प्यारे बच्चों, कैसे हो तुम सब !! मुझे आशा है कि आप सभी को मज़ा आ रहा होगा। बच्चों की कहानियां प्रिय बच्चों! हमेशा की तरह आज भी मैं आपके लिए कुछ नई कहानियाँ लेकर आया हूँ। मुझे उम्मीद है कि आपको भी आज की ये बच्चों की कहानियां अच्छी अच्छी पसंद आएंगी। और हाँ अगर अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
तो चलिए शुरू करते हैं और पढ़ते हैं - किड्स नाइट स्टोरीज़
बच्चों की रात की कहानियाँ
-: चिड़िया और उसके बच्चे :-
एक गाँव के बगीचे में एक बहुत बड़ा नीम का पेड़ था। छोटे बच्चों की कहानियां उस पेड़ पर एक चिड़िया रहती थी। वहाँ उसने एक घोंसला बनाया और कुछ दिनों के बाद उसमें अंडे दिए। कुछ दिनों बाद उन अंडों में से चूजे निकले। यह देखकर चिड़िया बहुत खुश हुई।
अब वह चिड़िया प्रतिदिन अपने बच्चों के लिए भोजन खोजने जाती और शाम को वापस अपने घोसले में आ जाती। बच्चों की कहानियाँ इस तरह चिड़िया बड़े प्यार से अपने बच्चों की देखभाल करने लगी।
उस पेड़ के नीचे एक चबूतरा भी बना दिया गया था और घोसले की सारी गंदगी उस चबूतरे पर गिरती रहती थी। कभी चिड़ियों के बच्चे कुछ गिरते तो कभी तिनकों को घास के नीचे गिरा देते। बच्चों की कहानियां नई नई इससे पूरा प्लेटफार्म गंदगी और कचरे से भर जाता।
एक दिन अचानक बाग का मालिक वहाँ आया और उसने देखा कि चबूतरा बहुत ज़्यादा हो गया है। बच्चों की कहानियाँ पिटारा उसने पेड़ पर नजर डाली तो उसे एक घोंसला दिखाई दिया। यह देखकर बाग़ का मालिक बहुत क्रोधित हुआ। उसने अपने नौकर को बुलाया और घोंसला हटाने के लिए कहकर चला गया।
इधर चिड़िया के बच्चे यह देखकर बहुत डर गए और उन्होंने शाम को यह बात अपनी मां को बताई। तो चिड़िया ने कहा - "डरो मत बच्चों! मौज करो।
कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा। अब चिड़ियों के बच्चे थोड़े बड़े हो गए थे।
कुछ दिनों के बाद बाग का मालिक एक बार फिर आया और उसने पाया कि घोंसला अभी भी वहीं था। बच्चों की कहानियां हिंदी इस बार उसने बेटे को बुलाया और घोंसला हटाने की बात कहकर चला गया।
यह देखकर चिड़िया के बच्चे फिर बहुत डर गए और शाम को जब मां घर आई तो उन्होंने सारी बात अपनी मां को बता दी। तो चिड़िया बोली - "डरो मत बच्चों! खुश रहो, कुछ नहीं होगा।
इस तरह दिन बीतते गए और अब तक चिड़ियों के बच्चे धीरे-धीरे उड़ना सीख चुके थे।
कुछ दिनों के बाद बाग का मालिक एक बार फिर आया। अब उन्हें पहले से ज्यादा गुस्सा आ रहा था। जब उसने देखा कि वहां न तो किसी ने साफ-सफाई की है और न ही यह घोंसला अभी तक हटाया गया है।
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बीटीएस फुल फॉर्म | BTS mein sabse chhota kaun hai
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अब वह सबको दोष देने लगा और कहने लगा- “सब निकम्मे हैं, कोई काम नहीं करता। अब मुझे इस घोसले को यहां से हटाना है। अब कल मैं स्वयं आकर इस घोंसले को यहाँ से हटाऊँगा।
वहीं दूसरी ओर पक्षी के बच्चे यह देखकर फिर से डर जाते हैं। बच्चों की कहानियां बच्चों की कहानियां शाम को जब चिड़िया घर आई तो बच्चों ने उसे सारी बात बताई।
यह सुनकर चिड़िया डर गई और कहने लगी - "बच्चों !! अब कल सुबह हमें भी यहाँ से निकलना होगा। तुम तैयार रहो।
और अगले दिन सुबह होते ही चिड़िया अपने बच्चों को लेकर उड़ चली। छोटे-छोटे बच्चों की कहानियां इधर बच्चे यह सोच कर उड़ रहे थे कि माँ ने आज ही चलने को क्यों कहा, पहले क्यों नहीं?
