वैष्णववाद की सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक विष्णु पुराण, जिसमें ब्रह्मांड के पालनहार भगवान विष्णु की लीलाओं का वर्णन है, पाया जाता है। रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा इसमें भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का भी उल्लेख है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि कलयुग की अवधि अन्य युगों में सबसे छोटी होगी।
विष्णु पुराण में कलयुग का वर्णन करते हुए कहा गया है कि कलयुग में पाप इतना अधिक होगा कि सृष्टि का संतुलन बिगड़ जाएगा। कलयुग का कड़वा सच संतुलन न बिगड़े, इसके लिए व्यक्ति को समय-समय पर आगाह भी किया जाएगा, लेकिन वह उनकी उपेक्षा भी करेगा। पुराणों में लिखी बातें हर दिन आपके सामने से गुजरती हुई प्रतीत होंगी और इस पुराण में मनुष्य की उम्र के बारे में कही गई बातों को जानकर आप हैरान हो सकते हैं।
उम्र होगी
विष्णु पुराण में बताया गया है कि मनुष्य की आयु सीमा धीरे-धीरे कम होती जाएगी और अंत में केवल 20 वर्ष शेष रह जाएंगे। क्या छोटे बच्चों में बढ़ती गंभीर बीमारियाँ, वायरस और घटती आयु सीमा यह संकेत नहीं दे रहे हैं कि ऐसा समय अवश्य आएगा? kalyug age कलयुग में लोगों के बाल बहुत कम उम्र में सफेद होने लगेंगे और 12 साल की उम्र में लोगों के बाल सफेद होने लगेंगे।
कलयुग को लेकर पुराणों में लिखी ये बातें सच साबित हो रही हैं
धार्मिक नेता ऐसे होंगे
पुराणों में बताया गया है कि चतुर और लोभी व्यक्ति कलियुग युग में विद्वान कहलाएगा। ऐसे लोग भी धर्मात्मा कहलायेंगे। शास्त्रों और वेदों को कोई नहीं मानेगा। कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता सभी धर्मगुरु लोगों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करेंगे। ज्ञान की बातें करेंगे लेकिन व्यवहार राक्षसी होगा।
यह बात शादी को लेकर लिखी गई है
कलयुग में शादी एक तरह का समझौता होगा। कलयुग से बचने के उपाय लोगों में एक दूसरे के प्रति समर्पण और सम्मान की कमी होगी। आज जिस तरह से शादियां हो रही हैं, वह परिवार चलाने के लिए नहीं, बल्कि एक समझौता मात्र है। जो सबसे ज्यादा दहेज देगा उसकी शादी होगी, यह एक तरह का समझौता है।
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जब कलयुग चरम पर होगा, भगवान का जन्म होगा, ये पत्नी और बच्चों के नाम होंगे
इस तरह परेशानी होगी
नाना प्रकार के रोग, सर्दी, गर्मी, वर्षा तथा ऋतु परिवर्तन से मनुष्य परेशान व दुखी होंगे। बेमौसम बारिश, सर्दी, गर्मी फसल को बर्बाद कर देगी। नदियां, तालाब, जलाशय सब सूख जाएंगे। पानी के बिना धरती फटने लगेगी और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने लगेंगे। बारिश नहीं होने से किसान आत्महत्या करेंगे। इसलिए पानी बचाने पर ध्यान दें।
ऐसे लोग सदाचारी कहलायेंगे
कलयुग में जिस व्यक्ति के पास धन नहीं होगा वह अधर्मी, अपवित्र और निकम्मा माना जाएगा और जिसके पास धन होगा उसे सदाचारी माना जाएगा और न्याय केवल एक शक्ति के आधार पर लागू होगा। धन के आधार पर ही व्यक्ति के अच्छे कुल की पहचान होगी। वे पैसे के लिए अपने रिश्तेदारों और दोस्तों का खून बहाने से नहीं हिचकिचाएंगे। देखा जाए तो आजकल यह सब सच होता जा रहा है, पैसे के लिए लोग अपने ही रिश्तेदारों और परिजनों का खून बहा रहे हैं।
उनकी पूजा की जाएगी
लोग झूठ और दिखावे का सहारा लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन इसमें नुकसान उनका ही होगा। कलयुग में सत्ता के बल पर लोग अपनी प्रजा की रक्षा आसानी से नहीं कर पाएंगे। बल्कि टैक्स लेने के बहाने प्रजा का पैसा हड़प लेंगे। लोग भूत-प्रेतों को देवता मानकर पूजा करने लगेंगे।
ऐसे खायेंगे
अन्न के अभाव में मनुष्य फिर से जड़-फल आदि का आश्रित हो जायेगा और अक्षम व्यक्ति सुखी नहीं रह पायेगा। कलियुग में लोगों के आलस्य और निष्क्रियता का उल्लेख विष्णु पुराण में भी मिलता है। इसके अनुसार लोग बिना नहाए ही भोजन कर लेंगे ।
इस तरह धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती की मृत्यु हुई, कलयुग फिर से शुरू हो गया
कलयुग की सबसे अच्छी चीज
वेदव्यासजी ने भी कलयुग को सभी युगों में सर्वश्रेष्ठ युग बताया है। कलयुग की रामायण उन्होंने कहा है कि सतयुग में मनुष्य 10 वर्ष तक जप करके पुण्य प्राप्त करता है, त्रेतायुग और द्वापर युग में एक वर्ष की तपस्या से वही पुण्य प्राप्त होता है, तो कलियुग में वही महान पुण्य केवल एक दिन की तपस्या से प्राप्त होता है। प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार कलयुग व्रत और तपस्या का फल पाने का सर्वोत्तम समय है। सच्ची भक्ति से मनुष्य ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।