गरीबो की बुरी कहानी | When will the poor get freedom

 

दोस्तों आज की इस कहानी में गरीबों की चर्चा करेंगे जिससे गरीब एकदम व्याकुल और तबाह अधिकतर रहता है अभी इन दिनों में गरीबों के ऊपर एकदम पहाड़ टूट चुका आजकल ना काम है और ना कोई धंधा है बिल्कुल एकदम बेरोजगार लोग हो चुके है कहीं कमाने धमाने का कोई जरिया नहीं बन रहा है
यह गरीब जब भी कोई सरकार आती है जब भी कोई आफत आती है तो यही करीब केवल पीसा जाता है और  मारा जाता है यह बात बिल्कुल आईने की तरह साफ है जैसे कि मोदी सरकार के सारे फैसले बहुत ही कड़क साबित होते जा रहे हैं


इस फैसले से केवल ही केवल गरीब परेशान हो रहा है उसके लिए ना आज के दिन में ना कोई काम बचा है ना ही कोई धंधा जिससे इस समय उसको अपना घर भी चलाना मुश्किल पड़ गया है ऐसे में कहीं पर भी परदेस में जाते हैं तो वहां के लोगों का कहना है कि तुम यूपी-बिहार वाले चाहे जहां मुंह उठा कर चले जाते हो अभी का अभी इस वक्त की बात है मुंबई से लोग निकाले जा रहे हैं


यह बात क्यों हुआ हमारे उत्तर प्रदेश भाइयों को किसी भी देश से निकालने का कोई भी फैसला कर लेता है जैसे वह देश उसी का हो कुछ दिन पहले तेलंगाना से हमारे कयूम भाई भगाए गए और उनका कहना है किस देश में केवल तेलंगाना का ही आदमी रहे बायली भाइयों को बड़ा ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है


यह इसलिए की यूपी बिहार में जनसंख्या ज्यादा है और काम धंधे बहुत कम इसलिए बाहर से लोगों को अन्य किसी शहरों से यह भाई लोग हर एक जगह से खदेरे जाते हैं और दर-दर भटकते हैं ठोकर खाते हैं यही कारण है कि हमारे भाई यूपी बिहार वाले बहुत पीछे हैं मान लेते हैं
गरीब का लॉकडाउन
पांच 7 महीने के लिए जाते हैं कमाने तो उसमें 3 चार महीना कर पाते हैं और ओ भी कभी ठेकेदार पैसा लेकर बैठ जाता है तो कभी कंपनी वालों ने यूपी बिहार वालों का पैसा गरीब भाइयों का पैसा नहीं देते हैं और वह गरीब भाई किसी से झगड़ा कैसे कर सकता है


ओ भी परदेस में ए हमारे गरीब भाइयों का ही नुकसान है ना कि किसी अमीर जादे का हमारे गरीब भाई इस परेशानी से बहुत ही ज्यादा व्याकुल और प्रताड़ित जैसा रहते हैं इनके लिए सोचने वाला नहीं है इनको कोई समझने वाला नहीं है सरकार भी इन्हीं को प्रताड़ित करती है


प्रदेश का रहन सहन परदेस में जाते समय हर एक आदमी हजार दो 2000 रुपया लेकर जाता है चाहे वहां से भी रुपया ना लाए लेकिन तो घर से जब जाता है निश्चित कुछ ना कुछ रुपया लेकर जाता है एक बार की बात है देख सोहन नाम का लड़का जिसके घर में एक बूढ़ी मां और एक बहन है और यह लड़का यूपी का बस्ती जिले का रहने वाला है

मंदबुद्धि राजा की कहानी 

यह शुद पर 3000 रुपया लेकर आया था वह ₹1000 घर पर दे देता है और ₹2000 लेकर चेन्नई चला जाता है वहां काम कर ने के लिए चला जाता है वहां पहुंचकर उसको लगभग 10 दिन तक इधर उधर काम का तलाश करता है


और कहीं काम ना मिलने के कारण वह लड़का निराश होकर अपने घर पर फोन करता है फोन सुनकर उसके घर वाले कहते हैं चले आओ जब वहां काम नहीं मिल रहा है अभी चले आओ लेकिन तो पैसा खत्म हो चुका था इतनी महंगाई में इतना नजदीक भी नहीं था कि वह पैदल चले आए फिर वह 2 दिन और रहा एक दोस्त ने उसे कहीं काम पर लगा दिया


वहां पर उसको ₹350 में काम पर रख लिया और इतना हार्ड काम करवाता था 9 घंटा करवाता था 10 घंटा करवाता था और पैसा वही 350 रुपए देता था ऐसे में आखिर में कहां जाए वह धीरे धीरे दिन काट रहा उस लड़के ने कहीं और ढंग का काम तलाशने को सोचा और एक दिन कोई उसको ठग मिल जाता है


