नमस्कार दोस्तों, आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसे दिल्ली के बिरला मंदिर, नाम से भी जाना जाता है, के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था।
इसे दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। तो आइए विस्तार से इस लक्ष्मी नारायण मंदिर के बारे में पूरी जानकारी जानने की कोशिश करते हैं। लेकिन उससे पहले मैं आपको बता दूं कि अगर आप इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको हमारे इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए।
लक्ष्मी नारायण मंदिर दिल्ली के बारे में –
लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसे बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली की राजधानी में स्थित है। यह दिल्ली में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थान है। इस मंदिर परिसर में न केवल लक्ष्मी नारायण मंदिर बल्कि भगवान बुद्ध, शिव और कृष्ण की अन्य मूर्तियां भी हैं।
सुगाली माता का मंदिर कहा है सुगाली माता किसकी कुल देवी है
दिल्ली के इस लक्ष्मी नारायण मंदिर का उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था। जन्माष्टमी और दीपावली पर्व पर इस मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर दिल्ली वास्तुकला हिंदी में
वैसे तो दिल्ली का लक्ष्मी नारायण मंदिर एक धार्मिक स्थल है, लेकिन धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ यह अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। यह तीन मंजिला लक्ष्मी नारायण मंदिर उड़िया शैली में बना है। यहां केवल लक्ष्मी नारायण का मंदिर ही नहीं, बल्कि कई अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी स्थापित हैं। लेकिन मुख्य और विशाल मंदिर केवल लक्ष्मी नारायण जी को ही समर्पित है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर खुलने और बंद होने का समय - लक्ष्मी नारायण मंदिर खुलने और बंद होने का समय हिंदी में
लक्ष्मी नारायण मंदिर दिल्ली के खुलने अथवा बंद होने का समय अभी तय हो गया है. यह मंदिर दिन में दो बार बंद होता है और दो बार खुलता है। लक्ष्मी नारायण मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलता है और दोपहर 1:00 बजे बंद होता है। यह फिर से 14:30 बजे खुलता है, 21:00 बजे बंद होता है। इस दौरान यहां सारा काम होता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय -
दिल्ली के इस लक्ष्मी नारायण मंदिर में जाने के सबसे अच्छे समय के बारे में बात करते हुए हम आपको बता दें कि इस लक्ष्मी नारायण मंदिर में आप साल में कभी भी जा सकते हैं। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि गर्मियों में दिल्ली का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है इसलिए गर्मियों में कभी भी दोपहर के समय यहां घूमने की योजना न बनाएं। क्योंकि गर्मी से आपका बुरा हाल हो सकता है। आप सुबह शाम इस लक्ष्मी नारायण मंदिर के दर्शन अवश्य करें, यह आपको शोभा देगा।
pic credit: tour_operator_delhiअगर आप इस मंदिर को खूबसूरती से सजा हुआ और भीड़ से भरा देखना चाहते हैं तो आपको जन्माष्टमी और दीपावली के त्योहार के दौरान यहां जरूर जाना चाहिए।
लक्ष्मी नारायण मंदिर दिल्ली प्रवेश शुल्क
दिल्ली के इस लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसे बिड़ला मंदिर भी कहा जाता है, में आपको प्रवेश शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि यहां आप फ्री में जा सकते हैं। आप किसी भी देश के हों, आप यहां फ्री में घूम सकते हैं। यहां आपको फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर दिल्ली कैसे पहुंचे हिंदी में
