कैला देवी मंदिर करौली में कैला देवी मंदिर एक हिंदू धार्मिक मंदिर है जिसे देवी दुर्गा के 9 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। कैला देवी मंदिर करौली शहर से 23 किमी की दूरी पर कालीसिल नदी के तट पर स्थित है। देवी के रूप में कैला देवी इस मंदिर में मौजूद हैं जिसे हर साल हजारों लोग देखने आते हैं।
देवी कैला को मानव जाति की रक्षक और रक्षक माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण करौली साम्राज्य के रैयत जादौन राजपूत शासकों ने करवाया था।
कैला देवी मंदिर का इतिहास
श्री महाराजा गोपाल सिंह ने सं 1723 में यह मंदिर की नींव रखी थी जोकि 1930 में यह बनकर तैयार हो गया था।
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उन्होंने इस मंदिर में देवी चामुंडा की मूर्ति स्थापित की, जिसे वे गंगराँव किले से लाए थे, जिसे 1150 ईस्वी में खींची के शासक मुकुंद दास जी ने वहाँ स्थापित किया था।
pic credit: Bhanwarvilaspalaceकैला देवी को महामाया का अवतार माना जाता है, जिनका जन्म नंदा और यशोदा से हुआ था। और उसे भगवान कृष्ण के स्थान पर रख दिया जिसे कंस मारना चाहता था। उसे मारने की कोशिश करते हुए, उसने एक देवी का रूप धारण किया और कंस को बताया कि भगवान कृष्ण पहले ही जन्म ले चुके हैं और यहाँ से बहुत दूर चले गए हैं।
कैला देवी द्वारा वास्तुकला
कीमती संगमरमर से बने इस मंदिर में एक बड़ा प्रांगण और एक चेकदार फर्श है। कैला देवी और चामुंडा देवी की मूर्तियाँ इस मंदिर का मुख्य आकर्षण हैं। जिसकी पुष्टि उसी समय मंदिर में होती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कैला देवी की मूर्ति विशाल है और उनका सिर थोड़ा झुका हुआ है। इस मंदिर में भक्तों द्वारा लगाए गए कई लाल झंडे हैं।
कैला देवी में त्यौहार और मेले
इस मंदिर में चैत्र के महीने में वार्षिक कैला देवी मेला लगता है। मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों से लगभग 20,00,000 श्रद्धालु चैत्र के हिंदू महीने के मेले के दौरान यहां आते हैं। कनक-दंडोतिस अनुष्ठानों का निष्ठावान भक्तों द्वारा पालन किया जाता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए वे 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं, और यह दूरी वे अपने पैरों पर नहीं चलते हैं, बल्कि लेटते हैं और उसी स्थिति में अपने हाथों से एक रेखा बनाते हैं और तमाशा बनाते हैं, और तब तक चलते हैं जब तक कि वे मंदिर तक पहुँचें;
कैसे पहुंचे कैला देवी मंदिर, करौली
वैसे। कैला देवी मंदिर मुख्य जिला मार्ग पर दक्षिण-पश्चिम करौली से 23 किमी दूर स्थित है। जहां लोकल बस या लोकल टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन से। कैला देवी मंदिर गंगापुर शहर के निकटतम रेलवे स्टेशन (35 किमी) से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जो दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई, अजमेर, पाली, जयपुर, अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों के रेलवे स्टेशनों से भी जुड़ा हुआ है।
वायु। कैला देवी मंदिर तक पास के जयपुर हवाई अड्डे (160 किमी) के माध्यम से पहुँचा जा सकता है जो दिल्ली, मुंबई से नियमित घरेलू उड़ानों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
कैला देवी मंदिर के बारें में और अन्य जानकारिया
कैला देवी किसकी पुत्री थी ? (kaila devee kisakee putree thee)
कैला देवी हिंदू पौराणिक कथाओं में माता दुर्गा या पार्वती की एक पुत्री थी। उनके पिता का नाम है हिमवान और उनके साथ उनकी माता का नाम मेनावती था। कैला देवी को उत्तराखंड राज्य में माता दुर्गा की रूप में पूजा जाता है और उन्हें बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
कैला देवी का मंदिर कौन से जिले में पड़ता है? (kaila devee ka mandir kaun se jile mein padata hai)
कैला देवी का मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में पड़ता है। यह मंदिर बागेश्वर जिले में स्थित है। यह उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां वर्षभर बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं। कैला देवी मंदिर माता काली को समर्पित है और यहां माता के प्रतिष्ठित मूर्ति की पूजा-अर्चना की जाती है।
कैला देवी क्यों प्रसिद्ध है? (kaila devee kyon prasiddh hai)
कैला देवी, जिसे भीमनीतंड भवानी या मां कैला के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय धर्म की मां दुर्गा की एक प्रमुख रूप और पूज्य स्थानों में से एक है। कैला देवी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है और यहां एक प्रमुख पूजा स्थल है जहां सालाना लाखों भक्तजनों की भीड़ आती है।
