इस्लामी नए साल की तारीख शुरुआत हर वर्ष बदलती रहती है यह इसलिए क्योकि इस्लामी कैलेंडर सौर कैलेंडर की तुलना में 11 दिन कम माना जाता है। मुहर्रम के एक दिन पहले Maal Hijrah या इस्लामीओ का नव वर्ष मनाया जाया करता है। यह एक नए साल के जश्न की तुलना में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम माना जाता है। मुस्लिम धर्म में रहने वाले लोग शांति अथवा दुआओं के साथ इस्लामिक न्यू साल का स्वागत किया करते हैं।
मुसलमानों के द्वारा मनाया जाने वाला नया साल में सोर -हल्ला नहीं किया करते है बल्कि यह एक काफी शांतिपूर्ण उत्सव होता है। इस दिन सभी मुस्लिम दुआ करने के लिए मस्जिदों की तरफ जाकर जमा हो जाते है। यह ऐसा दिन होता है जो पैगंबर मुहम्मद अकबरी को श्रद्धांजलि के जैसा करने के लिए मनाते रहते हैं।
अब आप सभी को हमारी ओर से इस्लामिक का नया साल मुबारक हो, आपको नए साल की बहुत मुबारकबाद (Happy Islamic New Year to All. Islamic New Year Information in Hindi.)
इस्लामिक नए साल की ख़ास जानकारी - Islamic New Year 2022
इस्लामी नया वर्ष 2022, इस्लामी नया साल मुबारक, इस्लामिक नया साल मुबारक, इस्लामिक नए साल की मुबारकबाद 2022, इस्लाम नया साल 2022, इस्लामिक न्यू ईयर, इस्लाम नए साल की जानकारी इन हिंदी, अल हिजरा इस्लामिक नया साल, अल हिजरा इस्लामिक नया साल मुबारक हो, इस्लाम information in hindi, इस्लामिक नया साल क्या होता है और इसे कैसे मानाया जाता है, इस्लामिक नया साल कब से सुरु हो रहा है 2022 में।
हैप्पी इस्लामिक न्यू ईयर 2022, इस्लामिक न्यू ईयर विश इन हिंदी, इस्लामिक न्यू ईयर क्या है, इस्लामिक न्यू ईयर कब है, इस्लामिक, नया इस्लामिक साल मुबारक, इस्लामिक माहे का नया साल मुबारक, उर्दू, नया हिजरी साल 1439 मुबारक हो, इस्लामिक नया वर्ष हिंदी, इस्लामी त्योहार, मोहर्रम नया साल कब शुरू होगा। इस्लामिक न्यू ईयर की पुरी जानकारी हिंदी में।
Islamic नए साल का बहुत जरूरी हिस्सा मक्का से मदीना तक मुहम्मद की यात्रा (हिजरा) बताई गई है। जिस दिन पैगंबर मुहम्मद मक्का से मदीना पहुंचे थे उसी दिन इस्लामी में नए साल का जश्न मनाया जाता है। यह दिन मक्का वाले दमनकारी गैर-मुस्लिम जनजाति से भागने का प्रतीक माना जाता हैं।
मक्का में ऐसे लोग पहले ऐसे लोग भी थे जो आपस में बड़ी दुश्मनी रखा करते थे उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के साथियों के साथ बुरा बर्ताव किया करते , अत्याचार करने शुरू कर दिए थे । इस नाते मुहम्मद साहब ने अपने सम्पूर्ण साथीओ को लेकर अबू बकर के साथ ऊंट पर मक्का से मदीना यात्रा करने लगे । मदीना में उन्हें कुछ अच्छे लोग मिल गिए और अपना समुदाय और धर्म बढ़ाने की इजाजत दे दी ।
यह इत्तेफाक 622 ईस्वी की थी तो इसलिए इस्लामी नया साल मक्का से मदीना तक पैगंबर मुहम्मद की यात्रा को दर्शाता रहता है। इस्लामिक कैलेंडर की प्ररम्भ साल 1439 में हुई थी यानि इस साल इस्लामिक सन् 2022 चल रहा है।
इस्लामी नया साल कैसे मनाते है?