दिल्ली सरकार की कई बसें सीधे दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर के लिए चलती हैं। इस लक्ष्मी नारायण मंदिर के सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन की बात करें तो आरके आश्रम मार्ग मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन पर है।
अगर आप दिल्ली के अलावा किसी अन्य बड़े शहर से यहां आना चाहते हैं तो आप अपनी सुविधा के अनुसार तीनों माध्यमों (हवाई, ट्रेन या सड़क) में से किसी एक को चुनकर आसानी से यहां आ सकते हैं। चूंकि दिल्ली में स्थित हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, दिल्ली कई राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा भी अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर के बारें में अन्य जानकारी-
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण किसने करवाया था? (Who got the Shri Lakshmi Narayan Temple constructed)
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, जो दिल्ली में स्थित है, का निर्माण श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में दिल्ली में लोकप्रिय है और यहां दर्शनार्थियों की भीड़ आती है। इस मंदिर में लक्ष्मी नारायण, राधा कृष्ण, राम सीता और शिव पार्वती की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर का निर्माण 1994 में पूरा हुआ था।
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के बारे में विभिन्न मंदिर हो सकते हैं और यह कहना कठिन है कि कौन-सा मंदिर आप इस सवाल के बारे में बात कर रहे हैं। श्री लक्ष्मी नारायण के अनुपालन में निर्मित मंदिर भारत और अन्य देशों में विभिन्न हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली, भारत में एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर बादशाहपुर गुरुग्राम मार्ग पर स्थित है और इसे दिल्ली और हरियाणा के लोगों द्वारा पूज्य पुज्य गुरु जगद्गुरु कृपालु जी महाराज जी के द्वारा स्थापित किया गया था। यह मंदिर मुख्यतः श्री लक्ष्मी और श्री नारायण की पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है।
कृपया स्पष्ट करें कि आप किस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं, ताकि मैं आपको सही जानकारी दे सकूँ।
लक्ष्मी नारायण मंदिर कौन से जिले में? (Laxmi Narayan Temple in which district)
दिल्ली में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर बागपत जिले में स्थित है। यह मंदिर नरेला पैंथ मार्ग, सखी सराय में स्थित है, जो बागपत जिले का हिस्सा है। मंदिर दिल्ली मेट्रो के यमुना बाजार स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर कब बना था? (When was the Lakshmi Narayan temple built)
दिल्ली में स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण वर्ष 1938 में हुआ था। यह मंदिर दिल्ली के प्रसिद्ध आंबेडकर नगर (पहले बागीचा नगर) में स्थित है। कृपया ध्यान दें कि इस जानकारी को स्थानीय स्रोतों से सत्यापित करना उचित होगा।
लक्ष्मी नारायण मंदिर क्या है? (What is Lakshmi Narayan Temple)
लक्ष्मी नारायण मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो माता लक्ष्मी (मां लक्ष्मी) और प्रभु नारायण (भगवान विष्णु) को समर्पित है। यह मंदिर लक्ष्मी और नारायण देवी-देवताओं की पूजा और आराधना के लिए स्थापित किया जाता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर विभिन्न रूपों में स्थापित हो सकता है, जैसे कि लक्ष्मी नारायण, राधा कृष्ण, सीता राम, लक्ष्मी विष्णु आदि। इन मंदिरों में मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं और भक्तों को पूजा, अर्चना, आरती और भजन का अवसर प्रदान किया जाता है। ये मंदिर आमतौर पर धार्मिकता, श्रद्धा और आध्यात्मिकता की एक महत्वपूर्ण केंद्र होते हैं और विश्वासी लोगों के लिए आध्यात्मिक संगठन की भूमिका निभाते हैं।
