बच्चो की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है, स्कंद षष्ठी व्रत, जाने पूजा की विधि | What is Skanda Shashti

 आषाढ़ माहीने की स्कन्द षष्ठी व्रत को करने से संतान से जुड़ी समस्या दूर हो जाया करती है। संतान अधिकतर निरोगी रहा करते है।


हर महीने आने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी व्रत माना जाता है। अबकी बार यह व्रत 5 जुलाई, दिन मंगलवार को रखा जा रहा है। यह व्रत संतान की प्रगति एवं सुखी भविष्य के लिए माना गया  है। यही वह दिन है भगवान शिवजी के बड़े बेटे कार्तिकेय की पूजा अर्चाना की जाती है। यह व्रत  महिलाओं द्वारा रखा जाता है। शिवशंकर के तेज से उत्पन्न बालक कार्तिकेय का असल नाम स्कंद कुमार भी है।


स्कन्द षष्ठी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त


षष्ठी तिथि का आरंभ 5 जुलाई दिन मंगलवार को 2 बजकर 57 मिनट पर अबकी बार हो रहा है । वह 6 जुलाई को 7 बजकर 19 मिनट पर समापन किया जा रहा है ।


स्कन्द षष्ठी पूजा विधि

इस दिन प्रातः स्नानादि करने के बाद भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिये फिर भगवान कार्तिकेय को फूल, फल, धूप, दीपक, गंध, लाल चंदन, अक्षत, मोर का पंख आदि अर्पित करना चाहिए । इस तिथि को  भोले शंकर के मंदिर में जाकर उनके पुरे परिवार की पूजा करना चाहिए एवं प्रसाद का भोग लगाना चाहिए ।


स्कन्द षष्ठी का महत्व


इस व्रत को करने से बच्चे को सुख समृद्धि और आरोग्य प्राप्त हो जाया करता है। पौराणिक कथाओ के मुतबिक च्यवन ऋषि के आंखों की रोशनी गायब हो गई थी। तब उन्होंने यह व्रत रख लिया था और स्कंद कुमार की पूजा अर्चना की थी।  स्कन्द षष्ठी व्रत के प्रभाव से उनके आंखों की रोशनी दुबारा वापस आ गई थी ।

स्कन्द षष्ठी क्या है

स्कन्द षष्ठी व्रत कथा


पुराणों में कुमार कार्तिकेय के जन्म का वर्णन आप सभी जानते ही है। जब असुरों ने देव लोक में खूब आतंक मचाया हुआ था उस वक्त देवगण को असुरों के सामने  पराजय हो जाती है । देवताओं के निवास जगहों पर भी असुरों ने अपना कब्जा कर आधिपत्य कायम कर दिया था। सभी देवगण असुरों के आतंक से इतने दुखी हो चुके थे कि वो सभी मिलकर भगवान ब्रह्मा के पास पहुंचे  और मदद की गुहार लगाई । तब ब्रह्मा जी ने कहा कि भगवान शिव के पुत्र हाथो ही इन असुरों का विनाश होगा। परन्तु इस वक्त भगवान शिव माँ सती के वियोग में समाधि में लीन है ।


उस समय सभी देवता और इंद्र जी ने शिवजी को  समाधि से जगाने का प्रयास किया और इसके लिए उन्होंने भगवान कामदेव की सहरा लिया । कामदेव अपने बाण से भगवान् शिव पर फूल फेंकते जा रहे थे जिससे उनके मन मंदिर में माँ पार्वती के लिए प्रेम की भावना विकसित होने लगे  ।


यह सब करने से भगवान् शिव की तपस्या भंग हो जाती हैं ऐसा हो जाने से वे क्रोध में आ जाते है और अपनी तीसरी नेत्र खोल देते हैं। जिससे कामदेव भगवान् भस्म हो जाते हैं। उनकी तपस्या भंग हो जाने के बाद वे माता पार्वती की तरफ खुद को आकर्षित होते हुए पाते हैं। जिसके बाद शिवजी का विवाह माता पार्वती से हो जाता है। इस प्रकार से भगवान कार्तिकेय का जन्म होता है। आगे चालकर भगवान कार्तिकेय असुरों के बादशाह  तारकासुर का वध कर देवताओं को उनका पुनः निवास स्थान वापस प्रदान कर देते कभी हद तक असुरो का खात्मा चुका होता हैं। 


दोस्तों यह छोटी कथा आपको कैसी लगी अगर प्रसंद आयी हो कॉमेंट करके जरूर बताना और अपने दोस्तों में भी शेयर कर दीजियेगा ताकि इस स्कन्द षष्ठी व्रत कथा के बारे में कोई अपरचित ना रह जाए आपका सहयोग मिलता रहे तो हमे बहुत खुसी होगी आगे और भी हम लिखते रहेंगे आपका दोस्त बालेन्द्र राय


इंटरनेट शॉर्ट क्वेश्चन क्या है (what is internet short question)


