दागिस्तान एक अधिकृत नाम है, जो रूसी संघ के एक सबसे पूर्वी सब्जेक्ट (subject) या सब्जेक्ट ऑटोनोम्स ओब्लास्ट (autonomous oblast) के रूप में उत्तरी कैकेसस पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है। यह रूस के दक्षिण और पश्चिमी भागों में है और दागिस्तान अखादियान (Akademy) नदी के बारे में बहुत प्रसिद्ध है।
दागिस्तान की राजधानी मखच्खर (Makhachkala) है। यह क्षेत्र भूमि का समृद्ध और सुंदर दृश्य सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें पर्वतीय स्थल, नदियां, झीलें और समुद्र तट शामिल हैं।
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दागिस्तान के आबादी का अधिकांश हिस्सा मुस्लिम है और अलग-अलग जनजातियों को यहां पाया जाता है। इसके लोग अपनी संस्कृति, भाषा, और रहन-सहन को गर्मजोशी से संभालते हैं।
दागिस्तान का इतिहास भी बहुत प्राचीन है और यह रूसी साम्राज्य में बदलते समय में अनेक बार बदल चुका है। आजकल, दागिस्तान भारतीय उपमहाद्वीप के एक मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य के रूप में जाना जाता है।
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दागिस्तान एक देश था?(Dagestan was a country)
दागिस्तान रूसी फेडरेशन का एक सबसे पूर्वी सब्जेक्ट (subject) या सब्जेक्ट ऑटोनोम्स ओब्लास्ट (autonomous oblast) है और रूस के अधीन आता है। यह रूस के उत्तरी कैकेसस पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है।
एक देश की स्थिति में बदलाव हो सकता है, दागिस्तान कोई अलग देश नहीं था। कृपया यदि आपके पास कोई नई जानकारी है तो इसे सत्यापित करने के लिए स्रोतों का उपयोग करें
रूस में "दागिस्तान" नामक एक देश नहीं था। रूस एक बड़ा देश है जिसमें कई राज्य (republics) और सुबास्टेशियल विभाग हैं, लेकिन दागिस्तान नाम का अलग देश नहीं था। यदि किसी अन्य देश के बारे में पूछ रहे हैं तो कृपया उसका नाम उल्लेख करें और मैं आपको उसके बारे में जानकारी दूंगा।
सुन्नी है या शिया ?(Is Dagestan Sunni or Shia)
यदि आप "दागिस्तान" (Dagestan) के बारे में पूछ रहे हैं, तो यह एक रूसी गणराज्य का एक सबसे पूर्वी राज्य है। यह रूस के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है और उत्तरी कैकेसस पर्वत श्रृंखला के पास है। यहां कई अलग-अलग जातियों और समुदायों के लोग रहते हैं, और धर्म भी विभिन्न जैसे सुन्नी, शिया और अन्य हो सकते हैं। यह भू-भाग कल्चरली धरोहर और रंगीन जनजातियों की विविधता के लिए भी जाना जाता है।
दागिस्तान देश कब बना?(When did Dagestan become a country)
रूसी गणराज्य का एक सबसे पूर्वी राज्य है। दागिस्तान उत्तरी कैकेसस पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है। इसका संघ बनाने का अधिकार रूस की संघीय राजनीति में है और यह एक सबसे पूर्वी सुब्जेक्ट ऑटोनोम्स ओब्लास्ट (autonomous oblast) है, जो 1991 में उस समय बनाया गया था जब सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस की संरचना में परिवर्तन हुआ।
कृपया ध्यान दें कि जानकारी बदल सकती है और किसी अन्य समय में नई जानकारी उपलब्ध हो सकती है।
रूस से पहले दागिस्तान क्या था ?(What was Dagestan before रूस)
1.रूस से पहले, दागिस्तान कोई अलग देश नहीं था। दागिस्तान रूसी संस्कृति और रूसी राजवंशों के साथ जुड़ा हुआ था। यह क्षेत्र रूसी साम्राज्य के एक संघ या जाति (tribe) का भाग के रूप में था, जिसमें विभिन्न समुदायों और जनजातियों के लोग रहते थे।