वह लेकर चला ही गया होता लेकिन तो कुछ बातों से वह लड़का समझ गया था अरे आदमी सही आदमी नहीं है पता चले यहां से जाकर वहां पर से भी बड़ा दिक्कत सामना करना पड़े यह सोचकर वह नहीं जाता है अभी 3 महीने हो चुके हैं उस लड़के को हिसाब भी देने से वह मालिक इनकार कर रहा है
की यहां का नियम मानना होगा यहां पर जब पैसे आते हैं तभी दिया जाता है उसके पहले कोई पैसा यहां पर नहीं पाता है यह सुनकर वह लड़का बहुत घबराने लगा वह सोचने लगा हमारा तो किसी तरीके से चल जा रहा है लेकिन तो हमारे घर वालों का क्या हाल होगा
धीरे धीरे 5 महीना भी बीत गया और उस मालिक का मतलब और कुछ उसूल है अगर हम इसको पैसा दे देते हैं तो 350 रुपए में लेबर मिलना मुश्किल की बात है इसको हमने हिसाब दे दिया कर तो फिर 3:30 सौ में 8 से 10 घंटा काम करने वाले फिर उसको खोजना पड़ेगा
ऐसे में दिन बीता जाता है उस लड़के के घर से फोन जाता है की घर पर मां बीमार है उसके दवा के लिए कुछ पैसे भेज दो वह मालिक से कहता है मालिक कहता है अगले महीने में हम पैसा लगा देंगे अब बताओ मां उसकी आज बीमार है पैसा अगले महीने में लगा देंगे ऐसे कैसे चलेगा यही यही बात हम बार-बार अपनी सरकार और कार्यकर्ताओं से कहता हूं की
रोजगार के लिए कोई यहां Up बिहार में संसाधन लगाओ जिससे हमारे यूपी बिहार के भाई को प्रदेश जाने की जरूरत ना हो यह बात बताते चलें की सरकार कोई भी नियम लगाती है इसमें ज्यादातर गरीब ही झुलसता है इसलिए कोई भी नियम लगाने के पहले सरकार और सभी कार्यकर्ता इस बात का बहुत गौर करें इस सबसे पहले गरीब को सही ठिकाने पर लगा कर कोई सवाल और कोई नियम लागू करें
सभी लोग कहते हैं शहरों में बसने वाले सभी लोग हरजाई होते हैं हां हम लोग हैं हरजाई क्योंकि आज उसके यहां कल उसके यहां परसों उसके यहां तो इसलिए मैं हूं हरजाई हमारा भी तमन्ना होता है कि हम अपने गांव में ही काम करें और किसी ना किसी का हेल्प करते रहें लेकिन तो ऐसा कोई काम ही नहीं है
कहां पर रेगुलर मिलता रहे 1 दिन करोगे 4 दिन छुट्टी हो जाएगी इसी तरीके से काम चलता है आप उस लड़के के 6 महीना बीत चुके हैं उसके पहले उसने किसी दोस्त का सहारा लेकर उसने कुछ पैसा घर भिजवा दिया था उसकी मां का दवा हुआ उसकी मां इस समय अभी ठीक है और उसकी बहन शायान हो चुकी है
शादी करने लायक हो गई है ओ लड़का कमाता है काम करता जाता है अभी वह लड़का मदुरई के कुछ ही दूर पर रहता है और वहां से 5 से 7 किलोमीटर दूर काम करने जाता है इस समय उसको मालिक ने ₹370 देने,को बोला है का बहुत खुश है लेकिन तू इस बात का उसको दुख है
इस शहर में अपने गांव का अकेला ही रहता है खुद बनाकर खाता है कभी कभार देरी तक सो जाने के कारण उसको टाइम में थोड़ा लेट हो जाता है तो भी उसको काफी डांटे खानी पड़ती है वह लड़का यह सोचकर कमाता है की खूब पैसा कमा कर जाऊंगा अपनी बहन का शादी करूंगा अभी तक उसको 8 महीने बीत चुके हैं
वह बड़े ही दिलचस्पी से काम करता है देख सेठ करता था उस घर का मालिक उस पर खुश होकर उसको 5000 रुपए इनाम के रूप में दिए वह लड़का बहुत खुश होता है और तत्काल घर पर फोन लगाकर घर पर यह बात बताता है उसके लिए एक बहुत बड़ी बात रहती है और, वह ₹5000 रुपए घर पर ही लगा देता और अपनी बहना से बोलता है
तुम लोग अच्छे से खाना पीना और हम कमा के कुछ दिन में घर पर आएंगे इतने में उसकी मां फोन ले लेती है और बात करने लगती वह लड़का अपनी मां से बहन की शादी करने की बात करता है की मां, मैं कमाकर आऊंगा अपनी बहना का शादी बड़ी धूमधाम से करूंगा इसलिए मैं आ नहीं पा रहा हूं बहुत सारे पैसा इकट्ठा करना है और हम यह करके लौटेंगे मां बहुत खुश होती है चलो और बेटी का शादी हो जाएगा फिर जीवन सफल हो जाएगा
