इनमे बहुत सारी बातो का ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती है जैसे आपको खाने-पिने नहाने में समझने की जरूरत पड़ सकती है जब नहाते है तो आपको कौन सा साबुन आपके स्किन को नस्ट नहीं करता और कौन सा खारब कर रहा उसे बिलकुल बदल के किसी और shop का प्रयोग करना सुरु कर दे और क्या हम खाते जिससे हमको बड़ी परेशानिओ का सामना करना पड़ जाता है
जैसे हम जानते है की हमारे खाने में भी कभी-कभी बड़ी समस्याओ का सामना करना पड़ता है जैसे बहुत सी तेल में भुने चीजे खाने पर हमें पाचक तंत्र ठीक से काम नहीं करता और हमे गैस जैसे काफी भयानक बिमारिओ का सामना करना पड़ जाता है
इसलिए हमें इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए ज्यादा तला भुना खाने से बचे
मै नियमित बयांम करने लगा अब हमें डॉक्टर के फीस और दवाई से छुटकारा मिल गया इस समय हम सही से नीद भी लेता हु अभी तक हमने चार पांच लोगो को बता भी चुका हु वे सब भी इस वक्त सुबह-सुबह हमारे साथ ही जग जाते है नहा धोके सही समय पर तैयार हो काम पर चले जाते है कुछ ऐसा महसूस होने लगा जैसे की जीवन धन्य सा हो गया हो
लेकिन पहले ऐसा बिलकुल नहीं होता था हम पांचो नम्बर एक के पियक्क्ड़ थे हम सब के बयांम ने दारू पिने की तलब को कम कर दिया है और गुटका अब अच्छा नहीं लगता है लगता वह जल्दी छूट जाएगा
एक बात का हम सभी को भरोशा हो गया है समय पर खाया पीया सोया जाय तब जाके तंदुरुस्ती मिलती है अब हम लोग अपने घरों में भी इस बयाम के बारे में बताना शुरू कर दिया है और घर वाले भी उसको नियमित रूप से करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं सब लोग बड़े चैन सुकून में रहते हैं और भगवान भोलेनाथ के भक्त भी हो चुके हैं
एक दोस्त को सही तरीके से ना बयाम करने और जाने पर स्कत सा लगता है उस भाई को मछली मुर्गा खाने में ज्यादा इंटरेस्ट आता है और डेली वह मीट मछली खाते चाहे वह सावन हो या हो नवरत्र इस वक्त मुर्गी सस्ता हो जाने पर इतना खुस हो जाते जैसे सोने पर सुहागा रोज सुबह शाम मीट खाकर अपच जैसे खतरनाक समस्या को खुद जबरदस्ती पाल कर हर पांच दिन में 12 सौ से 15 सौ की दवा लेकर खाते तो भी प्रॉपर आराम नहीं मिलता इस समय उनकी उम्र करीब 25 बर्ष की होगी अब आप ही अंदाजा लगा सकते है की क्या फर्क पड़ता है
जब ऐसे सब लोग करने लागे तो भला क्या होगा
हमारे एक आंटी है जो महीने 3 से 4 बार झार फुक कराती जब भी वह बीमार पड़ती है तो उन्हें दवाई बाद में पहले सोखा को बुलाना पड़ता है ऐ उनकी मर्जी है हमारा नहीं बाद में किसी दवाखाना पर ले जाने को बोलती है आखिर में आराम वही पर होता इसलिए सभी से निवेदन है की पहले दवाई बाद में शोखाई सबका साथ करे पक्का बिस्वाश होने ना पाए कोई घात पुरे मित्र गढ़ से दोनों हाथ जोड़कर विनती है पहले दवा कराये
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