रानी परियों की कहानियां | rani pariyon ki kahani

 यह कहानी बहराच के दो रानिओ और परी की कथा है जोकि एक दिन वह सब अपने राजमहल के बहार बहार कभी कभार जाया करती थी एक वक्त की बात है जब राजाओ को बिना बताये रानीओ ने जंगल का भर्मण करने के लिए निकले ही थे


 ठीक उसी समय जंगल में जाते है जंगल में पहुंचते ही उन सभी के दिल में एक ख़याल आता है की क्यू ना सम्पूर्ण जंगल का एक फेरा लगा लिया जाय वह सभी जंगल की सुनशान जगहों को नहीं छोड़ा फिर आगे जाकर उन्हें एक सुनेहरा हिरण दिखाई दिया सभी रानिया उस पर मोहित हो उठी जिसके बाद उसका पीछा भी किया 

सुनहरे हिरण की कहानी

यह उस समय की बात है जब कुछ  रानियां एक साथ मिलकर नहाने के लिए जा रहे थे रास्ते में उनको एक सुनहरा हिरण मिल जाता है जिसको देखकर सभी लोग मोहित हो जाते हैं ठीक बगल में एक आदमी खड़ा था जो सब कुछ देख रहा था जिसको देखकर हिरण किसी और तड़प चला गया और सभी रानियां  उसे इंसान  के ऊपर गुस्सा होने लगी

Chamatkari hirn in Hindi

 यही व्यक्ति के कारण वह हिरण भाग गया और कहीं नजर नहीं आ रहा इस नाते उस पर गुस्सा उतारने लगती हैं सब देख कर  उस व्यक्ति पर दया जाता है और वह सब को मनाने लगती है  बहुत कहे सुने के बाद  सभी मान जाते हैं  लेकिन तू वह हिरण भाग चुका था उसको पता लगाएगा कौन  यह बात का चिंता एक रानी को खाए जा रही थी

Hiran ki kahani

  वह कोई आम हिरण नहीं था जिसको सभी पकड़ सके या फिर  कोई देख सकता था लेकिन तो रानियों को वह नजर भी आ गया जिससे सभी लोग मोहित हो उठे और उसको पकड़ने के लिए अनेकों व्यक्तियों को भेज भी दिए लेकिन तो वह आम हिरण नहीं था वह  एक जगह से दूसरे जगह जाने पर ही गायब हो सकता था वह एक चमत्कारी किरण था जिससे उसको पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था

Pariyon Ki Kahani
Rani pariyon ki kahani


Tatara ko gussa kyon aaya

 सभी व्यक्ति वापस आ जाते हैं  यह सब देखकर रानियों को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सबको  नकारा और कामचोर जैसे घिनौना शब्द का प्रयोग करना चालू कर दिया  और वह सब जब नदी में नहाने पहुंच गए तब वहां पर हमको  एक परी नजर आ जाती है वह वही परी है जो अपने सुनहरे  हिरण को घुमा रही थी और रानियों को देखकर लुप्त हो गई थी


 लेकिन तो यह बात है  रानियों को मालूम नहीं था की यही वह  परी है  जिसके पास वह सुनहरा  हिरण है यह सब ना जानते हुए उधर रानियां नहा रही है और  अपने  दासियों से यह बात  कर रही थी और उस हिरण के बारे में बढ़ाई खूब कर रही थी तब तक वह परी प्रगट हो जाती है जिसके पास  वह सुनहरा हिरण रहा करता था

चकित होना का अर्थ in Hindi

  परी को देखकर सभी लोग चकित हैरान रह गए  रानियां  सोचने लगे कि आखिर में इतनी सुंदर यह  स्त्री कैसे यहां पर आई है और कहां की रहने वाली है लेकिन तो पहुंचते ही परी ने अपने बारे में  बताना शुरू कर दिया कि मैं इंद्रलोक की परी हूं मेरा नाम संख्याला है और मैं धरती पर घूमने आई हूं यह सब सुनते ही रानियों ने  उस परी को अपने साथ महल में ले जाना चाहा लेकिन तो वह परी ना जाने से इंकार करके कभी और वहां पर जाने के लिए कह कर अंतर  लुप्त हो गई

