आज के इस दुनिया की एक कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, एक लड़की गरीब थी ! इसकी कहानी अजीब थी माता-पिता बीमार हैं बीमारी से पीड़ित माता-पिता को लड़की की शादी की चिंता सता रही है चिंता के कारण माता-पिता की परेशानी बढ़ जाती है।
लड़की दिन भर काम करती है माता-पिता छोटे भाई को खाना खिलाते हैं जब आप अपने माता-पिता को परेशान देखते हैं उनसे परेशानी का कारण पूछते हैं फिर माता-पिता शादी की चिंता जाहिर करते हैं धिक्कार है, मैं कुछ नहीं कर सकता, मैं ऐसा पिता हूँ! लड़की कहती है चिंता मत करो सब कुछ भूल जाओ
मैं शादी नहीं करना चाहता, अल्लाह हमें जरूर आशीर्वाद देगा! मैं जीवन भर आप लोगों के साथ रहूंगा मैं आपकी सेवा के लिए हमेशा तैयार रहूंगा माता-पिता अपनी बेटी की बातें सुन रहे हैं अपनी सारी परेशानी भूल जाओ फिर भी सोच कर दुख होता है अंदर ही अंदर मन शादी को लेकर चिंतित है। एक दिन एक गरीब लड़की के घर रिश्ता आया। लड़कों ने दहेज मांगा
लड़के के घरवालों की बातें सुनकर! समझ नहीं आ रहा कि शादी कैसे करूं माता-पिता ने लड़की के परिवार के सामने हाथ बढ़ाया कृपया कुछ दया करें नहीं तो मेरी बेटी कुंवारी ही रहेगी कौन उसके घावों में भाग लेगा लड़की अकड़ते हुए बोली, फिर से मुंह खोलो तेरी भोली बिटिया, बड़ी काम आती है! इसे देखकर हम दहेज नहीं देते
लेकिन हम दुनिया के रीति-रिवाजों को भी मानते हैं अगर हम दहेज नहीं लेंगे तो दुनिया क्या कहेगी? दहेज कम कर देते हैं, दुनिया के रीति-रिवाजों से थोड़ा हट जाते हैं, पांच लाख की जगह दो लाख दे देते हैं। हमारी विडंबना समझो किसी तरह मां ने पैसे जुटाए माँ ने अपना मंगलसूत्र गिरवी रखा जब लड़की ने यह सुना तो उसे बहुत गुस्सा आया। पर सब ईश्वर की माया है, कहीं धूप है तो कहीं छाया, आखिर विवाह का दिन आ ही गया।
आज से ही कन्या के विनाश का दिन शुरू हो गया है। अच्छी बेटी शादी करके ससुराल चली गई आंखों में आंसू और दिल में मां-बाप के सपने! बेटी के बाद सोचिए उस परिवार का क्या हुआ होगा जिस घर में लक्ष्मी का अवतार होगा बेटी शादी करके ससुराल आ गई, उसे देखकर सास को गुस्सा आ गया, शायद सास को कई बातों की लालसा थी।
यह सब सोच-सोच कर उसकी निराशा थी,उसके ससुर अच्छे थे, दिल के सच्चे थे बेटी जैसा प्यार देता है, पत्नी के आगे झुकता है परिवार के लोग उससे बहुत काम करवाते हैं, एक नौकरानी की तरह एक-एक करके काम बढ़ाना, पति प्यार तो बहुत करता था पर माँ के सामने अपना नाम कैसे लेता! एक दिन यह पता चला अंदर का राज खुल गया! मां बनने वाली थी ये बेटी, जो इन हालात में भी परिवार पर अपनी जान लुटा रही थी
जब सास को इस बात का पता चला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, वह बहू पर दया करने लगी, उसने अपनी नफरत कुछ कम कर दी,जब मेरी बहू को लड़का होगा तो वह मेरा पसंदीदा पोता होगा पूरा परिवार एक बच्चे के लिए तरस रहा था सभी को उम्मीद थी कि यह एक लड़का होगा वो बेचारी माँ बनी किस्मत ने सबके सपनों पर पानी फेर दिया
मां ने एक खूबसूरत बेटी को जन्म दिया इस दुनिया में आ गई है बच्ची! सभी उससे घृणा करने लगे देखते ही देखते पति, ससुर का व्यवहार बदल गया वह मां के साथ भी बदसलूकी करने लगा इसमें लड़की की क्या गलती थी? आखिर ये दुनिया लड़के और लड़कियों में फर्क करती है। यह शैतान मां को प्रताड़ित कर रहा था
इंसान कहीं नजर नहीं आ रहे थे माँ को इतना सताया, दिन-रात मां-बेटी दोनों को प्रताड़ित किया प्रताड़ना सहकर बेचारी मां की मौत हो गई अपनी बेटी और पूरी दुनिया को भूल कर मरते समय भी मां को यह आभास हो रहा था अपनी बेटी को अकेला छोड़कर उसका साथ छोड़कर घरवाले खुश हो गए। चिंता इस बात की है कि इस बच्ची को कैसे पाला जाए सब सोचते हैं इसे भी मार डालो इसे भी भगवन भेजो सबने कहा कि इसे कौन मारेगा, कौन पाप का भागीदार बनेगा
सांसों पर आई ये जिम्मेदारी, सुनाई अपनी कहानी मैं इस युग में भगवान का भक्त हूं मैं इस लड़की को कैसे मार सकता हूं ससुर का दूसरा नम्बर आया, वह भी नहीं बोला इसके बाद लड़का आया, उसने यह जिम्मेदारी उठाई! उसने सोचा कि मां-बेटी के शवों को एक साथ ही दफना दूंगा। मैं उन दोनों को एक साथ छुड़ाऊंगा वह मारने के लिए कमरे में घुस गया बच्चे का रोता हुआ चेहरा देखा
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वह अपनी मां को देखकर रो रही थी शायद उसे भी लग रहा था कि वह अपनी मां को खो रही है यह देखकर पति का हृदय पसीज गया लड़की को देखकर उसका मन बदल गया। उसने लड़की का चेहरा देखा, बोला मैं अपने आप को धोखा दे रहा हूँ इस लड़की का क्या कसूर है, आखिर ये भी किस्मत के सामने बेबस है बेटी को अपने गोद में उठा करके, मां की लाहाश को दफना दिया
घर आकर वह रूठ गया, माता-पिता बिजली के समान थे कहा कि मैं अपनी पत्नी का अभागा हत्यारा हूं मैंने तुम लोगों के कारण उसे मार डाला माँ अब बताओ अपने आप को समझो अगर मैं एक लड़की होती तो यह तुम्हारे साथ हो क्या कोई मां अपने बच्चे को छोड़कर जिंदा रह पाएगी सब कुछ भूल जाते हैं लेकिन बच्चों को नहीं भूल पाएंगे पूरे परिवार को होश आया, सभी को अपने किए पर पश्चाताप हुआ।
सोचिए कि आप बच्ची को ढेर सारा प्यार और शिक्षा देंगे। पापों को कम करने के लिए गरीबों को दान दिया जब बच्ची बड़ी हुई तो सबसे पहले वह अपने पिता के पास गई। यह सुनकर पिता प्रसन्न हुए, इस पुत्री की बात सत्य प्रतीत हुई। फिर भी पूरे परिवार को इस बात का अफ़सोस था कि उस समय हमारी सोच कितनी गंदी थी।
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