लक्ष्मी जी कहाँ निवास करती है? (Where does Lakshmi ji reside)
लक्ष्मी देवी के निवास स्थानों के बारे में हिन्दू धर्म में कई मान्यताएं हैं। सामान्य रूप से, लक्ष्मी देवी को धन, समृद्धि, सौभाग्य, और समृद्धि की देवी माना जाता है।
हिन्दू परंपरा में, लक्ष्मी देवी का वास विष्णु भगवान के साथ माना जाता है। विष्णु के स्वरूप के रूप में लक्ष्मी देवी उनके विष्णुलोक (Vaikuntha) में निवास करती हैं।
इसके अलावा, लक्ष्मी देवी के अनुसार विभिन्न स्थानों को भी उनका निवास स्थान माना जाता है। कुछ प्रमुख स्थानों में उनका निवास माना जाता हैं, जैसे वैकुंठ, क्षीरसागर (Milk Ocean), अष्टलक्ष्मी मंदिर (जहां अष्टलक्ष्मी की मूर्तियाँ स्थापित हैं), लक्ष्मीपुरी (उत्तर प्रदेश), ओण्डली (गुजरात) आदि।
यह सभी स्थान परंपरागत मान्यताओं पर आधारित हैं और इसमें विभिन्न पंथों और प्रदेशों में अंतर हो सकता है।
लक्ष्मी नारायण नाम का मतलब क्या होता है? (What is the meaning of the name Lakshmi Narayan)
"लक्ष्मी नारायण" शब्द दो अलग-अलग प्राणीयों को संयुक्त करता है। इसका मतलब होता है:
लक्ष्मी: "लक्ष्मी" शब्द संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है "धन, समृद्धि, और सौभाग्य"। लक्ष्मी देवी हिन्दू धर्म में धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजी जाती हैं। वह भगवान विष्णु की पत्नी मानी जाती हैं।
नारायण: "नारायण" शब्द भगवान विष्णु के एक प्रसिद्ध नामों में से एक है। इसका अर्थ होता है "नारायण, जो सभी प्राणियों का आधार हैं"। नारायण भगवान विष्णु के परम स्वरूप को दर्शाते हैं, जो सृष्टि का संरक्षक और पालक माना जाता है।
इस प्रकार, "लक्ष्मी नारायण" शब्द का अर्थ होता है "धन, समृद्धि और सौभाग्य के साथ भगवान विष्णु या नारायण"। यह शब्द श्रद्धा और पूजा में उपयोग होता है, जब लोग लक्ष्मी और नारायण के सम्मान के रूप में उन्हें पूजते हैं।
लक्ष्मी नारायण की पूजा कैसे की जाती है? (How is Lakshmi Narayan worshipped)
लक्ष्मी नारायण की पूजा करने के लिए निम्नलिखित तरीके अनुसरण किए जाते हैं:
स्नान (स्नान करना): पूजा की शुरुआत में, स्नान करके शुद्धता और पवित्रता प्राप्त करें।
आसन स्थापना: एक पवित्र आसन पर लक्ष्मी और नारायण की मूर्ति स्थापित करें।
पूजा सामग्री: लक्ष्मी नारायण की पूजा के लिए विभिन्न पूजा सामग्री की तैयारी करें, जैसे कि फूल, दीपक, धूप, अर्घ्य, चंदन, कपूर, नैवेद्य, फल, मिठाई, और ताम्बूल।
पूजा विधि: पूजा की विधि के अनुसार, देवी और देवता को फूल, चंदन, धूप और दीपक से आराधना करें। आप विशेष आरती, मंत्र जाप और भजनों का आयोजन भी कर सकते हैं।
मंत्र जाप: लक्ष्मी और नारायण के मंत्रों का जाप करें, जैसे कि "ॐ नमो नारायणाय" और "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद स्वाहा"।
आरती: लक्ष्मी और नारायण की आरती करें और उन्हें अर्घ्य और पुष्प दें।
प्रसाद: पूजा के बाद, भोग लगाए
क्या बिरला मंदिर में फोन की अनुमति है? (Are phones allowed in Birla Mandir Is)
बिरला मंदिर, जिसे स्वामी लक्ष्मीनारायण मंदिर भी कहते हैं, दिल्ली का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इसके बारे में मेरे पास नवीनतम जानकारी नहीं है, और मंदिरों की नियमिताओं में बदलाव हो सकता है।
आपको बिरला मंदिर के संबंध में अधिक जानकारी के लिए संबंधित संगठन से संपर्क करना चाहिए, ताकि आपको सटीक और नवीनतम जानकारी मिल सके।
लक्ष्मी नारायण मंदिर कहां है (where is lakshmi narayan temple)
