शशिकला के माता पिता पहले एक साथ रहते थे वह दोनों में कभी कभार झगड़ा भी हुआ करता था एक समय की बात है जब शशिकला की माँ किसी भयानक बीमारी से ग्रस्त हो गयी और हमेशा उनका तबियत खराब रहने लगा वे चारपाई पर दिन रात दोनों बिताती थी उनका बीमारी बढ़ता ही जा रहा था
जैसे की मानो वह कुछ ही दिनों के मेहमान थी उनके पास लगभग पंद्रह से 20 दिन बचे हुए थे एक दिन वह समय आ भी गया जब शशिकला की माता का दिन पूरा हो गया और उनकी मृत्यु हो गयी कुछ दिन बीत जाने के बाद उसके पिता किसी और से शादी कर ली और उसी के साथ किसी दूसरे जगह जाकर रहने लगे और दोनों बेटिओ को भूल ही गए
1 दिन की बात है जब उसकी छोटी बहन शशिकला का एक हादसे में मौत हो जाती है उसके बाद उसकी बड़ी बहन उसको बहुत याद करती थी और कहीं एकांत में जाकर रोया भी करती थी उसकी चाहत को देखकर गांव वाले सभी मनाते रहते थे की अब वो चली गई दोबारा वापस नहीं आएगी और उसको भूल जाना जाना ही चाहिए
गांव वालों को लाख मना करने के बावजूद उसके दिलो-दिमाग में शशिकला छाई रहती थी और पल पल भर में याद भी आ जाती थी उसके घर वाले भी मना करते थे और समझाते थे लेकिन तो लेकिन तो छोटी बहन का प्यार ही तो था उसकी सूरत उसके दिलो-दिमाग छा गई थी उसकी बड़ी बहन यह कहकर रोती थी इन्हीं हाथों से हमने उसको पाला पोसा इस नाते उसका एक एक बातें बचपन में की हुई उसको खूब तड़पाती थी
प्रेत के लक्षण
एक समय की बात है जब वह अपने कमरे में सो रही थी तभी सपने के जैसे में उसकी छोटी बहन आ जाती है दोनों खूब हंस हंस के बातें करने लगे अपनी छोटी बहन को पाकर खूब खुश हो जाती है यह सब जो हो रहा था वह सब आखिर में सपना नहीं था वह हकीकत ही था जो कि उसकी बहन चुड़ैल बनकर उसके पास आई हुई होती है लेकिन तो उसकी बड़ी बहन को यह मालूम नहीं था
प्रेतों का सपना देखना
जब सवेरा होता है तब उसको बहुत दुख होता है की वह सब कुछ जो रात में हुआ वह केवल कुछ और ही था तब वह सोचने लगती है कि हमने सपना ही देखा है सपना के संदेह में वह रह जाती है लेकिन तो यह सत्य नहीं था उसके बाद 7 महीने भी चुके थे फिर दूसरे दिन वही छलक के साथ जब वह अपने घर में सो रही होती है रात के लगभग 12:30 के आस पास से ही हो रहा था
भूत कैसे बनते हैं
आज वह अपने बहन के लिए एक थैले में मिठाई लेकर आती है अपनी बहन को आता देख बहुत खुश होती है लेकिन तो रोज के जैसे आज बिल्कुल ही नहीं था आज तो उसने अपनी बहन के लिए मिठाई भी लाई हुए थी मिठाई देखकर उसकी बहन पसंद हो जाती है और बैठने को बोलती है लेकिन तो यह बात उसको मालूम नहीं था उसको यह पता था कि रोज के जैसे आज हमने अपने बहन को सपने में फिर से मिल गई
भूत की कहानी |
अब हम दोनों मिलकर खूब ढेर सारा बातें करेंगे और सपना का क्या है पता नहीं कल आए या ना आए वह पहले मिठाई खिलाती है और खुद भी खाती है उसको इस बात का जानकारी बिल्कुल नहीं था की अब उसकी बहन बहन नहीं रही अब वह चुड़ैल बन चुकी है वह सपना समझकर मिठाई खाई और बचा हुआ मिठाई उसी को वापस दे देती है
चुड़ैल से बात कैसे करते है