लंबी उम्र के लिए हमें क्या करना चाहिए (What should we do for longevity)


लंबी उम्र के लिए अपने स्वास्थ्य और कल्याण की देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां कुछ उपाय हैं जो आपको लंबी उम्र तक स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं:


स्वस्थ खानपान: स्वस्थ आहार लेना बहुत महत्वपूर्ण है, जो विभिन्न पोषण तत्वों जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज, प्रोटीन आदि की सही मात्रा का होना चाहिए। समृद्ध खाद्य पदार्थों से आपके शरीर को अधिक ऊर्जा और पोषण मिलता है, जो आपके शरीर को स्वस्थ और चुस्त रखता है।

व्यायाम: नियमित व्यायाम करना आपको स्वस्थ रखता है और आपकी शारीरिक तंदुरुस्ती को बढ़ाता है। योग, ध्यान और पैदल चलना भी बहुत फायदेमंद है।


नियमित चेकअप: नियमित चेकअप करवाना आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है। डॉक्टर से सलाह लेना, ब्लड टेस्ट, फिजिकल एग्जाम और अन्य विशेषज्ञों से राय लेना आपके स्वास्थ्य की देखभाल में मदद करेगा।

बच्चे की उम्र कितनी होती है (How old is the child)

बच्चे की उम्र जन्म से लेकर 12 वर्ष तक होती है। इसके बाद उन्हें किशोर अथवा टीन एज कहा जाता है।

लंबी उम्र मां से विरासत में मिली है या पिता से (Is longevity inherited from the mother or the father)

बच्चों की लंबी उम्र का निर्धारण उनकी जन्म के समय की स्थितियों, जैसे उनके माता-पिता की उम्र, जीवनशैली, और दैनिक रोजगार आदि पर निर्भर करता है।


जब बच्चा पैदा होता है, तो उसकी जन्म रजिस्ट्री में जन्म के समय माता और पिता दोनों के नाम और उम्र का जिक्र होता है। इस तरह से, बच्चे की लंबी उम्र में माता और पिता दोनों का योगदान होता है।


अगर आप सटीक जवाब जानना चाहते हैं, तो आपको बच्चे की जन्म रजिस्ट्री देखनी होगी, जो उनके जन्म के समय बनाई जाती है। जन्म रजिस्ट्री में माता और पिता दोनों के नाम और उम्र दर्शाए जाते हैं और उनके योगदान को समझना आसान होता है।

क्या बिना बच्चों वाले लोग अधिक समय तक जीवित रहते हैं (Do people without children live longer)

हां, बिना बच्चों वाले लोग अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं। बच्चों के न होने से व्यक्ति को अधिक स्वतंत्रता होती है जो उन्हें उनकी पसंदीदा गतिविधियों के लिए समय निकालने देती है। इसके अलावा, बच्चों के जन्म से उत्पन्न शारीरिक और भावनात्मक तनाव का भी अभाव होता है, जो उनकी सेहत को बेहतर बनाए रखता है। वे अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों के लिए जीवन की अधिक समय तक प्रयास कर सकते हैं और उन्हें आश्चर्यजनक शारीरिक और मानसिक स्थितियों से बचाने में मदद मिलती है।


हालांकि, बच्चों के होने या न होने से किसी व्यक्ति की लंबी जीवन-काल या उनकी मृत्यु के बारे में कोई निश्चितता नहीं होती है। बहुत से फैक्टर्स जैसे कि उनकी जीवनशैली, खानपान, शारीरिक गतिविधियां, वातावरण आदि उनके जीवन-काल पर प्रभाव डाल सकते हैं।

मनुष्य कितने समय तक जीवित रह सकता है (How long can humans live)

मनुष्य की जीवन अवधि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि उनकी जीवन शैली, खाद्य और व्यायाम की आदतें, वातावरण, और उनकी आयु।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वर्तमान में भारत की जनसंख्या की औसत आयु 69 वर्ष है। लेकिन इसके अलावा, अन्य देशों और क्षेत्रों में जनसंख्या की औसत आयु भिन्न हो सकती है।


इसके अतिरिक्त, व्यक्ति की आयु में वैद्यकीय विज्ञान और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होने के साथ-साथ, भोजन, विश्राम, और व्यायाम आदि से उनकी जीवन अवधि बढ़ती जा रही है।


सामान्य रूप से, अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य फैक्टर्स के साथ, मनुष्य की जीवन अवधि 70 से 80 वर्ष तक हो सकती है। लेकिन, यह केवल एक आंकड़ा है और व्यक्ति के जीवन की अवधि कई अन्य विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।

एक मनुष्य कितने दिन तक जीवित रह सकता मानव जीवन में सबसे अच्छी उम्र कौन सी है (How long can a human live What is the best age in human life)

