बहुत समय पहले की बात है,किसान और भालू की कहानी एक छोटे से गांव में एक किसान रहता था। वह मेहनती था और अपनी आजीविका के लिए खेती करता था। उसके पास एक बड़ा खेत था, जिसमें वह कई तरह की फसलें उगाता था। एक दिन, किसान अपने खेत में काम कर रहा था जब उसने देखा कि एक बड़ा भालू उसके खेत के किनारे घूम रहा है।
किसान को डर तो लगा, लेकिन उसने सोचा कि अगर वह भालू को भगाने की कोशिश करेगा, तो वह गुस्से में आ सकता है। उसने साहस जुटाया और भालू से पूछा,
"तुम यहां क्यों घूम रहे हो? क्या तुम मुझे या मेरे खेत को नुकसान पहुंचाने आए हो?"
भालू ने धीरे से कहा,
"नहीं, किसान। मैं बस भूखा हूं। जंगल में खाने को कुछ नहीं मिल रहा, इसलिए मैं यहां आ गया हूं।"
किसान ने सोचा कि अगर वह भालू को मदद करेगा, तो वह उसका दोस्त बन सकता है। उसने भालू से कहा,
"अगर तुम वादा करो कि मेरी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाओगे, तो मैं तुम्हें खाने के लिए कुछ दूंगा।"
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भालू ने वादा किया और किसान ने उसे अपने खेत से कुछ फल और सब्जियां दीं। भालू बहुत खुश हुआ और कहा,
"तुमने मेरी मदद की है, अब मैं तुम्हारी मदद करूंगा। जब भी तुम्हें मेरी जरूरत हो, मुझे बुला लेना।"
किसान ने इसे मजाक समझा और हंसते हुए भालू को विदा कर दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद, गांव में चोरों का एक गिरोह आ गया। उन्होंने किसान के खेत से उसकी फसल चुराने की योजना बनाई। किसान को जब इस बात का पता चला, तो वह बहुत घबरा गया।
तभी उसे भालू की याद आई। उसने भालू को आवाज लगाई, और कुछ ही देर में भालू आ गया। किसान ने अपनी समस्या बताई। भालू ने कहा,
"चिंता मत करो, मैं तुम्हारी फसल की रक्षा करूंगा।"
रात को जब चोर किसान के खेत में घुसे, तो भालू ने उन पर जोर से दहाड़ लगाई। चोर डरकर भाग गए और कभी वापस नहीं आए।
उस दिन के बाद किसान और भालू अच्छे दोस्त बन गए। किसान भालू को हमेशा खाने को देता और भालू किसान के खेत की रक्षा करता। दोनों ने एक-दूसरे की मदद से जीवन बिताया।
शिक्षा:
यह कहानी सिखाती है कि यदि हम दूसरों की मदद करते हैं, तो बदले में हमें भी उनकी मदद मिलती है। साथ ही, दोस्ती और विश्वास का महत्व भी हमें समझ आता है।