मैना के बारे में क्या खास है | tota maina ki kahani

 

तोता मैना की कहानी क्या है (What is the story of Parrot Myna)

तोता-मैना एक प्रसिद्ध हिंदी कहानी है जो बच्चों के बीच विशेष रूप से पसंद की जाती है। यह कहानी एक तोते और एक मैना के बारे में है, जो एक जंगल में रहते हैं।


कहानी के अनुसार, तोता और मैना दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। तोता ने कभी भी मैना की आवाज या उसकी सुंदर फीथलों की टक्कर नहीं मारी थी। तोता को बस गाने गाने और बातें करने का शौक था। मैना ने भी कभी तोते के लिए कुछ बुरा नहीं सोचा था।


एक दिन, तोता ने मैना से कहा कि उसे अपनी बात सुनाने के लिए एक निश्चित समय चाहिए। मैना ने तोते की बात सुनी और फिर अपने फीथलों की मदद से एक बहुत ही सुंदर गीत गाया। तोता ने मैना की आवाज सुनी और बहुत खुश हुआ। उसने मैना को बताया कि उसकी आवाज बहुत ही सुंदर है और उसे सुनकर उसकी आत्मा को शांति मिलती है।


तोता ने अगले दिन सुबह से शुरू होते ही अपनी फीथलों की मदद से गाना गाना शुरू किया। मैना ने भी तुरंत गाने लगी दोने बड़े खुश थे. 


क्या मैना मादा तोता है (Is myna a female parrot)

नहीं, मैना और तोता दोनों अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों हैं। मैना और तोता दोनों बहुत ही सुंदर पक्षियों में से हैं, जो भारत और अन्य देशों में पाए जाते हैं। मैना और तोता दोनों के अपने विशिष्ट गुण होते हैं, जिनके कारण वे प्रतिदिन अनेकों लोगों को खुश करते हैं।


तोता कौन से देवता का वाहन है (Parrot is the vehicle of which deity)

तोता को कोई विशेष देवता का वाहन माना नहीं जाता है। भारतीय संस्कृति में, कुछ विशेष प्राणियों को कुछ विशेष देवताओं का वाहन माना जाता है। हालांकि, तोता एक अलग-अलग प्रजाति का पक्षी है जिसे कि भारतीय संस्कृति में देवताओं के साथ कोई रिश्ता नहीं होता है।


तोते के स्त्री लिंग को क्या कहते हैं (What is the female gender of parrot called)


तोते के स्त्री लिंग को 'मादा तोता' कहा जाता है। तोते का मादा तोता भारत और अन्य कुछ देशों में पाया जाता है और उसकी सुनहरी रंगत और उसकी अद्भुत बोली लोगों को आकर्षित करती है। मादा तोता अपने जोड़ीदार और बख्शीश मांगने वाले तरीकों से भी जानी जाती है।


क्या तोता पालना पाप होता है ( Is it a sin to keep a parrot)

नहीं, तोता पालना किसी भी तरह का पाप नहीं होता है। तोते एक सुंदर और मनोरंजक पालतू पक्षी होते हैं, जो अपनी सुनहरी रंगत और अद्भुत बोली के लिए जाने जाते हैं। बहुत सारे लोग तोते को पालते हैं और उन्हें अपने पालतू पक्षियों के रूप में अपने घरों में रखते हैं। इसे पालने से किसी भी तरह का पाप नहीं होता है।


तोता का असली नाम क्या है (What is the real name of the parrot)

तोता का वैज्ञानिक नाम "Psittaciformes" होता है, जो एक विशेष पक्षी वर्ग को दर्शाता है। इस वर्ग में तोते के अलावा अन्य पक्षी जैसे की पॉलिट, कोकटू, लोरी और परेकी शामिल होते हैं। तोते के अलावा इस वर्ग में कई अन्य प्रजातियां होती हैं, जो भिन्न-भिन्न आकार और रंगों में होती हैं।