लक्ष्मी नारायण मंदिर कई जगहों पर स्थित हो सकते हैं, जैसे कि दिल्ली, वाराणसी, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद और अन्य शहरों में। कृपया ध्यान दें कि विभिन्न स्थानों पर लक्ष्मी नारायण मंदिर हो सकते हैं, और इसलिए सभी स्थानों के बारे में मेरे पास नवीनतम जानकारी नहीं हो सकती है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली में भी मौजूद है और यह एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर को बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह नई दिल्ली के संसद भवन के पास स्थित है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और लोग यहां धार्मिक आराधना और दर्शन के लिए आते हैं।
यदि आप किसी अन्य स्थान के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो कृपया उस स्थान का स्पष्ट उल्लेख करें और मैं आपको अधिक जानकारी देने की कोशिश करूंगा।
लक्ष्मी नारायण मंदिर गुजरात (Laxmi Narayan Temple Gujarat)
गुजरात में भी कई स्थानों पर लक्ष्मी नारायण मंदिर हैं। एक प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर गुजरात में बस्तरग्राम नामक स्थान पर स्थित है। यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है और यहां लोग पूजा और आराधना करने आते हैं।
गुजरात में अन्य स्थानों पर भी छोटे और बड़े लक्ष्मी नारायण मंदिर हो सकते हैं, जैसे कि अहमदाबाद, वडनगर, सूरत, भावनगर, जामनगर, राजकोट और अन्य शहरों में।
कृपया ध्यान दें कि मेरे पास नवीनतम जानकारी नहीं हो सकती है और इसलिए इन मंदिरों के बारे में विशेष जानकारी के लिए आपको स्थानीय संबंधित स्रोतों से संपर्क करना चाहिए।
लक्ष्मी नारायण मंदिर किस जिले में है (Laxmi Narayan temple is in which district)
लक्ष्मी नारायण मंदिर कई जिलों में हो सकते हैं और उनका स्थान विभिन्न राज्यों और शहरों में हो सकता है। इसलिए, विशेष जिले के बारे में सामान्य जानकारी नहीं हो सकती है।
यदि आप किसी विशेष लक्ष्मी नारायण मंदिर के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो कृपया मंदिर का स्पष्ट नाम या स्थान उल्लेख करें, जिससे मुझे आपको उचित जानकारी प्रदान करने में मदद मिल सके।
लक्ष्मी नारायण मंदिर सत्याग्रह कोणी केला (Lakshmi Narayan Temple Satyagraha Koni kela)
लक्ष्मी नारायण मंदिर सत्याग्रह (Lakshmi Narayan Temple Satyagraha) के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख तकनीक थी, जिसमें गांधीजी ने अहिंसा और सत्य के माध्यम से आंदोलन और प्रदर्शन किए थे। लक्ष्मी नारायण मंदिर से संबंधित सत्याग्रह के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अन्य संगठनों या संबंधित स्रोतों से संपर्क करें।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, भोपाल (Laxmi Narayan Temple, Bhopal)
लक्ष्मी नारायण मंदिर भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जो भोपाल शहर के मध्य भाग में स्थित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह मंदिर अपने सुंदर मार्बल और आर्किटेक्चरल डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में भक्तों को शांति और आध्यात्मिकता का एक विशेष अनुभव मिलता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, भोपाल का निर्माण श्रीमती जमुनालाल बजाज द्वारा कराया गया था और यह 1970 में उद्घाटित किया गया था। मंदिर में लक्ष्मी और नारायण के मूर्तियाँ स्थापित हैं और यहां परमात्मा की पूजा-अर्चना की जाती है।
यदि आप इस मंदिर के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आपको स्थानीय स्रोतों से संपर्क करना चाहिए या इंटरनेट पर और विशेषज्ञों के द्वारा प्रकाशित संबंधित जानकारी खोजनी चाहिए।
लक्ष्मी नारायण का जन्म कब और कहां हुआ था?(When and where was Lakshmi Narayan born)