कैला देवी को प्रसिद्ध करने के कई कारण हैं। इसका प्रमुख कारण है कि कैला देवी को मां दुर्गा का एक महत्वपूर्ण अवतार माना जाता है। वह भक्तों के लिए शक्ति, सुरक्षा और क्षमता की प्रतीक हैं।
इसके अलावा, कैला देवी को ऐतिहासिक और मान्यताओं के कारण भी महत्व दिया जाता है। इसका मान्यताओं में महत्वपूर्ण स्थान होने का कारण है कि मान्यताओं के अनुसार पहाड़ी राजा भगवान श्याम राज के सपने में मां दुर्गा के रूप में प्रकट हुईं और इसके बाद से कैला देवी के रूप में पूजा जाने लगीं।
कैला देवी का मंदिर ऐतिहासिकता और संस्कृति के लिए भी महत्वपूर्ण है
कैला देवी को किसका अवतार माना जाता है? (kaila devee ko kisaka avataar maana jaata hai)
कैला देवी को हिन्दू धर्म में मां दुर्गा का एक अवतार माना जाता है। वह देवी दुर्गा की एक विशेष रूप है और उनकी पूजा विशेष रूप से नवरात्रि महोत्सव के दौरान की जाती है। कैला देवी की प्रतिष्ठा प्रमुख रूप से उत्तराखंड राज्य में स्थित है, जहां प्रतिवर्ष लाखों भक्तजन इनकी दरबार में भक्ति भाव से आते हैं। इस रूप में, कैला देवी को शक्ति और प्राकृतिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है जो सभी भक्तों की मांगों को पूरा करने की क्षमता रखती है।
कैला देवी किसकी कुलदेवी है? (kela devee kisakee kuladevee hai)
कैला देवी को कुलदेवी माता वैष्णो देवी का अवतार माना जाता है। माता वैष्णो देवी भारतीय हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की एक प्रमुख रूप हैं और उनकी पूजा विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित वैष्णो देवी मंदिर में की जाती है। कैला देवी की प्रतिष्ठा भी उत्तराखंड राज्य में वैष्णो देवी के मंदिर के पास ही स्थित है, जो की माता वैष्णो देवी के विशाल मंदिरों में से एक है। इसलिए, कैला देवी को माता वैष्णो देवी के अवतार के रूप में माना जाता है।
क्या कैलादेवी एक शक्तिपीठ है? (kya kailaadevee ek shaktipeeth hai)
कैला देवी को एक शक्तिपीठ के रूप में माना जाता है। शक्तिपीठ हिन्दू धर्म में मां दुर्गा के महत्वपूर्ण तीर्थस्थान होते हैं, जहां मां दुर्गा के अंश यानी शक्ति के अंश का संग्रह होता है। शक्तिपीठों का मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा के शरीर के विभिन्न अंगों के अवशेष इन शक्तिपीठों में स्थान पाते हैं। इनमें से कुछ शक्तिपीठ विशेष भूमिका निभाते हैं और कैला देवी भी उनमें से एक हैं। कैला देवी का शक्तिपीठ उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है और इसे मां कैला या मां कैलाश पीठ भी कहा जाता है। यहां मां कैला देवी का मंदिर स्थापित है और यहां प्रतिवर्ष लाखों भक्तजन आकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं।
कैला देवी के मंदिर में कौन सा नृत्य किया जाता है? (kaila devee ke mandir mein kaun sa nrty kiya jaata hai)
कैला देवी मंदिर में नाटराज नृत्य (Nataraja Dance) किया जाता है। यह एक प्रमुख पूजा प्रथा है, जिसमें पुजारी नृत्य के माध्यम से भगवान शिव की प्रसन्नता को प्राप्त करते हैं। नाटराज नृत्य शिव के एक अद्वितीय नृत्य रूप को प्रतिष्ठित करता है, जिसमें उनका सृष्टि, स्थिति, संहार और मुक्ति के सिद्धांत का प्रतीकत्व होता है। यह नृत्य मंदिर में विशेष अवसरों पर और अनुष्ठानों में प्रदर्शित किया जाता है।
कैला देवी मंदिर के पीछे कौन सी नदी बहती है? (kaila devee mandir ke peechhe kaun see nadee bahatee hai)
कैला देवी मंदिर के पीछे सूरमा नदी बहती है। सूरमा नदी हिमाचल प्रदेश में स्थित है और कैला देवी मंदिर के पास से ही निकलती है। यह नदी धर्मशाला क्षेत्र में विख्यात है और दर्शनीय स्थलों में से एक है।
कैला देवी का मेला कब लगता है? (kaila devee ka mela kab lagata hai)
कैला देवी का मेला हर साल चैत्र मास के महीने में लगता है। चैत्र मास हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्च और अप्रैल के बीच का मास होता है। कैला देवी के मेले में हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ आती है जो मंदिर में दर्शन करने आते हैं और आपने मनोकामनाएं मांगते हैं। यह मेला कांगड़ा जिले, हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित कैला देवी मंदिर में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ मनाया जाता है।
गंगापुर सिटी से कैला देवी मंदिर कितनी दूर है? (gangaapur sitee se kaila devee mandir kitanee door hai)