तालाब के बारे में जानकारी हिंदी में

 लेकिन तो सभी रानियों को यह भरोसा था कि एक न एक दिन  परी से मुलाकात जरूर होगा और वह महल में जरूर आएगी तब हम उससे हिरण की बात कर लेंगे समय बीतता जाता है 1 दिन की बात है जब परी किसी तालाब के किनारे  एक  बहुत बड़ा जंगल हुआ करता था एकांत जगह था जिसके कारण में वह देखने में बहुत ही मनभावन था इस नाते परी कभी-कभार आया जाया करती थी

सोने का हिरण MCQ

  परी अपने मन में सोचने लगी कि अगर हम रानियों के पास जाएंगे तो वह सुनहरा  हिरण हमको उन्हें दे देना पड़ेगा और वह हिरण चमत्कारी भी था जब चाहे किसी भी जीव जंतु एवं व्यक्ति का रूप धारण कर सकता था जिसके चलते उसके चमकीले बाल  सबको खूब  भाया करते थे जो देखता था उसे किरण को वही मोहित हो जाता था आज वह बात रानियों पर पड़  गई और रानी भी मोहित हो चुकी

हिरण की विशेषताएं

 लेकिन तो इस बात का रानियों को बिल्कुल खबर नहीं था कि वह हिरण चमत्कारी है वह अपना रूप भी बदल सकता है इस कारण वह सब  रानियां उसका नेचुरल रूप समझ कर उस पर मोहित हो उठी थी और   उसको पाने की इच्छा में बहुत ही व्याकुल रहती थी और सभी  लोगों  को उस हिरण को  ढूंढने के लिए लिए लगा दिया था उसी बीच परी वहां पर उनके दरबार में आ जाती है  उनके दरबार में कम लोगों को देखकर परी ने सवाल किया 

Hiran ki kahani

  की  महल में  इतने  ही लोग रहते हैं  तभी रानियों ने  उस परी को जवाब देते हुए बताया  की एक सुनहरा हिरण है जोकि  जंगल में घूम रहा था उस पर हम सभी मोहित हो चुके हैं  और  उसी को खोजने के लिए सभी दरबारी वहां जंगल की में गए हुए हैं सुनहरा नाम सुनते ही परी ने सब कुछ समझ  गई की   कहीं वह चमत्कारी हिरण तो नहीं वह तो अपना हिरण है जोकि जंगल में घूमने कभी-कभी आया भी करते थे और साथ में लेकर उसको आया भी करते थे

रूप बदलने की सिद्धि

 यह सब रानियां कहीं उसी के बारे में तो नहीं बात कर रही हैं परी ने रानियों से खुलकर पूछा  कि कहीं वह सुनहरा हिरण वही तो नहीं जो  कभी कबार  अपना मनचाहा  रूप बदल सकता है  इतना सुनते सभी रानियों के दिल में एक नया ख्याल जाग चुका जो कि उसको पाने के लिए और इच्छुक हो चुकी और उस  परी से और सारी बातें पूछने लगती हैं वह परी दिल खोल कर सब को उसके बारे में बता देती हैं  

सुनहरा हिरण की मस्त कहानी 

की वह सुनहरा हिरण जो  समय-समय पर मनचाहा रूप बदल सकता है जीव जंतु ही नहीं वह इंसान का भी रूप धारण कर सकता है और  कभी जरूरत पड़े तो पानी में भी रहकर महीनों गुजार सकता है इतना सुनते सभी रानियों के दिल में  बहुत भारी सा उमंग उमड़ पड़ा  और उसको पाने के लिए और ज्यादा इच्छुक हो गई अब केवल एक ही जरिया था कि वह परी ही उनको पाने का एक सहारा था

Hiran ka baccha

  जब उन सबको पता चला  वह हिरण इस परी के साथ रहता है तो  सभी रानियों ने उस परी को अपने महल में रोक लिया  और  उस हिरण का आने का आने का इंतजार करने लगी उसके बाद  उस परी ने हिरण को बुलाया और रानियों को उस हिरण को सौप  कर फिर वापस  स्वर्ग लोक को चली जाती हैं किरण को इस बात का बहुत निराशा होता है लेकिन तब क्या करता

हिरण के सींग कैसे होते हैं

 यह बात है उनको खाए जा रही थी के एक ही पल में  परी ने उससे पीछा छुड़ा  लिया  और खुद स्वर्ग लोक की वह  चली गई इस बात का दुख भी रहता है उसको  लेकिन तो क्या करता महल में रहते रहते उसका दिल ऊब गया था  1 दिन बच बचाकर  महल से बाहर निकल जाता है और अपना रूप बदल कर बाहर घूमने लगता है उसका रूप इतना आकर्षित हुआ करता था कि जो भी लोग उसे देखते तो मोहित हो उठते