मैना के बारे में क्या खास है (What is special about Maina)

मैना एक बहुत बुद्धिमान और समझदार पक्षी है। यह एक मास्टर इमिटेटर होता है और अन्य पक्षियों, मनुष्यों और जानवरों की आवाज़ों को नकल कर सकता है। इसकी नकल करने की क्षमता काफी उच्च होती है, जिससे इसे "भाषा चालक" कहा जाता है।


इसके अलावा, मैना एक सोशल पक्षी होता है जो अकेलापन पसंद नहीं करता। यह एक समूह में रहना पसंद करता है और बड़े समूहों में एक साथ रहता है। इसकी समाजी और बुद्धिमान धारणा की वजह से, मैना कई देशों में एक लोकप्रिय पालतू पक्षी है।


नर और मादा तोते में क्या अंतर है (What is the difference between male and female parrot)

तोतों में, नर तोते और मादा तोते में कुछ अंतर होता है। यहाँ कुछ मुख्य अंतर दिए गए हैं:


आकार: आमतौर पर, नर तोते अपनी मादा से थोड़े बड़े होते हैं। इसके अलावा, नर तोतों के चोंच और पंख के रंग में मादाओं से थोड़ा अंतर होता है।


विनम्रता: मादा तोते नर तोतों से अधिक विनम्र होते हैं। वे अपने साथियों के साथ समझौते करने में अधिक रुचि रखती हैं और नरों के साथ उन्हें कभी भी झगड़ा नहीं करना पड़ता।


अंडे देने की क्षमता: मादा तोते अंडे देने की क्षमता रखती हैं। वे अपने अंडों को ध्यान से रखती हैं और उन्हें बचाने के लिए नरों के साथ समझौता करती हैं।


आवाज़: मादा तोते अपनी आवाज़ में थोड़ा सा अंतर रखते हैं। वे अपने साथियों को बुलाने के लिए एक उच्च और तंग आवाज़ निकालती हैं, जबकि नर तोते अपनी आवाज़ में थोड़े कम तरंग वाले रंग का उपयोग करते हैं।


मैना की उम्र कितनी होती है (How old is Maina)

मैना एक ऐसा पक्षी है जो लंबी उम्र तक जीवित रह सकता है। माना जाता है कि मैना की उम्र १२-१५ वर्ष हो सकती है। इसके अलावा, कुछ मैना जीवनकाल भी २० वर्ष से अधिक तक रह सकते हैं।


तोता मैना की फोटो

अगर हम आपसे पूछें कि तोते का महिला लिंग क्या होता है, तो आप निडर होकर तोती कहेंगे।  तोता कोई भी कह सकता है।  लेकिन तोता सार्वभौमिक नहीं है।  तोते के साथ मैना का ही नाम आयेगा।  मैना को तोते के साथ लाने का श्रेय भोगवती नगर के राजा रूप सेन को जाता है।  राजा रूपसेन के पास एक तोता था।  एक दिन राजा रूपसेन ने तोते से पूछा-


  मैं किसके साथ शादी करूंगा?  ,


  तोते ने निडर होकर उत्तर दिया -


  मगध प्रान्त की  राजकुमारी चंद्रावती के साथ में होगा ।


  मगध देश की राजकुमारी चंद्रावती का एक मैना था।  मैना ने भोगवती नगर के राजा रूपसेन से राजकुमारी चंद्रावती के विवाह की भी भविष्यवाणी की थी।  फिर क्या था ?  जब ज्योतिषियों से इस बारे में पूछा गया तो ज्योतिषियों ने भी इस भविष्यवाणी पर अपनी मुहर लगा दी।