गंगापुर सिटी से कैला देवी मंदिर का दूरी लगभग 20 किलोमीटर (12.4 मील) है। यह दूरी सड़क मार्ग के माध्यम से पैदल या गाड़ी से यात्रा करके की जा सकती है। यात्रा के दौरान, आपको प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेना होगा जब आप पहाड़ों के बीच सूरमा नदी के किनारे से गुजरेंगे। यह यात्रा आपको धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व वाले कैला देवी मंदिर तक पहुंचाएगी।
कैला माता की पूजा कैसे करें? (kaila maata kee pooja kaise karen)
कैला माता की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
शुद्धि करें: पूजा की शुरुआत में अपने शरीर, मन और वाणी को शुद्ध करें। स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें और सात्विक भोजन लें।
स्थान साज़िये: कैला माता की मूर्ति के सामने एक पूजा स्थान स्थापित करें। यह स्थान साफ़ और सुरम्य होना चाहिए।
ध्यान करें: एकाग्रता से बैठें और मन को शांत करें। कैला माता के चरणों की ध्यान करें और उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
पूजा सामग्री एवं आराधना: विधिपूर्वक पूजा सामग्री को तैयार करें, जैसे कि फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, कपूर, आदि। मूर्ति को पुष्प, चंदन या कुमकुम से अर्चन करें। दूप और दीप जलाएं, मंत्रों का जाप करें और नैवेद्य चढ़ाएं।
आरती करें: कैला माता की आरती का पाठ करें। आरती के बाद आप कैला माता के सामने प्रणाम करें और उनके आशीर्वाद का प्रार्थना करें।
प्रसाद वितरण: करें
कैला देवी का इतिहास (kaila devee ka itihaas)
कैला देवी का इतिहास ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है और हिमाचल की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।
कहानी के अनुसार, कैला देवी मंदिर में मां भगवती के एक स्वरूप की पूजा और अराधना की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस स्थान पर मां शक्ति का अद्भुत स्वरूप प्रकट हुआ था।
इसका महत्वपूर्ण इतिहासिक पहलू है विषयमान निर्माण का जो भगवती द्वारा किया गया था। ज्यों की मान्यता के अनुसार, भगवती ने विषयमान निर्माण का साधन कायम किया था और उसने श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थान स्थापित किया था।
कैला देवी मंदिर को उन शक्ति प्रमाणित करने वाली जगह के रूप में मान्यता की जाती है, जहां विभिन्न अद्भुत चमत्कार और चमत्कारिक घटनाएं हुई हैं। लोग यहां आते हैं और मां कैला देवी की कृपा और आशीर्वाद के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।
कैला देवी मंदिर को स्थापित करने का श्रेय पाया
कैला देवी का मंदिर किस नदी के किनारे स्थित है (kaila devee ka mandir kis nadee ke kinaare sthit hai)
कैला देवी मंदिर सूरमा नदी के किनारे स्थित है। सूरमा नदी हिमाचल प्रदेश में बहती है और कैला देवी मंदिर के पास से ही निकलती है। यह नदी कैला देवी मंदिर के प्राकृतिक और चारों ओर की सुंदरता को बढ़ाती है। इसे स्थानीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों द्वारा आकर्षित किया जाता है।
कैला देवी मंदिर खुला है या बंद है (kaila devee mandir khula hai ya band hai)
ताजगी जानकारी प्रदान नहीं कर सकता। इसलिए, मैं आपको इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं दे सकता हूँ। कृपया स्थानीय प्रशासनिक अथॉरिटीज़ या संबंधित स्रोतों से जांचें या अन्य उपयुक्त स्रोतों की तलाश करें ताकि आप नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकें।
कैला देवी किसकी कुलदेवी है (kaila devee kisakee kuladevee hai)
कैला देवी हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है और हिमाचल प्रदेश की कुलदेवी मानी जाती है। कैला देवी मंदिर को माता कैला के नाम से भी जाना जाता है। यहां की प्रमुख देवी के रूप में मान्यता है और यहां के मंदिर में माता के प्रतीक यानी पिंडी, ज्योतिष और पाठी यानी पुजारी होते हैं। यहां के मेले और उत्सव बहुत प्रसिद्ध हैं और यहां प्रतिवर्ष बहुत संख्या में भक्त आते हैं ताकि वे माता के दर्शन कर सकें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
कैला देवी का मंदिर कहां स्थित है (kaila devee ka mandir kahaan sthit hai)
कैला देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर शिमला शहर से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर स्थल कोई पहाड़ी पर स्थित गांव नहीं है, बल्कि यह एक पहाड़ी के शिखर पर स्थित है और वहां से आपको शानदार पहाड़ी और घाटी की दृश्यमान विचित्रताओं का आनंद लेने का अवसर मिलता है। कैला देवी मंदिर को महानगर विज्ञान नगर जिले में स्थानीय लोगों के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण मान्यता प्राप्त है।