Darsh Amavasya Vrat 2022: जीवन में भर जयेगी खुशियां बस दर्श अमावस्या के दिन करें ये काम, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

 

दर्श अमावस्या क्या होती है

Darsh Amavasya Vrat 2022: दर्श अमावस्या के दिन जो लोग चंद्रमा की पूजा याचना करते हैं, उन पर  चंद्र देव की विशेष कृपा बनी रहती है. चंद्रदेव उनकी प्रार्थना को सुनकर उनके सारी मनोकामना पूरा किया करते हैं.


दर्श अमावस्या 2022 व्रत


Darsh Amavasya Vrat 2022: दर्श अमावस्या के दिन आसमान में चंद्रमा दिखाई नहीं दिया करती है. इस दिन पूर्वजों की पूजा अर्चना भी रिवाज होता है और इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अनिवार्य माना जाया करता है. ऐसी मान्यता भी है कि दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya Vrat 2022) के दिन पूर्वज स्वर्ग से धरती पर आया करते हैं और अपने परिजनो को आशीर्वाद दिया करते हैं. इसलिए इस दिन पूर्वजों के लिए प्रार्थना किया जाता है.

दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya Vrat 2022) को श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जानते  है. पित्र दोष से छुटकारा पाने हेतु दान पुण्य करना बहुत ही शुभ माना गया है. दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) 28 जून 2022 को मनाई जा रही है .यह  दिन मंगलवार रहेगा हर माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) रूप में माना जाता है.


ज्योतिष काल गणना के हिसाब से दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya Vrat 2022) अबकी बार 28 जून दिन मंगलवार को मनाई जा रही है. इस दिन सुबह 9:10 से 10:58 तक अमृत काल का योग है. और 11:56 से 12:52 तक अभिजीत शुभ मुहूर्त है.


दर्श अमावस्या 2022 के महत्व-Darsh Amavasya Vrat 2022 Importance



दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya Vrat 2022 ) के दिन चंद्रमा की पूजा विधि विधान करने से मन को शांति मिलती है. इसके साथ पित्र दोष के छुटकारा पाने  लिए भी दर्श अमावस्या बेहद महत्व वाला व्रत होता है (Darsh Amavasya Vrat 2022 Importance)  पितरों को खुश रखने के लिए प्रातः काल नहा धो करके तर्पण करने की जरूरत होती है . इससे जीवन में  खुशहाली भर जाती है. जिन ब्यक्ति के कुंडली में चंद्रमा कमजोर रहता है. उन जातको को दर्श अमावस्या का व्रत रख करके चंद्रदेव की प्रार्थना याचना करने की जरूरत होती है. इससे उनका भाग्य उदय हो जाता है. और धन आने का मार्ग खुल जाता है. 

हिन्दू धर्म ग्रंथों में इसकी मान्यता है कि अमावस्या के दिन प्रेत आत्माएं सक्रिय रहती हैं. इस नाते दर्शन अमावस्या के दिन बुरे कर्मो से विशेष दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है. पूजा-पाठ एवं धार्मिक कार्य में ख़ास ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर आपका जीवन संघर्षपूर्ण चल रहा है तो दर्श अमावस्या का व्रत आप जरूर रखे और चंद्रमा का पूजन याचना करें. जिससे आपका नैया सफलता की ओर आकर्षित होने लगेगा. और एक दिन आपको सफलता अवश्य मिल जाएगी.


Darsh Amavasya Vrat ki aek kahani

यह कहानी उस दिन की है जब बालेन्द्र अपनी जिंदगी से परेशान होकर ऊब चुके थे तब किसी ने उन्हें Darsh Amavasya Vrat के बारे में बताया उसने बताये हुए विधि विधान व्रत का पालन करके Darsh vart रखा उसके बाद से उसकी जिंदगी ही बदल गई आज वह सभी लोगो से Darsh Amavasya Vrat की बारे में सभी से बताता रहता है और बड़ा बखान करता रहता है 

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