वह लड़का यह सोचकर काम करने लगा उसके उसको इस समय 10 महीने हो चुके हैं और वह रोज काम पर जाता है उसका कहना है जब तक हम बहना का शादी नहीं कर लेते तक हम एक दिन बैठेंगे जिस दिन वह बीमार रहता था काम पर जाता था और नहीं नहीं खांसी सर्दी जुखाम बुखार हर एक समय में वह आ जाता था और काम करता था
अब हम बताएंगे वह लड़का क्या करता था कौन सा काम करता था वह लड़का पेंटिंग का काम करता था वॉल पेंटिंग यही सब करता था धीरे-धीरे उसको काम का रिहर्सल भी हो गया था और काम भी बड़ी सफाई से करने लगे लगा था काम देख सेठ उसके बहुत खुश हो जाते थे, उसके दो चार दोस्त भी वहां पर बन गए थे जिनके साथ उस लड़के का आना जाना था, आज सभी लोग बहुत खुश खुश काम करते हैं
जिस ठेकेदार के पास, वह लड़का काम करता है वह अब सुधर गया है अब वह टाइम टाइम पर पैसा देने लगा है वह लड़का तत्काल अपनी मां के खाता में देता है और बोलता है यह पैसा सब शादी में काम आएंगे अभी घर भी बनवाना है, वह लड़का काम करते हैं बहुत ढेरों पैसे कमाया और घर आकर बहन का शादी बड़े धूमधाम से किया
और सूद का का पैसा जो लेकर गया उसको भी शूद मुर के साथ वापस लौटा दिया और फिर परदेस की तरफ निकल पड़ा वहां जाकर उसने खूब पैसा कमाया और अपनी माता का के खाता मैं भेजता था अब इस समय उसका ठेकेदार समय समय पर पैसा देने लगा है विश्वास हो गया है
अब यह कहीं दूसरी जगह जाने वाला नहीं है ऐसे, मैं,इस बार वह लड़का करीब 2 साल तक वहीं पर रहा और पैसा मां के खाते में डालता रहा अब उसको दिन हो गया है अब उसको दिन हो गया है घर आने का और वह ₹2000 जेब में रखकर निकल पड़ता है
यह सोच कर की, घर पर चलेंगे और घर बनाएंगे इस विचार में वह वहां से निकल पड़ता है रास्ते में आते समय वह टिकट ले लेता है और खाने पीने की चीजें भी खरीद लेता है और बैग लेकर गाड़ी में बैठ जाता है
वह जब स्टेशन पर उतरता है उसके हाथ में बैग देख चोरों ने उसको लूटने को सोचा उन लोगों एक योजना बनाई चोरों ने ही एक ऑटो लॉकर उसके सामने खड़े हो जाते हैं और उसके सभी साथी इधर-उधर के गाना बनाकर चुपके से उसको देखते हैं वह लोग उसको लूटने के चक्कर में रहते हैं उन लोगों को नहीं पता था,
की इसके पास पैसे हैं या नहीं थे उनको यह पता था कमा कर रहा है जरूर ज्यादा रुपया ला रहा होगा कुछ ही दूरी पर सुनसान जगह देखकर चोरों ने उसको सब तरह से पकड़ लिए और उसका लिया सब समान छीन लेते जब उसके पास भारी माल ना पाकर सभी चोर बहुत गुस्से में होते हैं
और उसको खूब मारते हैं मरा जानकर चोर लोग भाग जाते हैं लेकिन तो वह लड़का मरा नहीं था वह लड़का वही पड़ा रहा जब उसको होश आई तो वह गांव वालों को जोर-जोर से चिल्लाकर बुलाया और गांव वाले सब इकट्ठा हुए कहानी सुनकर सब सन्न रह गए और उसको उठाकर पास के ही क्लीनिक पर ले गए और
उस गांव वालो ने दवाई सुई करवाएं इतना मारे थे वह चोरों ने उसके कपड़े तक फट एक भाई ने उसको तत्काल जाकर रेडिमेंट पैंट और शर्ट खरीद कर ला कर दे दिया किसी ने उसको खाना खिला दिया और उसके घर भिजवाने का पूरे बंदोबस्त किया दोस्तों यह रही उस लड़के की कहानी परदेस मैं दर बदर भटकने वालों की चटपटी कहानी दोस्तों कैसा लगा परदेसी बलम
इसे भी पढ़े : गरीब कैसे बने करोड़पति की कहानी | amir kaise bane 


हनुमान जी के पंचमुखी मुख के पीछे क्या है रहस्य | Secret of five faces of Hanuman ji
और नया पुराने