इस कहानी से सीख: कभी भी दूसरों के भरोसे नहीं रहना चाहिए और अपना काम खुद करना चाहिए।
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-: दबे हुए पैसे :-
एक किसान था और उसके चार बेटे थे। बच्चों की कहानियां इन हिंदी चारों बेटे बहुत आलसी थे, कोई काम नहीं करते थे, सारा दिन घर में पड़े रहते थे। किसान उन्हें बहुत समझाता था कि अब तुम सब बड़े हो गए हो और तुम्हें कुछ काम करना चाहिए। लेकिन इसका उनके चारों बेटों पर कोई असर नहीं पड़ा।
इस तरह किसान बहुत दुखी रहने लगा और बीमार रहने लगा।
एक दिन उन्हें एक उपाय सुझाया गया और उन्होंने अपने चारों पुत्रों को अपने पास बुलाया। बच्चों की कहानियां मजेदार किसान ने कहा कि उसके खेत में काफी पैसा दबा हुआ है और उसके मरने के बाद उस पैसे को निकालकर सबके बीच बांट दो।
इस प्रकार उसके चारों पुत्र अत्यंत प्रसन्न हुए और पिता की खूब सेवा करने लगे।
एक दिन अचानक किसान की तबीयत बिगड़ी और उसका देहांत हो गया।
कुछ दिनों बाद किसान के पुत्रों को अपने पिता की बात याद आई और वे खेत में चले गए। वहां जाकर उसने पूरे खेत की खुदाई की लेकिन उसे पैसे नहीं मिले।
अब चारों बेटे चिंतित होकर बैठ गए कि अब क्या करें। तब गाँव के एक व्यक्ति ने उससे कहा कि अब जब तुमने पूरा खेत खोद लिया है, तो उसमें बीज बो दो। इसके बाद उसने बीज को पूरे खेत में बो दिया।
कुछ दिनों बाद खेत में हरियाली दिखने लगी और धीरे-धीरे खेत में फसल लहलहाने लगी।
यह देखकर चारों भाई बहुत खुश हुए, तभी गांव का वह व्यक्ति वहां आया और बोला- यही असली धन है जिसे तुम सब खोज रहे थे। अब आज से ही मेहनत करो क्योंकि इस क्षेत्र में और भी पैसा दबा हुआ है।
इस प्रकार किसान के चारों पुत्र समझ गए कि परिश्रम ही असली धन है।
कहानी का नैतिक: कड़ी मेहनत ही असली दौलत है।
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-: मन की शक्ति :-
एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गई। काफी प्रयास के बाद भी घड़ी नहीं मिली। उसने निश्चय किया कि वह इस कार्य में बच्चों की सहायता लेगा।
उसने सभी बच्चों से कहा कि तुम में से जो कोई भी मेरी खोई हुई घड़ी ढूंढ़ निकालेगा, मैं उसे सौ रुपए इनाम में दूंगा। घंटों बीत जाने के बाद भी घड़ी नहीं मिली।
तभी एक बच्चा उनके पास आया और बोला, 'काका, मुझे एक मौका और दे दो, लेकिन इस बार मैं यह काम अकेले करना चाहूंगा।'
बच्चा एक-एक करके घर के कमरों में जाने लगा। जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी। किसान घड़ी देखकर प्रसन्न हुआ और आश्चर्य से पूछा, बेटा यह घड़ी कहाँ थी?
बच्चे ने कहा, 'मैंने कुछ नहीं किया बल्कि कमरे में जाकर चुपचाप बैठ गया और घड़ी की आवाज पर एकाग्र हो गया। कमरे में सन्नाटा होने के कारण मैंने घड़ी की टिक-टिक सुनी और घड़ी की तलाश की।
जिस प्रकार कमरे की शांति घड़ी खोजने में सहायक सिद्ध होती है, उसी प्रकार मन की शांति हमें महत्वपूर्ण बातों को समझने में मदद करती है।
शिक्षा का मंत्र: हर दिन हमें अपने लिए कुछ समय निकालना चाहिए।
उम्मीद है कि आपको ये किड्स नाईट स्टोरीज जरूर पसंद आई होंगी। आपके लिए ऐसी और भी कहानियां हैं। तो हमारे साथ बने रहें।
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