराष्ट्रीय सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्स्कियसनेस का हिस्सा है। इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण की भक्ति, आध्यात्मिकता, और सेवा को प्रमोट करना है।

इस्कॉन का मतलब क्या होता है?(What is the meaning of ISKCON)

इस्कॉन का मतलब होता है "इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्स्कियसनेस"।

भारत में कुल कितने इस्कॉन मंदिर है?(How many ISKCON temples are there in India)

भारत में कुल 40 से अधिक इस्कॉन मंदिर थे। लेकिन नए मंदिरों की स्थापना हो सकती है, तो वर्तमान समय में यह आंकड़ा बदल चुका हो सकता है।

मुंबई में कौन सा इस्कॉन मंदिर प्रसिद्ध है?(Which ISKCON temple is famous in Mumbai)

मुंबई में स्थित श्री स्री राधा रसबिहारी इस्कॉन टेम्पल एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो भगवान श्री कृष्ण और श्रीमती राधारानी को समर्पित है। इस मंदिर को जुहू बीच पर स्थित पाया जाता है और यह मुंबई के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।

इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्स्कियसनेस) एक आध्यात्मिक संगठन है जो भगवान कृष्ण के भक्ति और उनके शिक्षक चेतना की प्रचार करता है। इस संगठन का मुख्य केंद्र बनारसीपुर में है, लेकिन उन्होंने विभिन्न भागों में टेम्पल्स की स्थापना की है, जिनमें से एक मुंबई में है।

श्री स्री राधा रसबिहारी इस्कॉन टेम्पल मुंबई का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं। यह टेम्पल 1978 में स्थापित किया गया था और सिन्गापुर के लोकेश्वर आंदी महाराज ने इसे शुरू किया था।

टेम्पल की शृंगार विग्रहों में भगवान कृष्ण और राधारानी के मूर्तियाँ हैं, जो उनके विशेष लीलाओं को दर्शाती हैं। इन मूर्तियों की श्रद्धालु द्वारा पूजा और आराधना की जाती है।

इस्कॉन मंदिर के आस-पास एक शृंगारिक बाग़ और शिक्षा केंद्र भी है, जहाँ परम्पारागत वेदांत शिक्षा, योग, ध्यान आदि की शिक्षा दी जाती है।

यहाँ के प्रमुख आयोजनों में जन्माष्टमी, रास पूर्णिमा, होली, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और कई अन्य धार्मिक उत्सव शामिल हैं। इन अवसरों पर भक्तों की भीड़ बड़ी होती है और विशेष पूजा, कीर्तन, और प्रसाद वितरण किया जाता है।

इस्कॉन मंदिर मुंबई ने आध्यात्मिकता, कला, और सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी अपना योगदान दिया है। वे चिकित्सा, शिक्षा, और गरीबों की सहायता के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं।

इस प्रकार, श्री स्री राधा रसबिहारी इस्कॉन टेम्पल मुंबई में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक स्थल के रूप में उभरा है और लोगों को शांति की प्राप्ति होती हैं. 

इस्कॉन जाने का सही समय क्या है?(What is the best time to visit ISKCON)

इस्कॉन मंदिरों के खुलने और बंद होने का समय भिन्न-भिन्न हो सकता है, क्योंकि यह भिन्न स्थानों पर स्थित हैं। आपको विशेष इस्कॉन मंदिर की वेबसाइट या स्थानीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी जाती है ताकि आप उनके खुलने और बंद होने के समय के बारे में जान सकें।

मुंबई के इस्कॉन मंदिर कैसे जाएं?(How to reach ISKCON temple in Mumbai)

मुंबई के श्री स्री राधा रसबिहारी इस्कॉन टेम्पल को पहुंचने के लिए आप निम्नलिखित रास्तों का उपयोग कर सकते हैं:

बस: मुंबई में आप बस सेवाओं का उपयोग करके टेम्पल पहुंच सकते हैं। टेम्पल के पास एक बस स्टॉप है जिस पर आपको बसें उपलब्ध हो सकती हैं।

टैक्सी / ऑटोरिक्शा: आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा का उपयोग करके भी टेम्पल पहुंच सकते हैं।

मेट्रो: मुंबई मेट्रो की सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग करके आप अपने स्थान से निकलकर टेम्पल पहुंच सकते हैं।

स्वनिगम कार: यदि आपके पास स्वनिगम कार है, तो नागरिकता जानकारी के साथ आप टेम्पल पहुंच सकते हैं।

टेम्पल के पते और स्थान की अधिक जानकारी के लिए, आप इस्कॉन मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट या नक्शे का उपयोग कर सकते हैं।

इस्कॉन मंदिर में 3 मूर्तियां कौन सी हैं?(What are the 3 idols in ISKCON temple)

मुंबई के श्री स्री राधा रसबिहारी इस्कॉन टेम्पल में निम्नलिखित तीन मूर्तियाँ हैं:

श्री श्री राधा रसबिहारी: यह मूर्तियाँ भगवान कृष्ण की श्रीमती राधारानी के साथ विराजमान हैं। वे भगवान की लीलाओं और प्रेम की प्रतिमा हैं।

श्री श्री गौर नीताइ: यह मूर्तियाँ श्री चैतन्य महाप्रभु और नित्यानंद प्रभु को प्रस्तुत करती हैं, जो हिंदी धर्म के महान संत और आचार्य थे।