इस्लामिक नए वर्ष में मुस्लिम समुदायों के लोग नए साल के कार्ड और उपहारों का आदान-प्रदान किया करते है। जो मुस्लिम पैगंबर मुहम्मद बताई हुई बातों का पालन किया करते है जिन्हे सुन्नी मुस्लिम कहा जाता है। सुन्नी मुसलमान इस दिन रोजा रखा करते है फिरहाल इसमें शिया मुस्लिम भी नए साल की गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा नहीं लिया करते है।
शिया मुस्लिम अपने करबाला की लड़ाई का शौक किया करते है और इसे दुःख के महीने के रूप में देखा करते है। जिसे आशुरा भी कहा जाता है ये मुहर्रम के दसवें दिन समाप्त होता है। इसी तरह, सुन्नी मुस्लिम भी इस दिन को ज्यादा गंभीरता से नही लिया करते है यह इसलिए क्योंकि इससे कुछ समय पहले अबू बकर की मुत्यु हो गई थी।
इस्लामी नया साल के तिथि में बुबुर असुर एक पारंपरिक पकवान होता है। अपने नए साल का शुरुआत करने के लिए मुस्लिम मस्जिदों में एक जगह इकठ्ठा हो जाते है। यह दिन खली जगहों और मस्जिदों में प्रार्थनाएं और उपदेश आयोजित किए जाया करते हैं। अन्य धार्मिक गतिविधियों में जो की पवित्र पुस्तक, आध्यात्मिक गंगा अथवा कुरान के पाठ शामिल होते हैं।
मुसलमानों का अल-हिजरा या इस्लामिक नया साल पार्टियों एवं समाराहों की तुलना में स्वयं प्रतिबिंब अथवा ऐतिहासिक जागरूकता के लिए एक अवधि का प्रतिनिधित्व किया करता है। वे सोचते और जनते है की पिछले वर्ष की बुरी यादों को कैसे भुला दू और आने वाले अगले वर्ष को बेहतर जीवन जीने का संकल्प कैसे करू ।
रमजान के उपरांत मुहर्रम इस्लामी वर्ष का दूसरा सबसे खासो में ख़ास महिना होता है। मुहर्रम महीने के 10वें दिन कुछ मुस्लिम आशुरा चिह्नित किया करते है जो ब्यक्ति इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन इब्न अली की शहादत माना करते हैं।
इस्लामिक नए साल से जुड़ी बातें
इस्लामी नव वर्ष इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने के पहले दिन प्ररम्भ हो जाता है।
इस्लामी मानता के अनुसार वर्ष के पहले महीने में मुहर्रम पड़ता है।
इस्लामिक नया साल की शुरूआत तब होती है जिस समय 622 ईस्वी में धार्मिक उत्पीडन से बच बचा के पैगंबर मुहम्मद मक्का से मदीना चले आये थे।
इसे इस्लामी ग्रंथो में नए साल को जन्म दिया (प्रवासन) जिसे अरबी में हिजरा बोला जाता है।
इस्लामी कैलेंडर चंद्र वर्ष पर आधारित होता है।
इस्लामी कैलेंडर में 12 महीने है परन्तु केवल 354 या 355 दिन ही होते है।
इस्लामी नव वर्ष ख़ासतौर पर कम जरूरी धार्मिक घटनाओं को जोड़कर मनाया जाया करता है।
यह दिन कुछ मुस्लिम देशों में आधिकारिओ को सरकारी अवकाश रहता है परन्तु यह दूसरों जन जातिओ में रोज की जैसे कामकाजी के दिन होते हैं।
ये यह दर्शाता है की विश्वास रखने वाले लोगों के लिए कठिनाइयों के बाद सरलता की आशा होती हैं।
मुस्लिम के माँ-बाप परम्परा स्वरूप इस रात को मक्का से मदीना तक मुहम्मद की यात्रा की बात को अपने बच्चों को बताया करते हैं।
2022 में इस्लामी नया साल कब है?
इस्लामी नव वर्ष 2022 में 9 से 10 अगस्त को होता है। 9 अगस्त की शाम से शुरू होगा और 10 अगस्त को समापन हो जाएगा । परन्तु यह तारीख दिन बदल सकती है क्योंकि इस्लामिक कैलेंडर चंद्र कैलेंडर पर आधारित रहता हैं।
इस्लामिक नया साल सूर्यास्त के बाद चंद्रमा को देखने के बाद शुरू हो जाता है, यह मुहर्रम की शुरूआत को चिह्नित कर देता है। इस तरह से हर एक वर्ष तारीख बदल जाया करती है। इस्लामी कैलेंडर सौर-आधारित ग्रेगोरियन कैलेंडर से 11 से 12 दिन का छोटा होता है।
2022 में अधिकतर इस्लामीक देशों अथवा समुदायों के लिए 9 अगस्त को पड़ रहा है । इस्लामी नए साल को विश्वास के लिए समर्पित एक दिन का माना जाया करता है और एक समय होता है जब मुसलमान इस्लाम की शुरूआत की सम्मान किया करते है।
इस्लामिक नया वर्ष इंडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया एवं सयुक्त अरब अमीरात जैसे जगहों सार्वजनिक अवकाश मिल जाता है। पहली इस्लामी साल 622 ईस्वी में मक्का से मदीना तक पैगंबर मुहम्मद के उस प्रवासन के साथ प्ररम्भ हुआ था।
हम आशा करते है, अब आप Islamic New Year के बारे में जान चुके होंगे की इस्लामी नया साल 2022 में कब पड़ रहा है, इस्लामिक नया साल क्यों मनाया करते है, (अल हिजरा All Hijara) एवं इस्लामी न्यू ईयर क्या होता है।
इस्लाम की बहुत सारी जानकारिया
कुरान में क्या लिखा है हिंदी में बताओ?
कुरान में लिखा है मूर्ती पूजने वाला जातक नापाक होता है- कुरान सूरा 9 आयत 28 में लिखा गया है हे इमां वाले (मुसलमानों) मुशरिक (मूर्ती पूजक) नापाक होता है।कुरान में लिखा है उन काफिरों का क़त्ल अल्लाह किया करता है- कुरान आयत 8/17 और 18 दोनो में यह लिखा हुआ है जो काफिरों का क़त्ल नहीं किया है अल्लाह ने उनका क़त्ल किया है।
अल्लाह का जन्म कब हुआ था?
1) इस्लाम धर्म के संस्थापक थे हजरत मुहम्मद (2) हजरत मुहम्मद का Janm 570 ई. में मक्का में हो गया था . (3) हजरत मुहम्मद को 610 ई. में मृत्य हो गई थी