गरीब से अमीर तक की कहानी | Garib aur amir ki dosti

राघव एक गरीब  घर  से है जिसके घर में अनेकों प्रकार की  दुविधा और संघर्ष के अलावा कोई भी चीज नहीं है इस परिवार में केवल  3 बड़ी बहन  और दो छोटे भाई  है इसके अलावा  उसके साथ कोई भी नहीं  माता-पिता पहले गुजर जाने के बाद  यह घर बिल्कुल एक उस घर की जैसे हैं  जो ना पूरी तरीके से  बसा हुआ नजर आता है और ना ही  उजड़ा हुआ एक दिन  राघव  मजदूरी करने जा रहा था 


 राघव को  मजदूरी करने जाता देख एक अमीर के लड़के ने उसको रोक कर  उसके बारे में पूछना शुरू किया तो  वही अमीर थक सा रह गया  उसकी पूरी हिस्ट्री सुनने के बाद वह हम अमीर अपने आप को बहुत ही धनवान रहता है तो भी  अपने आपको  निर्बल समझने लगा 



 वह अमीर आदमी सोचने लगा की जब  हमारे पास इतना सारा  धन है तू मैं इसका फायदा किसी और को दे दो इसमें हमें बहुत सास्वाद मिलेगा और  किसी का बिगड़ा काम बना दे  इससे  भला बात  हो भी नहीं सकता यह सोचकर वह अगले दिन राघव को अपने घर बुलाता है और वह राघव को अपनी फैक्ट्री में काम के लिए बोलता है राघव को यह बात बहुत पसंद आता है  राघव तुरंत मंजूरी ले लेता है कि हम कल से तुम्हारे ही  फैक्ट्री में काम करूंगा

 यह बात सुनकर अमीर आदमी ने राघव के ऊपर बहुत पसंद होता है और वह उसको एक घर का सदस्य मान के फैक्ट्री में काम पर लगा देता है राघव का काम बस यही है कितना माल कंपनी में आ रहा है और कितना माल  फैक्ट्री से बाहर निकल रहा है यही सब हिसाब  देखना था राघव इस बात से बहुत पसंद हो मालिक  का  जहां पर राघव को 8 घंटा करना रहता था  वहीं पर वह 12 घंटा काम करता है और फिर खुशी खुशी अपने घर को चले आता है

गरीब से अमीर तक



 साल भर बीतने के बाद राघव के मालिक  ने  उसके समझ बूझ को देखते हुए  उसकी पोस्टिंग दूसरी वाली फैक्ट्री में लगा देते हैं उसमें उसका काम  मैनेजर का काम देते हैं मैनेजर का काम  पाकर  वह  बहुत खुश हुआ  और उसके मालिक ने  उसकी सैलरी  को डबल कर दिया और आने जाने के लिए एक बाइक भी दे दिया

  राघव  इस समय  ₹25000 पाता है  और वह अपने आप को   उस कंपनी में बहुत ही  दिल लगाकर काम करता है  यह बात देख उस अमीर घराने की घर वालों ने बहुत ही खुशी की उमंग  पड़ी  यह बात इसलिए  हुआ क्योंकि   जब कोई और मैनेजर था  तब इतना फायदा उस कंपनी का नहीं होता था जब यह  राघव पहुंचा वहां पर  कंपनी में प्रगति होने लगी और दिन रात काम भी चलने लगा

 धीरे  धीरे 4 से 5 साल बीते  इतने  दिनों में  राघव के पास  कुछ  पैसे भी हो गए थे  अपनी बहन  की शादी के लिए बर खोजने दूर के गांव में जा  पहुंचा  वहां पर पहुंच  कर  सगे नए संबंधी से मिलता है  और सब का आशीर्वाद लेता है इतने में  जिस लड़की को देखने गया रहता वह आ जाता है  राघव देखते ही   लड़के को  पसंद कर लेता है  और एक फोटो लेकर  अपनी बहन को दिखाने के लिए घर पर लाता है


 फोटो देख उसकी बहन  थोड़ा सा  शर्माने लगती है  और वहां से हंसते हुए फोटो लेकर  घर के अंदर में चले जाते  उसकी  बाद उसकी दोनों और बहने  वहीं पर  उसका पीछा करते जा पहुंचते हैं  और जिद करने लगते हैं कि जीजा को को दिखाओ वह लड़की शर्माती है और फोटो छिपाती  थोड़ी देर ऐसी में चलता है  फिर वह दोनों बहने  बड़ी बहन को जकड़ लेते हैं उसके बाद फोटो छीन लेते हैं