श्री पंचतत्त्व: इस मूर्तियाँ के रूप में श्री चैतन्य महाप्रभु, नित्यानंद प्रभु, आद्वैताचार्य, श्रिवासादि पंचतत्त्व शामिल हैं, जो आध्यात्मिकता की प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

ये मूर्तियाँ इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालुओं की आराधना के लिए स्थापित की गई हैं।

इस्कॉन का नियम क्या है?(What is the rule of ISKCON)

मुंबई इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्स्कियस चैण्ड्र्या) का उद्देश्य भगवान कृष्ण के भक्ति और सेवा को प्रमोट करना है। इसके नियम उसके धार्मिक और सामाजिक कार्यों को नियामित करने के लिए होते हैं, जिनमें आत्मसमर्पण, साधना, सेवा, सात्विक आहार आदि शामिल हो सकते हैं। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, कृपया मुंबई इस्कॉन की आधिकारिक वेबसाइट पर जांच करें।

इस्कॉन मंदिर की सच्चाई(Truth of ISKCON Temple)

इस्कॉन मंदिर (इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्स्कियस चैण्ड्र्या) भगवान कृष्ण की भक्ति और सेवा को प्रमोट करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। इसके संस्थापक आचार्य भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद थे।

मंदिर ने विभिन्न शहरों और देशों में शाखाएं स्थापित की है और वह भगवान कृष्ण की प्रतिष्ठा और पूजा के लिए स्थान प्रदान करते हैं। इसके अलावा, इस्कॉन मंदिरों में भगवान कृष्ण के जीवन और उपदेशों की बोध की जाती है, साथ ही भक्ति संगीत, कथा कीर्तन और धार्मिक प्रसाद की व्यवस्था भी होती है।

इस्कॉन मंदिर के बारे में विभिन्न मतभेद और विवाद भी समय-समय पर उठते हैं, लेकिन यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक भिन्न हो सकते हैं। यदि आपको इसके बारे में अधिक जानकारी चाहिए, तो आपको आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करना चाहिए।

इस्कॉन मंदिर कहां है(where is iskcon temple)

1.मुंबई में इस्कॉन मंदिर जुहू पर वायली निवासी माता जी मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर जुहू बीच के पास स्थित है और यहां पर भगवान कृष्ण की मूर्ति की पूजा की जाती है।

2.इस्कॉन मंदिर कई शहरों और देशों में स्थित हैं। भारत में भी कई शहरों में इस्कॉन मंदिर हैं, जैसे कि मुंबई, दिल्ली, बंगलौर, हैदराबाद, वृंदावन, जयपुर, चेन्नई, और अहमदाबाद में। विश्वभर में भी कई देशों में इस्कॉन मंदिर हैं। आपके नजदीकी शहर में एक इस्कॉन मंदिर हो सकता है, इसलिए आपको अपने शहर के इस्कॉन मंदिर की जानकारी के लिए गूगल या आधिकारिक वेबसाइट का सहायता लेना चाहिए।

इस्कॉन मंदिर का इतिहास(History of ISKCON Temple)

मुंबई में स्थित इस्कॉन मंदिर का निर्माण और विकास एक दिनांक से आगे बढ़ने वाली महत्वपूर्ण कहानी है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के भक्ति और सेवा के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

ISKCON temple Mumbai
pic credit:isconjuhu

इस्कॉन मंदिर का निर्माण आचार्य भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा 1978 में शुरू हुआ था। स्वामी प्रभुपाद ने इसकी शुरुआत विशेष रूप से किया था ताकि मुंबई के लोग भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त कर सकें। इसके निर्माण की प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें वित्तीय समस्याएं भी शामिल थीं।

मंदिर का निर्माण विचारपूर्ण तथा धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था। स्वामी प्रभुपाद के प्रेरणास्त्रोत और भक्तों के सहयोग से मंदिर की निर्माण योजना आगे बढ़ी। 1978 में मंदिर की नींव रखी गई और उसके बाद निर्माण का कार्य शुरू हुआ।

इस्कॉन मंदिर की वास्तुकला और डिज़ाइन भारतीय संस्कृति के मौलिक अंशों को मिलाकर बनाई गई है। मंदिर के प्रमुख भवन ने आकर्षक स्वरूप में अपने दर्शकों को प्रभावित किया है। मंदिर की मुख्य दोमेन के ऊपर भगवान कृष्ण की प्रतिमा स्थापित है, जिसका दर्शन करने के लिए लाखों लोग हर साल आते हैं।

समय के साथ, इस्कॉन मंदिर मुंबई ने अपने कार्यक्रम और सामाजिक पहचान को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही, मंदिर ने अनेक धार्मिक, सामाजिक और पर्यावरण संरक्षण के कार्यक्रमों में भाग लिया है।

इस्कॉन मंदिर मुंबई के द्वारा आयोजित की जाने वाली धार्मिक कथा कला, संगीत कार्यक्रम और जागरण आदि लोगों की आत्मा को शांति और उत्तेजना प्रदान करते हैं।

इस्कॉन मंदिर मुंबई का इतिहास एक समृद्ध और सामर्थ्यपूर्ण संगठन की उन्नति की कहानी है, जो भगवान कृष्ण की पूजा और सेवा के प्रति लोगों की आदर्श भावना को प्रोत्साहित करता है।


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