हिरण के सींग किस काम में आते हैं

 वह बाहर ही घूम रहा था इधर रानियों को याद आया कि हिरण कहां है और ढूंढने में लग गए हैं  उसको ना पाकर सभी लोग भयभीत हो उठे और उनके समझ में यह आ रहा था कि  किसी ना किसी ने उसको चुरा लिया या तो कहीं छुपा कर हम सब का मजाक बना दिया है सभी दरबारी वहां पर अगल-बगल और शहर में हिरण को खोजने के लिए निकल जाते हैं

हिरण के बच्चे को क्या कहते हैं

  लेकिन तो हिरण अपना  रूप बदलकर  एक  दरबारी  का रूप  धारकर वह  दरबार में पहुंच गया  और   अपने जगह पर पहुंच जाने के बाद फिर हिरण का रूप कर लिया उसके बाद सभी  दरबारी उस हिरण का  खोजबीन कर रहे थे और हिरन अपने जगह पर पहुंचकर रूप बदलकर फिर से  वह रूप बदलकर हिरण हो गया बाहर खोज खोज कर  सभी लोग हैरान  हो गए थे


  सब रानियां बहुत परेशान थी कि हम एक  हिरण का पालन नहीं कर पाए और परी को क्या जवाब देंगे  कुछ देर  ही नहीं  बीता था  परी वहां पर  परगट हो जाती है  उस वक्त सभी रानियां  सन हो जाती है  कुछ  बोलना ही दूर उनके मुख से आ तक नहीं निकल रहा था  यह सब देखकर  परी  समझ चुकी थी  के कुछ तो दाल में काला है

हिरण कैसे हैं?

इसलिए दोनों रानीओ बहुत दुखी रहती थी की अब हिरण को कहा से इनको देंगे और परी  आ भी चुकी है उनको मन ही मन में सोच रही थी की अगर परि ने कहि मांगा तो क्या होगा वह हिरण घर में आ चुका था परी के बुलाने से हिरण तत्काल आकर खड़ा हो गया यह चमत्कार देखकर सभी लोग दांग रह गए और परी की सरहाना करने लगे 

तभी उस हिरण को महल में छोड़कर परी अपने स्वर्ग लोक को चली जाती है और वह बारहसिंहा महल में सबके साथ मिलजुल कर रहने लगता है और उसका रूप बदलने की कला को अब दूर दराज से लोग देखने के लिए महल में आया करते थे 

एक दिन की बात है जब एक लुटेरा भी देखने के लिए आया और किसी तरह से उस हिरण को चुरा ले गया लेकिन उस चोर को यह सच्चाई के बारे में नहीं पता था की वह किसी का रूप धारण करके फुर्र भी हो सकता था दो से तीन दिन में वही हुआ की थोड़ा समय पाया और वहा से रूप बदल कर महल में पहुत गया

 लेकिन जब इस बात का खबर राजा को होता है तो उन्होंने तत्काल सिपाही भेजवा कर उस चोर को बुलवाते है और हिरण चोरी करने का कारण पूछते है किन्तु चोर तो एक चोर ही था उसने राजा को सम्पूर्ण कथा सूना दिया की उस हिरण को हम बेचने के लिए ले गया था यह बात सुनते ही उसको मौत का सजा सूना दिया और उसको फांसी पर लटका दिया जाता है

 तो दोस्तों इस कहानी को पढ़कर आप जान ही चुके होंगे की आपने जीवन में कभी भी चोरी ना करे और दुसरो को करने ना दे नहीं तो इसका बुरा असर समाज पर पड़ता है और जान का जोखिम भी बन जाता है इसलिए हमेशा याद रहे की दुसरो का सामान दुसरो का ही रहता है उसको चुरा कर ना अपनाये आपको आपने परिश्रम एवं मेहनत से इस दुनिया में सब कुछ हासिल हो सकता है 

बारहसिंगा के सींग के लाभ

बहुत फायदे के हैं ये सींग

हिरण एक ऐसी प्रजाति जोकि इनके सींगों ने साल पहले अनेक उद्योग धंधों को खूब चमकाया, किन्तु वन प्राणीओ का संरक्षण के अधिनियम 1972 में संशोधन हो गया जिसके बाद हिरण के सींगों के उपयोग पर सम्पूर्ण तरीके से  प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रतिबंध की यह कार्रवाई वर्ष 2006 से लागू की गयी है।


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