 सबको पसंद हो जाता है शादी  का दिन  भी  पढ़ जाता है  और शादी बड़े ही धूमधाम से मालिक खुद अपने पैसे से करवा देते हैं यह खुशहाली  किसी  के दिल में समा जाए  तो माफ करना बढ़िया ही खुशी का दिन है ऐसे  खुशहाली बार-बार नहीं आती  उसके सभी रिश्तेदार बड़े ही दिलचस्प और धन में बल में थोड़ा कमजोर है  लेकिन तो इनके घर में बहुत ही अच्छा स्वभाव है एक गरीब के घर में अच्छा प्यार ओरिजिनल दुलार होता है




 फैक्ट्री में काम करने राघव जाया करता है फिर धीरे-धीरे मालिक का लड़का  राघव  के बहन से  प्यार करने लगता है और वह अपने घर वालों को बता देता है कि हम शादी राघव की बहन रानी से करेंगे  यह बात सुनकर घरवाले एक तरफ से दुखी होते हैं  दूसरी तरफ से  खुश होना पड़ता है  फिर वह सब लोग  राघव के  घर जाने  के लिए राजी हो जाते हैं 


 उस अमीर लड़के  के घरवालों  राघव के घर पहुंचते हैं उसकी  मझिला बहन को देखकर  जिसका नाम रानी है उसको देख कर और लोग थक रह जाते हैं इतनी सुंदर काया देखकर वह लोग थम सा जाते हैं और जिस बात का उन लोगों को दिक्कत खाए जा रही थी उस बात की शंका एकदम जड़ से खत्म हो गई


 रानी का  चेहरा देख सभी लोग दंग रह गए  और फिर रानी से शादी करने के लिए उस लड़के  के घरवाले  एकदम पूरी तरीके से  राजी हो गए  और पंडित जी को बुला कर जल्दी से जल्द लाने का  कार्य राघव को देते हैं राघव बहुत ही जल्द  से जाता है और पंडित जी को बुला कर ले आता है दिन मुहूर्त होने जाने के बाद  पूरी पतरा देख लेने के बाद पंडित जी ने बताया इन दोनों का  बहुत बढ़िया जतरा है और अगले ही महीने   में  इनके शादी का  शुभ मुहूर्त  पड़ रहा है

 रानी के शादी में  बहुत ही सारे अमीर  मेहमान आए होते हैं और बड़े ही धूमधाम से रानी की शादी होती है  रानी  के  शादी में मेर  मेर के   पकवान बने होते हैं  खाने वाले बड़े ही धूमधाम  से  खाते पीते हैं  शादी का आनंद लेते हैं सभी बड़े मेहमान बहुत ही स्वाभाविक रूप से दिल के भी अमीर होते हैं   यह  इसलिए  क्योंकि  किसी भी गरीब घर की लड़की  का  अमीर घराने में शादी हो जाए  ऐसा बहुत कम मिलता है


 तीसरी बहन  का  नाम गीता बताया गया जो बहनों में सबसे छोटी सबसे प्यारी और दुलारी होती है 1 साल बाद उसका शादी करने के लिए शहर के एक लड़का जो अभी पढ़ाई कर रहा है और वह खास रिश्तेदार  मैं भी पड़ता है  उस लड़के का नाम अभय बताया गया अभय अभी भी बहुत ही नेचुरल लोगों में से एक है इसका स्वभाव चाय  गुटखा पन मसाला यह सब  से बिल्कुल  दूर  रहता है इसका यह मानना है अगर हम सुधर गए हैं तो हमारे जैसे बहुत से भाई सुधर जा सकते हैं और हम ही नहीं  सुधरे तो  जमाना सुधारना मुश्किल का काम है 

 अभय की पढ़ाई समाप्त होती है पढ़ाई समाप्त होते ही अभय और गीता शादी कर लेते हैं  जैसे रानी के शादी में बड़े मेहमान आए थे  बड़े अमीरजादे आए थे  ठीक उसी तरह गीता के भी शादी में  बहुत सारे मेहमान आए  खूब सारी मिठाइयां  पकवान खाकर लोगों ने बहुत ही  सराहा  और वह शादी होते ही घर चली जाती है गीता घर में अपनी बहुत खुश है


 उसके बाद राघव को खाना बनाने में दिक्कत का सामना करना पड़ जाता है राघव थोड़े दिन  इस जूझता है  फिर वह एक अच्छी सी लड़की देख कर शादी कर लेता है  शादी मैं  अपने तीनों जीजा को बुलाता है शादी इतनी धूमधाम से होती है सभी लोग देखकर एक  चकित सा रह जाते हैं  इतनी धूम धड़ाका बाड़ा बाजा बैंड  देख कर सब गांव वाले हैरान रह जाते हैं  

इसे भी पढ़े 






और नया पुराने