हिंदू धर्म के अनुसार, लक्ष्मी नारायण का जन्म वैकुण्ठ लोक में हुआ था, जो कि हिंदू मिथकों और पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं की आवास स्थान है। वैकुण्ठ लोक भगवान विष्णु का आधिष्ठान स्थान माना जाता है और वहां ही उनका निवास स्थान है।
लक्ष्मी नारायण का जन्म संबंधित पौराणिक कथाओं और विविध पुराणों में वर्णित है, जो उनके भक्तों द्वारा प्रचलित हैं। लक्ष्मी देवी भगवान विष्णु की पत्नी मानी जाती है और वे संगठित रूप से उनके साथ महाविष्णु के रूप में वैकुण्ठ लोक में निवास करती हैं।
यदि आप इसके अलावा और विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो आपको हिंदू पौराणिक कथाओं और शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए या धार्मिक ग्रंथों के प्रमाणित स्रोतों से संपर्क करना चाहिए।
नारायण पाल मंदिर क्यों प्रसिद्ध है (Why is Narayan Pal Temple famous)
नारायण पाल मंदिर भारत में एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जिसे सदियों से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मंदिर भारतीय राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित है। नारायण पाल मंदिर को विशेषता से प्रसिद्ध करने वाली कई कारण हैं:
ऐतिहासिक महत्व: नारायण पाल मंदिर 18वीं सदी में महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा निर्मित किया गया था। यह मंदिर राजपूत शैली में निर्मित है और इसके अत्यंत भव्य और आकर्षक स्तम्भों के कारण महत्वपूर्ण है।
मार्गदर्शन और प्राकृतिक सौंदर्य: यह मंदिर अपने सुंदर आर्किटेक्चरल डिजाइन, आध्यात्म
क्या हम लक्ष्मी नारायण की मूर्ति घर में रख सकते हैं? (Can we keep Lakshmi Narayan idol at home?)
हाँ, आप लक्ष्मी नारायण की मूर्ति घर में रख सकते हैं। हिन्दू धर्म में, लक्ष्मी और नारायण देवी-देवताओं के रूप में पूजे जाते हैं और उन्हें अपने घर में स्थापित करने की परंपरा है। यह एक आध्यात्मिक और धार्मिक कार्य होता है जिससे घर की सुख-शांति, समृद्धि और शुभता की कामना की जाती है।
लेकिन यदि आप लक्ष्मी नारायण की मूर्ति घर में स्थापित करना चाहते हैं, तो ध्यान देने योग्य बातें हैं।
सही स्थान: मूर्ति के लिए सही स्थान का चयन करें। धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि मूर्ति का स्थान उत्तमता के साथ साथ शुभ और शांतिपूर्ण होना चाहिए। इसे उच्च स्थान पर स्थापित करें, जैसे कि पूजा कक्ष या मंदिर।
पूजा सामग्री: मूर्ति के साथ साथ पूजा के लिए सामग्री जैसे कि दीपक, दीया, धूप, अगरबत्ती, पुष्प, अक्षत, आरती की थाली, गंध, नैवेद्य, चौरंगी आदि की व्यवस्था करें। इन सबके लिए एक विशेष स्थान चयन करें.
ओम लक्ष्मी नारायण नमः मंत्र (Om Lakshmi Narayan Namah Mantra)
ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः॥
ॐ (ओं) - यह हिन्दू धर्म में प्रमुख मन्त्र है जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव को संकेत करता है। इसे एक प्राणवायु (ॐकार) के रूप में भी जाना जाता है और इसे सबसे प्रभावशाली मन्त्र माना जाता है।
लक्ष्मी - यह मन्त्र भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी की स्तुति के लिए प्रयोग किया जाता है। माता लक्ष्मी को धन, सौभाग्य, समृद्धि और सुख की देवी माना जाता है।
नारायण - यह मन्त्र भगवान विष्णु के एक अन्य नाम को दर्शाता है। नारायण शब्द संस्कृत में "जगत् के आधार" का अर्थ होता है और इसे भगवान विष्णु के आधिकारिक नामों में से एक रूप माना जाता है।
इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और उपासक को धन, सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। यह मंत्र ध्यान और मेधा को बढ़ाने के लिए भी उपयोगी माना जाता है।
ध्यान रखें कि यह एक पूजा या मंत्र जाप के रूप में उपयोग किया जाता हैं.
