अक्षरधाम का इतिहास क्या है | अक्षरधाम मंदिर किसने बनवाया

पूरी दुनिया में एक से बढ़कर एक प्रसिद्ध मंदिर हैं।  कुछ अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं तो कुछ अपनी कलाकृति के लिए प्रसिद्ध हैं।  कुछ प्रसिद्धि के लिए प्रसिद्ध हैं तो कुछ भक्तों की आस्था के लिए।  यह मंदिर हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था और आस्था का भी केंद्र है।  हम आपको दुनिया के 10 सबसे बड़े मंदिरों के बारे में बताते हैं।  इनमें से ज्यादातर मंदिर सिर्फ भारत में ही स्थित हैं...

अक्षरधाम मंदिर

  राजधानी दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर को स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।  इसकी सतह 240,000 वर्ग मीटर है।  इसके निर्माण में हिन्दू धर्म-संस्कृति को दर्शाने वाली भव्य वास्तुकला का प्रयोग किया गया था।  हर साल देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।

अक्षरधाम का इतिहास क्या है (aksharadhaam ka itihaas kya hai)

अक्षरधाम दिल्ली भारत का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर दिल्ली के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है और यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है।

अक्षरधाम मंदिर का निर्माण वर्ष 2005 में पूज्य संत श्री स्वामी जी महाराज द्वारा किया गया था। इस मंदिर में भगवान स्वामी नारायण के दो मूर्तियां हैं, जो स्वामी नारायण भक्तों द्वारा बहुत लोकप्रिय हैं।

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इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के मकराना शहर में बनाए गए अक्षरधाम मंदिर की नकल के ऊपर किया गया था। इस मंदिर में दिल्ली के स्थानीय कलाकारों द्वारा अनेक प्रकार की संगमर्मर की मूर्तियां और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बनाई गई हैं।

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के आस-पास के क्षेत्रों में एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और यहां दर्शन करने के लिए हर साल लाखों भक्त आते हैं।

अक्षरधाम में भगवान कौन है (aksharadhaam mein bhagavaan kaun hai)

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में भगवान स्वामीनारायण हैं। भगवान स्वामीनारायण हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं और स्वामीनारायण सम्प्रदाय के भक्तों द्वारा पूजे जाते हैं। इस मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की दो मूर्तियां हैं, जो मंदिर के दोनों पक्षों पर स्थापित हैं। इसके अलावा, मंदिर में भगवान कृष्ण, राम, हनुमान, लक्ष्मी और शिव के भी मूर्तियां हैं जो भक्तों द्वारा पूजे जाते हैं।

अक्षरधाम में किस चीज की अनुमति नहीं है (aksharadhaam mein kis cheej kee anumati nahin hai)

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में मंदिर के नियमों और धर्म के नियमों का पालन किया जाता है। वहां शारीरिक शोषण, शराब और नशीली दवाओं का सेवन, नशीली पदार्थों का सेवन, अनुचित व्यवहार, जानवरों को बलि देना आदि कुछ चीजें हैं जिनकी अनुमति नहीं है।

इसके अलावा, मंदिर में खाने की चीजों का नियमित बाहर से लेकर आना भी नहीं अनुमत है। मंदिर में अन्नपूर्णा भंडार है, जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में खाने की व्यवस्था की जाती है।

दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर फोटो

pic Credit: highlightsofindia

अक्षरधाम में कौन से भगवान की पूजा होती है (aksharadhaam mein kaun se bhagavaan kee pooja hotee hai)

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में भगवान स्वामीनारायण, भगवान कृष्ण, भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मी-नारायण, राधा-कृष्ण, हनुमान और शिव जैसे भगवानों की पूजा की जाती है।

स्वामीनारायण सम्प्रदाय के अनुयायी इस मंदिर में आकर भगवान स्वामीनारायण की पूजा व ध्यान करते हैं जो भागवत सप्ताह और जन्माष्टमी जैसे पवित्र अवसरों पर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा, हनुमान जयंती, दीवाली, रक्षाबंधन आदि पर्वों पर भी अन्य देवताओं की पूजा की जाती है।

अक्षरधाम मंदिर के अंदर क्या है (aksharadhaam mandir ke andar kya hai)

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली एक बहुत ही प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो सम्पूर्ण भारत के सभी राज्यों के विभिन्न प्रतिनिधियों के नामों से बना है। मंदिर में अलग-अलग भारतीय धर्मों के देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।

मंदिर का निर्माण पीठाधिपति स्वामी प्रमानंद जी महाराज के द्वारा सन् 2005 में किया गया था। मंदिर के भवन का आकार लगभग 7.5 एकड़ है और इसमें मुख्य मंदिर के अलावा एक मण्डप, शंख मंदप, अन्न कुटी, मधु कुटी, एवं पार्किंग व्यवस्था है।

मंदिर का मुख्य भवन श्री स्वामी नारायण के नाम से जाना जाता है और यहाँ उन्हें धार्मिक महत्व होता है। मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए एक विशाल हॉल है जो लगभग 25 हजार लोगों को एक साथ श्रद्धालुओं के लिए बैठने की सुविधा देता है।

अक्षरधाम कौन से वार को बंद रहता है (aksharadhaam kaun se vaar ko band rahata hai)