इस क्षेत्र में अलग-अलग राजवंश और शासकों की शासन की प्रणाली बदलती रही। 18वीं सदी में, रूसी शासन ने इस इलाके को अपने अधीन किया और यह रूसी साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
दागिस्तान का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसके विभिन्न समयों में भू-भागों की विशेषता और संरचना में बदलाव हुआ है। कृपया ध्यान दें कि इतिहास बदलता रहता है, और नई जानकारी के लिए स्रोतों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
2.रूस से पहले, दागिस्तान कोई अलग देश नहीं था। दागिस्तान का सबसे पुराना इतिहास रूसी संस्कृति और रूसी राजवंशों के साथ जुड़ा है। यह क्षेत्र रूसी साम्राज्य के एक संघ या जाति (tribe) के भाग के रूप में हो सकता है, जिसमें विभिन्न समुदायों और जनजातियों के लोग रहते थे।
समय के साथ, इस क्षेत्र में अलग-अलग राजवंश और शासकों की शासन की प्रणाली बदली गई। 18वीं सदी में, रूसी शासन ने इस इलाके को अपने अधीन किया और यह रूसी साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
कृपया ध्यान दें कि इतिहास में विभिन्न समयों में भू-भागों की बारें में अलग-अलग नाम और राज्य संरचना होती है, इसलिए यह बातें विशिष्ट समय और संदर्भ पर अधीन रहती हैं।
इस्लाम को दागिस्तान में कौन लाया?(Who brought Islam to Dagestan)
इस्लाम को दागिस्तान में मुस्लिम वंशज और सैन्य अग्रणी टार्तर और आरब व्यापारियों ने लाया था। यह धार्मिक और सांस्कृतिक बदलाव इस क्षेत्र में पश्चिमी संयुक्त राज्यों और मुस्लिम खिलाफतों के साथ कारवां और व्यापारिक रूप से जुड़ा था। इस्लाम की प्रवेश की शुरुआत करीब 8वीं या 9वीं सदी में हुई और यह उस समय से दागिस्तान के साम्राज्य और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डालने लगा। धीरे-धीरे इस्लाम के प्रचारक और आचार्यों के प्रयासों से लोग इस धर्म को अपनाने लगे। आजकल, दागिस्तान भारतीय उपमहाद्वीप के एक मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य के रूप में जाना जाता है।
दागिस्तान में वे कौन सी भाषा बोलते हैं?(What language do they speak in Dagestan)
दागिस्तान में कई भाषाएं बोली जाती हैं, जिसमें से प्रमुख भाषा जैसे कि रूसी, दागिस्तानी (Dargwa), चेचन (Chechen), अवार (Avar), कुम्युक (Kumyk), लक (Lezgian), टातार (Tatar) और बल्कार (Balkar) शामिल हैं। ये भाषाएं अलग-अलग समुदायों और जनजातियों द्वारा बोली जाती हैं और इसलिए दागिस्तान की भाषाई विविधता को प्रदर्शित करती हैं। इनमें से कुछ भाषाएं रूसी राजभाषा के रूप में भी प्रयोग की जाती हैं।
मुसलमान कितने प्रकार के होते हैं?(How many types of Muslims are there)
मुसलमान विश्वास के अनुसार, इस्लाम में कुछ मुख्य प्रकार के मुसलमान होते हैं जिनमें निम्नलिखित हैं:
सुन्नी मुस्लिम: सुन्नी मुस्लिम इस्लाम के सबसे बड़े ग्रुप में से एक हैं। वे पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.) के सुन्नह (सिद्धांत, संविधान) पर आधारित हैं। उनका आदर्श संविधान "हदीस" होता है, जो पैगम्बर के विचारों, शिक्षाओं और करतबों को दर्शाता है।
pic credit:signal.makerशिया मुस्लिम: शिया मुस्लिम सुन्नी मुस्लिम समुदाय के विपरीत होते हैं। उनका विश्वास होता है कि पैगम्बर के वारिस और बेटे आल-इमामों को विशेष महत्व देना चाहिए। शिया भक्ति में ताजिक, ईरानी, इराकी, भारतीय और अन्य समुदाय शामिल होते हैं।