लक्ष्मी नारायण की कथा (story of lakshmi narayan)
लक्ष्मी नारायण की कथा भारतीय पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण कथा है। इस कथा के माध्यम से मान्यता है कि भगवान विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी स्वर्ग में निवास करते हैं और अपनी अनुग्रह प्रदान करते हैं। यह कथा प्रभावशाली और शुभकारी मानी जाती है और विभिन्न संस्कृति में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
कथा के अनुसार, एक समय की बात है जब देवताओं और असुरों के मध्य में द्वापर युग में महाभारत युद्ध का समय आया था। असुर नामक दानव राजा बलि ने अपनी बहुतांत शक्ति के कारण सभी स्वर्गीय वस्त्र, ज्वेल्स, धन और सुख को प्राप्त कर लिया था और स्वर्ग को अपने नियंत्रण में कर लिया था। यह असुरों का सम्राट बनने का स्वप्न देखकर हुआ था।
देवताओं ने यह देखकर चिंतित हो गए और उन्होंने अपने मार्गदर्शक भगवान विष्णु को प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने देवताओं को समय राखने का संकेत दिया और आपस में संयम बनाए रखने को कहा।
लक्ष्मी नारायण स्तुति मंत्र (Lakshmi Narayan Stuti Mantra)
यहाँ प्रस्तुत है लक्ष्मी नारायण की स्तुति मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्णं राधिकायः प्रियं भव। सहस्त्रार्चिष्मान् पुष्पेषु धनं धान्यं दीपं सुखं श्रियम्। पुण्यश्च देहि मे विष्णो लक्ष्मीं नित्यां विधात्रिणीम्॥
यह मंत्र लक्ष्मी और नारायण की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र धन, समृद्धि, सुख, ऐश्वर्य, सुंदरता और सम्पूर्णता को प्राप्त करने में सहायता कर सकता है। इसे नियमित रूप से जपने से व्यक्ति को आर्थिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
कृपया ध्यान दें कि मंत्र जप करते समय उच्चारण, मानसिक भक्ति और निरंतरता का पालन करें। इसके अलावा, इसे जपने से पहले आप अपने मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए ध्यान और पूजा कर सकते हैं।
लक्ष्मी नारायण मंत्र साधना (Lakshmi Narayan Mantra Sadhana)
लक्ष्मी नारायण मंत्र साधना एक शक्तिशाली और प्रभावशाली साधना हो सकती है। यह साधना लक्ष्मी और नारायण की कृपा, धन, समृद्धि, और सुख को प्राप्त करने में सहायता करती है। यहां एक साधना का सामान्य विधान दिया गया है:
उपकरण:
शुद्ध और स्थिर आसन
रुद्राक्ष माला
लक्ष्मी नारायण मंत्र (जैसे कि ऊपर दिया गया)
प्रक्रिया:
सबसे पहले, आपको एक शांत और स्थिर जगह पर अपने आसन पर बैठना चाहिए।
ध्यान करें और अपने मन को शांत करें।
अपने आदर्श गुरु और लक्ष्मी-नारायण की आराधना करने के लिए आवाहन करें।
अपनी रुद्राक्ष माला को लेकर शुरू करें और मंत्र का जाप करें:
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्णं राधिकायः प्रियं भव। सहस्त्रार्चिष्मान् पुष्पेषु धनं धान्यं दीपं सुखं श्रियम्। पुण्यश्च देहि मे विष्णो लक्ष्मीं नित्यां विधात्रिण
लक्ष्मी नारायण की आरती (Aarti of Lakshmi Narayan)
यहां प्रस्तुत है लक्ष्मी नारायण की आरती:
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सदा विजय सुखदाता, जगपति त्रिभुवनधारी॥
आरती लक्ष्मी जी की, aaratee lakshmee jee kee जो कोई नर गावे। jo koee nar gaave कहत शिव आनंद स्वामी, kahat shiv aanand svaamee मन वांछित फल पावे॥ man vaanchhit phal paave ||
