तीन भालू की कहानी, जिसे "गोल्डीलॉक्स और तीन भालू" के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध लोककथा है। यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि बिना अनुमति के किसी की चीज़ें इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। आइए विस्तार से जानें:
कहानी:
एक घने जंगल में तीन भालू रहते थे। उनका एक छोटा सा घर था, जहाँ वे खुशी-खुशी रहते थे। तीनों भालू थे:
पापा भालू - सबसे बड़े और मजबूत।
मम्मी भालू - मृदु और समझदार।
बच्चा भालू - छोटा और प्यारा।
एक दिन मम्मी भालू ने नाश्ते के लिए दलिया (पॉरिज) बनाया। लेकिन वह बहुत गर्म था, इसलिए तीनों भालू खाने से पहले जंगल में टहलने चले गए, ताकि दलिया ठंडा हो जाए।
गोल्डीलॉक्स का आगमन:
उसी समय, एक छोटी लड़की, जिसका नाम गोल्डीलॉक्स था, जंगल में घूमते-घूमते भालुओं के घर पहुँच गई। उसने दरवाजा खुला पाया और बिना किसी की अनुमति के अंदर चली गई।
पहला कमरा (दलिया चखना):
उसने पापा भालू का दलिया चखा, लेकिन वह बहुत गर्म था।
मम्मी भालू का दलिया चखा, लेकिन वह बहुत ठंडा था।
फिर उसने बच्चा भालू का दलिया चखा, जो न तो ज्यादा गर्म था और न ही ठंडा। उसे यह पसंद आया, और उसने सारा दलिया खा लिया।
दूसरा कमरा (कुर्सी पर बैठना):
फिर वह बैठक में गई और पापा भालू की कुर्सी पर बैठी। वह बहुत बड़ी और कठोर थी।
मम्मी भालू की कुर्सी पर बैठी, जो बहुत नरम थी।
बच्चा भालू की छोटी कुर्सी पर बैठी। यह उसे ठीक लगी, लेकिन जब वह बैठी, तो कुर्सी टूट गई।
तीसरा कमरा (बिस्तर पर सोना):
थोड़ी देर बाद वह थक गई और सोने के लिए बेडरूम में गई।
पापा भालू का बिस्तर बहुत कठोर था।
मम्मी भालू का बिस्तर बहुत नरम था।
बच्चा भालू का बिस्तर उसे एकदम सही लगा, और वह उस पर सो गई।
भालुओं की वापसी:
कुछ समय बाद तीनों भालू घर लौटे।
उन्होंने देखा कि किसी ने उनका दलिया चखा है। बच्चा भालू ने कहा, "किसी ने मेरा सारा दलिया खा लिया!"
उन्होंने अपनी कुर्सियाँ देखीं। बच्चा भालू ने रोते हुए कहा, "किसी ने मेरी कुर्सी तोड़ दी!"
शेर और चूहे की कहानी (the story of the lion and the mouse in hindi)
फिर वे बेडरूम में गए। पापा और मम्मी भालू ने देखा कि उनके बिस्तर पर कोई नहीं था। बच्चा भालू ने देखा कि उसकी बिस्तर पर एक लड़की सो रही थी।
गोल्डीलॉक्स की भागदौड़:
भालूओं की आवाज़ सुनकर गोल्डीलॉक्स की आँख खुल गई। उसने भालुओं को देखा और डर के मारे तुरंत खिड़की से कूदकर भाग गई।
शिक्षा:
यह कहानी सिखाती है:
बिना अनुमति के किसी के घर में घुसना गलत है।
दूसरों की चीज़ों का आदर करना चाहिए।
हर व्यक्ति की पसंद और जरूरतें अलग-अलग होती हैं।
यह एक मजेदार और नैतिकता से भरी कहानी है, जिसे बच्चे बहुत पसंद करते हैं।