अक्षरधाम बंद दिनें:अक्षरधाम मंदिर दिल्ली कुम्भ मेले के दौरान हर महीने के अमावस्या और पूर्णिमा को बंद रहता है। इसके अलावा, इस मंदिर को हर सोमवार को भी बंद किया जाता है।

क्या अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में फोन की अनुमति है (kya aksharadhaam mandir dillee mein phon kee anumati hai)

नहीं, अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में फोन का इस्तेमाल अनुमति नहीं है। मंदिर में स्थिति और उचितता के कारण, इसे फोन या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। इस नियम का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि सभी श्रद्धालु समय और स्थान के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान का आनंद ले सकें।

अक्षरधाम मंदिर का टिकट कितने का है (aksharadhaam mandir ka tikat kitane ka hai)

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली जाने के लिए आपको कोई टिकट नहीं खरीदने की आवश्यकता होती है। यहाँ पर जाने के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है। इसलिए, आप बिना किसी खर्च के इस मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।

क्या गैर हिंदू अक्षरधाम में प्रवेश कर सकते हैं (kya gair hindoo aksharadhaam mein pravesh kar sakate hain)

नहीं, गैर हिंदू व्यक्ति को अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह मंदिर हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसे संरक्षित रखने के लिए धार्मिक नियम बनाए गए हैं। अतः, अक्षरधाम मंदिर में अन्य धर्मों के लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं होती है। लेकिन, मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में आप जाने में सक्षम होंगे और मंदिर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली History (aksharadhaam mandir dillee history)

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली भारत के राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख श्रद्धास्थल है जो संसार के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। यह मंदिर स्वामी नारायण धर्म के एक भाग है जो स्वामी नारायण जी महाराज के नाम पर स्थापित किया गया था।

अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 2005 में पूर्ण हुआ था। इस मंदिर का निर्माण काफी भव्य था जिसमें लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। मंदिर में भारतीय संस्कृति, पौराणिक कथाएं और धार्मिक विषयों को दर्शाते हुए भारतीय कला और शैली के अनुसार बनाया गया है।

इस मंदिर में भगवान स्वामी नारायण जी, भगवान राधा कृष्ण जी, भगवान सीता राम जी, भगवान सरस्वती जी, भगवान हनुमान जी, भगवान शिव जी और भगवान गणेश जी आदि के मूर्ति स्थापित हैं।

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के आसपास का क्षेत्र एक विशाल पार्क है जो मंदिर के वास्तविक स्थान से अलग होता है

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली टाइमिंग (aksharadhaam mandir dillee taiming)

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली रोजाना सुबह 6:30 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। इसके अलावा, इस मंदिर में दिनभर पूजा और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

मंदिर के प्रवेश द्वार बंद होते हैं, लेकिन भक्तों को अंदर जाने के लिए वेबसाइट द्वारा बुकिंग की जा सकती है या वे मंदिर के द्वार पर वेटिंग लाइन में खड़े हो सकते हैं।

कुल मिलाकर, अक्षरधाम मंदिर दिल्ली आपके द्वारा जाए जाने वाले समय के आधार पर खुला रहता है जिससे आप इसे दर्शन कर सकते हैं।

अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमला (aksharadhaam mandir par aatankee hamala)

2006 में, अक्षरधाम मंदिर दिल्ली पर आतंकी हमला हुआ था। 24 मई, 2006 को, दो आतंकवादी ने अक्षरधाम मंदिर में घुसकर भक्तों को निशाना बनाया। इस हमले में, 6 व्यक्तियों की मौत हो गई थी जिसमें एक पुलिसवाला भी शामिल था और कई लोग घायल हुए थे।

आतंकी हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई की और सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कई उपाय अपनाए गए। अब भी, मंदिर में दैनिक जांच की जाती है और अत्यधिक सुरक्षा की जाती है।

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली के टिकट (aksharadhaam mandir, dillee ke tikat)

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली में टिकट कीमत निम्नलिखित हैं:

दैनिक पूजा: द्वितीय और तृतीय शिफ्ट के लिए टिकट कीमत अलग-अलग होती है। द्वितीय शिफ्ट के लिए टिकट कीमत वयस्कों के लिए 250 रुपये हैं और बच्चों के लिए 200 रुपये हैं। तृतीय शिफ्ट के लिए टिकट कीमत वयस्कों के लिए 150 रुपये हैं और बच्चों के लिए 100 रुपये हैं।

विशेष दर्शन: इसकीमत वयस्कों के लिए 300 रुपये हैं और बच्चों के लिए 250 रुपये हैं।

अक्षरधाम मंदिर टीकट ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं जिसमें आप अपना टिकट बुक कर सकते हैं।

टिकट कीमत अक्षरधाम मंदिर के समय और पूजा के विवरण पर निर्भर करती हैं, इसलिए टिकट कीमत के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना होगा।

अक्षरधाम मंदिर किसने बनवाया (aksharadhaam mandir kisane banavaaya)

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली का निर्माण जयप्रकाश नारायण जी ने करवाया था। वह अक्षरधाम मंदिर के आध्यात्मिक आदर्शों का प्रचार करने के उद्देश्य से इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर का निर्माण 2005 में पूरा हुआ था।


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