दुर्गा रोपे ब्रह्मानी, तेरे भगत जन प्यारे। तेरी आरती जो कोई नर नित्य गावे॥
तेरे भक्त जनों की सुख-शांति दाता। जननी जगदम्बे भवानी, दीनन की सेवा कार्ता॥
जो गावें माता की आरती, जो जन ध्यान लगावे। धरती अम्बर सुख-सौभाग्य भरे उनकी ध्यान लगावे॥
सुर-मुनि मन वांछित फल पावे। जननी जगदम्बे भवानी, दीनन की सेवा कार्ता॥
आरती जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सदा विजय सुखदाता, जगपति त्रिभुवनधारी॥
यह आरती लक्ष्मी नारायण की आराधना करने के लिए गाई जाती है। इसके माध्यम से भगवान लक्ष्मी और नारायण को आनंद और आशीर्वाद प्रदान किया जाता है। यह आरती
लक्ष्मी नारायण मंत्र (Laxmi Narayan Mantra)
यहां प्रस्तुत है लक्ष्मी नारायण मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं श्रीं नमः॥
इस मंत्र का जाप करने से लक्ष्मी और नारायण की कृपा, ऐश्वर्य, समृद्धि और सुख को प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। यह मंत्र ध्यान, जाप या पूजा के दौरान उच्चारित किया जा सकता है।
ध्यान और जाप के दौरान यह सुनिश्चित करें कि आप एक शांत और सात्विक वातावरण में हों। मन को स्थिर करें और मंत्र का जाप करते समय उच्चारण को स्पष्ट और स्वच्छ रखें। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से आप अपने जीवन में ऐश्वर्य, समृद्धि, सुख, और सम्पूर्णता को आकर्षित कर सकते हैं।
लक्ष्मी नारायण की मूर्ति स्थापना (Installation of idol of Lakshmi Narayan)
लक्ष्मी नारायण की मूर्ति स्थापना एक पूजा और ध्यान प्रक्रिया है जिसमें भगवान लक्ष्मी और नारायण की मूर्ति को अपने घर या पूजा स्थल में स्थापित किया जाता है। यह मूर्ति स्थापना आपको धन, समृद्धि, सुख, और ऐश्वर्य को आकर्षित करने में सहायता कर सकती है। नीचे दी गई धार्मिक प्रक्रिया आपको इस प्रकार की मूर्ति स्थापना की शुरुआत करने में मदद करेगी:
सामग्री की तैयारी: सबसे पहले, आपको पूजा के लिए सामग्री की तैयारी करनी होगी। इसमें लक्ष्मी नारायण की मूर्ति, दीपक, धूप, आरती सामग्री, पुष्प, फल, प्रसाद आदि शामिल हो सकते हैं।
अवश्यक वस्त्र और स्थान: उचित वस्त्र लक्ष्मी नारायण की मूर्ति के लिए प्रयुक्त करें। विशेष तौर पर, श्रीफलक और रंगीन स्थान इस्तेमाल कर सकते हैं।
मूर्ति स्थापना: आरंभिक रूप से, एक शुभ मुहूर्त में मंगलाचरण करें। इसके बाद, लक्ष्मी नारायण की मूर्ति को ध्यान करें
लक्ष्मी नारायण हृदय स्तोत्र पाठ (Lakshmi Narayan Hriday Stotra Recitation)
लक्ष्मी नारायण हृदय स्तोत्र श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 16 के श्लोक 23 से 24 तक हैं। यहां इस स्तोत्र का पाठ दिया जा रहा है:
अब्जानन पद्मार्कं जलधि नयनं वीक्ष्य, वातापि कंदरं विशाल वदनं गदाधरम्। ह्रीङ्कारार्चितपादं शिरसि जटाजूटमणि, विभ्राजमान वक्त्रं कटितटिका मण्डलम्॥
स्वर्णरत्नांगदं प्रणमत सुरराजं हरिं, श्रीवत्सगदं प्रणमामि जगद्वशे विभुम्। सर्वामङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके, शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
इस स्तोत्र के पाठ से आप भगवान लक्ष्मी नारायण की प्रार्थना और स्तुति करते हैं और उनकी कृपा, आशीर्वाद और सुरक्षा का अनुमोदन करते हैं। इसे नियमित रूप से पाठ करने से आप धन, समृद्धि, सुख और आनंद को प्राप्त कर सकते हैं।
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