खूब ढेर सारी बातें हो जाने के बाद वह चली जाती है लेकिन उसके बहन को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था वह सपना समझकर रहने लगती है 1 दिन की बात है जब दोपहर को अपने ही घर में उसकी बड़ी बहन आराम कर रही होती है तभी दरवाजे का सीटकिनी नहीं हिलने लगता है सीटकिनी को खासकते देखकर उसको भय महसूस होने लगा वह चिल्ला चिल्लाकर गुहार लगाने लगे लेकिन तो कुछ भी पलों में सब कुछ सम्मान हो गया उसके बाद पड़ोस में रहने वाली 1 आंटी ने उसके घर में जाकर चिल्लानेका कारण पूछने लगती है
चुड़ैल बंद दरवाजा के अंदर कैसे घुस जाती है
सब कुछ सामान हो जाने के कारण वह समझती हैं हमारे मन का यह वहम रहा होगा और उस आंटी को कुछ नहीं बताती है वह आंटी थोड़ी देर रहकर फिर चली जाती है अभी तक इस लड़की को एकदम विश्वास हो गया कि यह हमारे मन का केवल बहम है आंटी को चले जाने के बाद चुड़ैल फिर से उसके कमरे में बिना दरवाजा खोलो कमरे के अंदर घुस जाती है उस समय उसकी बड़ी बहन का आंख लग जाता है वह गहरी नींद में सो जाती है चुड़ैल अंदर पहुंचते ही अपनी बड़ी बहन के शरीर में समा जाती है
गहरी निद्रा में जब आप शो जाते है|तो आपके साथ क्या करती है चुड़ैल
अभी उसकी बड़ी बहन गहरी निद्रा में सो रही होती है नींद पूरी हो जाने के बाद उसका आंख जब उठती है तो अपने शरीर में थोड़ा-बहुत का अंतर देखकर कुछ परेशान सी हो जाती हैं उसके बाद.... उसने जाकर नहाया नहाने के बाद उसका शरीर थोड़ा हल्का हो गया शरीर हल्का हो जाने के बाद उसने सोचा कि हमने ज्यादा शो लिया होगा इसी कारण से हमारा शरीर बहुत भारी भारी सा लग रहा था
लेकिन तो यह भी बात सत्य था भूत का चाल स्वभाव केवल तांत्रिक ही समझ पता है और किसी आम आदमी के समझ की बात यह सब नहीं है क्योंकि भूत प्रेत एक हवा जैसे होते हैं कहीं पर भी विलीन हो जा सकते हैं आते हैं एक आम आदमी नहीं जान पाएगा की भूत प्रेत को कैसे काबू में किया जाए
नॉर्मल ब्यक्ति भूत प्रेत क्यों नहीं देख पाता
इसलिए कोई भी नॉर्मल आदमी नहीं कर सकता है जिसके पास जादू तंत्र विद्या हो वही है काम करने में काबिल होता है बाकी लोगों का कोई पता नहीं एक साधु यहां से गुजर ही रहा था तभी चुड़ैल वहां से निकली साधु बहुत जादू एवं तंत्र विद्या के जानकार थे इस नाते उन्होंने उस चुड़ैल को देख लिया यह कहां जा रही है उसके पीछे पीछे चलते चले गए
जब उसका घर नजदीक आ गया साधु बाबा वहां पर रुक जाते हैं जहां से वह देख रहे थे कि किसके घर में यह चुड़ैल जा रही है चुड़ैल को यह पता नहीं था की उसका पीछा भी कोई कर रहा है वह सीधे उसी घर में घुस जाती है जिसमें वह पहले रहा करती थी बंद दरवाजे के बाद वह घर में प्रवेश कर जाती है उसके बाद साधु बाबा भी वहां पर पहुंच जाते हैं
साधु बाहर से आवाज लगाया कि घर में कोई है बाबा की आवाज सुनकर लड़की बाहर आके बाबा को सबसे पहले प्रणाम किया उसके बाद बाबा से आने का कारण पूछने लगी उसके बाद उन्होंने बताया कि इस घर में भूत प्रेत का साया है जो कि किसी के लिए भी घातक हो सकता है साधु की बातों को सुनकर लड़की ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया और यह बोलकर साधु को जाने दिया की बाबाजी यहां पर कोई ऐसी बात नहीं है