  राजा रूपसेन और राजकुमारी चंद्रावती का विवाह धूमधाम से हुआ।  राजकुमारी के साथ उसकी प्यारी मैना भी भोगवती नगर आई।  चूंकि राजकुमारी और राजा की मुलाकात तोते मैना की भविष्यवाणी से हुई थी, इसलिए राजा ने भी उनका विवाह धूमधाम से कराया।  लेकिन इस शादी में किसी ने तोता मैना की ख्वाहिश नहीं पूछी.  दोनों एक ही पिंजरे में कैद थे।


  हालांकि यह एक अंतर्जातीय विवाह था, लेकिन यह प्रेम विवाह नहीं था।  न तो उनका रूप एक जैसा था और न ही उनकी भाषा।  एक तोता था और दूसरा मैना ।  इसलिए उन्हें भुगतना पड़ा।  दुख का एक बहाना है।  बहाना मिल गया एक आदमी को बेवफा कह रहा था और दूसरा औरत को।  अंत तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।  राजा रूप सेन भी उनका झगड़ा नहीं सुलझा पाए।  उनके झगड़े से कई किस्से किस्से बन गए।  न तो पुरुष बेवफा साबित हुआ और न ही औरत।  वफादारी और बेवफाई का मिश्रण स्त्री और पुरुष दोनों में होता है।  उसी तरह दोनों तोते लड़ते-लड़ते इस दुनिया से चले गए थे।  तोते मैना की मृत्यु के बाद राजा ने उन दोनों का मकबरा बनवाया।  उनकी कहानी को बैताल पचीसी की चौथी कहानी में स्थान मिला है।

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  बहुत दिनों बाद तोते मैना की इस कहानी से प्रेरणा लेकर कोई उनकी कहानी को पिंजरे से जंगल तक ले गया।  कहानी के लेखक ने लिखा है कि जिस पेड़ पर तोता मैना और उसके बच्चे रहते थे, वह तूफान में गिर गया।  तूफ़ान रुका तो तोता आया।  मैना और बच्चों को न पाकर वह बहुत दुखी हुआ।  वह मेरी माँ और बच्चों की तलाश में "शहर दर शहर" किसी अन्य पेड़ पर पहुँचे।


  उस पेड़ पर एक मैना रहता था।  तोते को आते देख वह भड़क गया।  उसे डर था कि कहीं यह तोता उसके बच्चे को नुकसान न पहुंचा दे।  बच्चों के पिता मैना जाति के थे।  उसे गुजरे अभी कुछ ही दिन हुए थे।  मैं तोते को चोंच मारकर भगा रहा था।  लेकिन तोता मैना की स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा था।  फिर शुरू हुई पुरानी बातें।  पुरुष विश्वासघाती या महिला?  दोनों ने कई किस्से सुने हैं।  इन कहानियों को भी रिकॉर्ड किया गया था।  मैना की अनुमति के बिना तोता।  यह कैसे संभव हुआ?  कॉपी राइट जैसी कोई बात रही होगी।  ये कहानियाँ भी बैताल पच्चीसी की तरह प्रसिद्ध हुईं।  फुटपाथ पर बेच दिया।  लोग उत्सुकता से पढ़ने लगे।


  तोता मैना की कहानी से फिल्म जगत भी प्रभावित हुआ।  गीत लिखा था।  उसे धुनों में पिरोया गया था।  और गाया -


  तोता ने एक शाखा पर कहा

  मैं एक शाखा पर हूँ।

  बहुत दूर लेकिन

  उनमें प्यार है, है ना?


  हमने तोते और मैना को दूर-दूर तक एक साथ बैठे कभी नहीं देखा।  दोनों को अपने-अपने ग्रुप में देखा है।  उनके बीच न तो दोस्ती है और न ही उनके बीच कोई दुश्मनी है।  उन्हें जबरन पिंजरे में बंद कर दिया।  शादी करने के लिए मेरी नजर में इंसाफ नहीं था।  इस बात की जानकारी फिल्मी दुनिया के लोगों को भी है।  इसलिए उन्होंने अब कहा है-


  मैना तोते की कहानी हो गई पुरानी

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