कालू भालू की कहानी | the story of kalu the bear in hindi

किसी जंगल में एक भालू रहता था, जिसे सब "कालू भालू" कहते थे। वह बड़ा ही ताकतवर और होशियार था, लेकिन उसका दिल बहुत दयालु था। कालू भालू की खासियत यह थी कि वह जंगल के सभी जानवरों का ख्याल रखता था और हमेशा उनकी मदद के लिए तैयार रहता था।

कालू भालू और दोस्ती की कहानी

एक दिन, जंगल में एक तेज़ आंधी आई। आंधी इतनी भयानक थी कि पेड़ टूटने लगे और जानवर अपने-अपने घरों में छिपने लगे। लेकिन एक नन्हा खरगोश, चीकू, अपने घर तक नहीं पहुंच पाया और डर के मारे एक पेड़ के नीचे छिप गया। कालू भालू ने जब चीकू को इस हालत में देखा, तो उसने बिना वक्त गंवाए चीकू को अपनी मजबूत बाहों में उठा लिया और उसे अपने घर ले गया।

भालू और दो दोस्त की कहानी (The story of the bear and two friends)

भयंकर तूफान के बावजूद, कालू भालू ने जंगल के बाकी जानवरों को भी बचाने की ठानी। उसने छोटे-छोटे जानवरों को अपने घर में जगह दी और बड़े जानवरों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। उसकी दयालुता और बहादुरी देखकर सभी जानवर उसकी तारीफ करने लगे।

कालू भालू की चालाकी

कुछ दिन बाद, जंगल में एक शिकारी आया। उसने जाल बिछाकर जानवरों को पकड़ने की योजना बनाई। कालू भालू ने जब शिकारी के आने की खबर सुनी, तो उसने सभी जानवरों को सावधान किया। फिर उसने एक योजना बनाई।

शिकारी ने जैसे ही जाल बिछाया, कालू भालू ने खुद को पकड़वाने का नाटक किया। शिकारी खुश होकर भालू को देखने आया, तभी कालू ने अपनी पूरी ताकत से जाल तोड़ दिया और शिकारी को डराकर जंगल से भगा दिया।

उस दिन से जंगल के सभी जानवर कालू भालू को अपना हीरो मानने लगे। कालू भालू ने हमेशा यही सिखाया कि दयालुता और एकता से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है।

कहानी से सीख

•दयालुता सबसे बड़ी ताकत होती है।

•चालाकी और साहस से मुसीबतों को हराया जा सकता है।

•सभी के साथ मिलजुल कर रहना ही सच्ची दोस्ती है।

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