फिर क्या था साधु यह सब सुनकर चले जाते हैं एक से डेढ़ घंटे के बाद वह चुड़ैल उस पर अपना कहर बरसाना चालू कर देती उसके शरीर में फिर से समा जाती है और तरह-तरह के हरकत करना शुरू हो जाती है लेकिन तो इस बात का उस लड़की को नहीं पता चल पाता की वह कैसा कैसा हरकत कर रही है यह सब इसलिए कि वह घर में केवल अकेले ही रहती थी क्योंकि उसके घर में दो ही बहन पहले रहती थी
जिसके कारण वह अपने ही हरकत करके और फिर शांत हो जाती थी शांत हो जाने के बाद उसके शरीर में अनेकों तरीके के दर्द उठने लगते थे जब दर्द नहीं सहा जाता था.... तब वह जाकर स्टोरों से दवाइयां लेकर खा लेती थी दवा का असर जब तक रहता था तब तक सब कुछ ठीक रहता था दवा का असर खत्म होते ही फिर से दर्द घुटना चालू हो जाता था
चुड़ैल कब कब किसी के पास आती है
उस चुड़ैल को ज्यादा मजा आने लगा... अब वह अभी भी उसके शरीर में आकर तरह-तरह के हथकंडे करके अपनी चुड़ैल वाला प्यास बुझा लेती थी और उसको वहीं छोड़कर चली जाती थी अब तो उसका रोज का आना जाना हो गया जब वह शरीर छोड़ कर चली जाती है उसके बाद उसके शरीर में दर्द होना चालू हो जाता है और वह रोज के जैसा कहीं स्टोर पर जाकर दवा लेकर खा लेती थी और वही जब तक दवा का असर रहता था तब ठीक रहते थे उसके बाद फिर उसका तबीयत खराब हो जाता था
भूत प्रेत अपनों को क्यों नहीं पहचानते ?
यह सब देख कर बगल वाली आंटी ने एक तांत्रिक के पास लेकर जाती हैं तांत्रिक के स्थान पर पहुंचने के पहले रास्ते में हुआ चुड़ैल मिल जाती है और उसको इस बात का पता लग जाता है कि किसि ना किसी तांत्रिक के पास यह लोग जा रहे हैं और इनको हमें रोकना चाहिए आंटी जी जिस गाड़ी से उसको तांत्रिक के पास से जा रहे थे अचानक एक पेड़ उस गाड़ी के सामने गिर जाता है और वह गाड़ी वाला गाड़ी को वही से घुमा कर किसी और दूसरे रास्ते से निकालने के लिए जाता है
जिससे दूसरे रास्ते पर भी हादसा होता है बहुत विशाल पत्थर पहाड़ों से कर सकता हुआ नीचे की ओर चल पड़ता समय पर गाड़ी चालक उसे देख लेता है और गाड़ी को पहले ही रोक देता है इतना सब हो जाने के बाद गाड़ी चालक समझ जाता है की कोई न कोई चक्कर जरूर है सब कुछ सोच समझकर में उसने गाड़ी को वापस मोड़ लिया और जहां पर वह लोग बैठे थे वहां पर लाकर छोड़ दिया जिसके कारण में वह लोग तांत्रिक तक नहीं पहुंच पाते हैं
फिर क्या था... उसके दूसरे रात को जब वह है सोई हुई होती है उसी वक्त चुड़ैल पर आ जाती है चुड़ैल पहुंचते ही तोड़फोड़ कर दी है और वह लड़की गहरी निद्रा में सोई हुई थी जब उसका तोड़फोड़ से दिल ना भारा तो उसने अपने ही सगी बहन के शरीर में समा गई और उसको निद्रा में ही चलने पर मजबूर कर दिया एक सुनसान जगह पर ले जाकर सबसे पहले उसको मारा जी भर कर मार लेने के बाद उसका सीना चीर कर दिल को निकाल कर खाने लगती है और उसकी सगी बहन वही तड़पकर मर जाती है
दोस्तों एक कहानी आपको कैसी लगी कमेंट में जरूर बताइएगा और भूत प्रेत होते भी हैं इस को अनदेखा ना करें अगर आपको लगता है कि यह सब चीज केवल कहावतों के लिए हैं तो अपना सही राय देने का कष्ट करें