अहमदिया मुस्लिम: अहमदिया समुदाय इस्लाम के अलग ग्रुप के रूप में परिचित हैं। उनका संस्थापक मिर्जा ग़ुलाम अहमद थे, जिन्होंने 19वीं सदी में पाकिस्तान के कार्यक्षेत्र में यह समुदाय स्थापित किया।
यह विभाजन धार्मिक विचारधारा, इतिहास, संस्कृति और समुदाय के अनुसार होता है और इसमें भिन्न-भिन्न मतभेद शामिल हो सकते हैं। सभी मुस्लिम समुदाय इस्लाम के मूल शिक्षाओं को सम्मान करते हैं, लेकिन उनके अलग-अलग संबंध के कारण उनमें छोटी-बड़ी विभिन्नता होती है।
मुस्लिम मातम क्यों करते है?(Why do Shia Muslims mourn)
शिया मुस्लिम मातम का कारण उनके धार्मिक इतिहास और आध्यात्मिक विश्वास पर आधारित है। शिया मुस्लिम भक्ति में उनके विशेष महत्वपूर्ण आल-इमामों को याद करना और उनके बलिदान को याद करना महत्वपूर्ण है। इसलिए, विशेष तिथियों और समारोहों में, शिया मुस्लिम समुदाय आपसी सम्मान और संवेदना के साथ मातम करते हैं।
इन मातम समारोहों में, वे अपने गहरे धार्मिक भावनाओं को अभिव्यक्ति देते हैं और उनके आल-इमामों के बलिदान को स्मरण करते हैं। वे रूपरेखा, भजन, कविता, नुहा (गीत) और रूबै (ग़ज़ल) के माध्यम से अपने आल-इमामों के बलिदान को याद करते हैं।
मातम का उद्देश्य आल-इमामों के लिए श्रद्धा और सम्मान प्रदान करने के साथ-साथ उनके संदेहावशेष और दुख को सहन करना भी होता है। इसके माध्यम से शिया मुस्लिम समुदाय एक-दूसरे के साथ गहरे आत्मीयता और संबंध बनाते हैं और इसे एक अद्भुत सामाजिक समारोह के रूप में भी देखते हैं।
ध्यान दें कि यह कारण विशेष शिया मुस्लिम समुदाय के लिए हैं, और अन्य मुस्लिम समुदायों में इससे भिन्नता हो सकती है।
शिया मुस्लिम और सुन्नी मुस्लिम में क्या अंतर है?(What is the difference between Shia Muslim and Sunni Muslim)
शिया मुस्लिम और सुन्नी मुस्लिम दो प्रमुख मुस्लिम समुदाय हैं और उनमें धार्मिक और आध्यात्मिक विशेषताएं में थोड़ा सा अंतर होता है। नीचे दिए गए कुछ मुख्य अंतर विस्तार से दिए गए हैं:
धार्मिक आधार: सुन्नी मुस्लिम समुदाय को पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.) के सुन्नह (सिद्धांत, संविधान) का अनुसरण करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। वे हदीस नामक संस्कृति को मानते हैं जो पैगम्बर के विचारों, शिक्षाओं और करतबों को दर्शाता है। शिया मुस्लिम समुदाय को आल-इमामों के विशेष महत्व का ध्यान दिया जाता है और उनके बेटे आल-इमामों के अनुसरण का उपदेश दिया जाता है।
आल-इमामों के विषय में: सुन्नी मुस्लिम समुदाय में आल-इमामों का महत्वपूर्ण रोल नहीं होता है, वह आपसी चुनाव से नियुक्त होते हैं। शिया मुस्लिम समुदाय में आल-इमामों को बहुत उच्च मान्यता है, और उन्हें अपने विशेष महत्वपूर्ण आध्यात्मिक गुरु माना जाता है।
मातम: शिया मुस्लिम समुदाय में मातम (mourning) का एक अभिन्न भाग है, जिसमें उनके विशेष तिथियों पर उनके आल-इमामों के बलिदान को याद करने के लिए धार्मिक समारोह होते हैं। सुन्नी मुस्लिम समुदाय में भी कुछ तिथियों पर मातम किया जाता है, लेकिन यह शिया मुस्लिम समुदाय की तरह नहीं होता है।
ध्यान दें कि यह अंतर विभिन्न समाजों और क्षेत्रों में भिन्न हो सकता है, और समुदाय के अलग-अलग सदस्यों के धार्मिक विचारधारा और अनुष्ठान के अनुसार भिन्नता हो सकती है।