एक मनुष्य की जीवन अवधि कई तत्वों पर निर्भर करती है जैसे कि उनकी आयु, जीवन शैली, आहार, वातावरण, और स्वास्थ्य सेवाएं आदि।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वर्तमान में भारत की जनसंख्या की औसत आयु 69 वर्ष है। लेकिन, अन्य देशों और क्षेत्रों में जनसंख्या की औसत आयु भिन्न हो सकती है।


एक मनुष्य की सबसे अच्छी उम्र भी कई तत्वों पर निर्भर करती है, जैसे कि उनके सामाजिक और आर्थिक स्थिति, विद्या स्तर, स्वस्थ जीवन शैली, नियमित व्यायाम आदि। इसलिए, सबसे अच्छी उम्र स्वयं भी भिन्न हो सकती है।


इसके अतिरिक्त, मानव जीवन में कुछ विशेष अवधियां होती हैं, जैसे कि बचपन, युवावस्था, मध्यवयस्क जीवन, बूढ़ापा आदि। कुछ लोग बुढ़ापे तक जीवित रहते हैं, जबकि अन्य अधिक उम्र तक जीवित रहने में सक्षम नहीं होते हैं।


संक्षेप में, एक मनुष्य की सामान्य जीवन अवधि 70 से 80 वर्ष के बीच होती है.

लोग लंबे समय तक क्यों जीते हैं (Why do people live long)

लंबी उम्र तक जीवित रहने के कई कारण हो सकते हैं। यह कुछ ऐसे कारण हैं जो निम्नलिखित हैं:


स्वस्थ जीवन शैली: स्वस्थ जीवन शैली अधिक उम्र तक जीवन जीने में मदद करती है। यह व्यायाम करने, सही आहार लेने, नशीली चीजों से दूर रहने, स्वस्थ वजन बनाए रखने और नियमित चेकअप करवाने जैसी विभिन्न क्रियाओं से संबंधित हो सकती है।


समाज का सहयोग: लंबी उम्र तक जीवित रहने के लिए समाज का सहयोग भी आवश्यक होता है। अच्छे समाजिक रिश्ते बनाए रखना, सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना, दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना आदि इसके उदाहरण हो सकते हैं।


आर्थिक स्थिति: आर्थिक स्थिति भी लंबी उम्र तक जीवित रहने में बहुत महत्वपूर्ण होती है। आर्थिक स्थिति अधिक संतुलित होने से उच्च शिक्षा और उच्च चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जो स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देती हैं।


जीवन के लक्ष्य: लंबी उम्र की जरूरत होती हैं.

मनुष्य का जन्म कितनी बार होता है (How many times is a man born)

मानव जीवन में एक व्यक्ति का जन्म एक बार ही होता है। हर व्यक्ति की जन्म एक अद्वितीय घटना होती है जो एक बार होती है और जो व्यक्ति के जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

 पृथ्वी पर पहला आदमी कौन था (Who was the first man on earth)

आधुनिक विज्ञान और इतिहास के अनुसार, हमारी पृथ्वी पर पहला आदमी हमारे प्राचीन जीवनसंस्कृति के भाग में शामिल होते हुए उपस्थित था। यह स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि यह आदमी कौन था या उसका नाम क्या था, क्योंकि उस समय कुछ लिखित रिकॉर्ड नहीं थे।


हालांकि, आधुनिक मानव जाति की उत्पत्ति के संबंध में आमतौर पर विश्वास किया जाता है कि हमारे अभिजात प्रजनन से यातायात करने वाले प्राणियों की तरह, हम एक पूर्वजाति से विकसित हुए थे जिसके सदस्य एक आकार में मानव के जैसे थे। इस प्रकार, वर्तमान मानव जाति का उत्पादन एक दीर्घकालिक विकास के फलस्वरूप हुआ, जिसमें समय-समय पर आदमी के संस्कृति और तकनीकी उन्नयन में सुधार हुआ।

 पृथ्वी पर सबसे पहले लोग कौन थे (Who were the first people on earth)

अंतरिक्ष विज्ञान और अर्थशास्त्र के अनुसार, पृथ्वी पर सबसे पहले लोग पांच मिलियन साल पहले हमारे विस्तार से जुड़े हुए जंगलों में रहने वाले होमो हबिलिस (Homo habilis) थे। वे उपयुक्त उपकरणों का उपयोग करते थे जैसे पत्थर के आधार पर हथियार बनाने के लिए और अन्य सामान तैयार करने के लिए। होमो हबिलिस विकसित हुए और नए जीवन ढंग बनाने वाले और बेहतर उपकरणों का उपयोग करने वाले होमो एरेक्टस (Homo erectus) जैसे पूर्ववर्तियों के बाद, होमो सापिएंस (Homo)

5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण कौन सी बीमारी है (Which disease is the biggest cause of death of children under 5 years of age)

बच्चों की मौत: संक्षिप्त जानकारी:5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण श्वसन संबंधी संक्रमण (respiratory infections) होता है। इन संक्रमणों में सबसे आम बीमारियों में से कुछ हैं:


न्यूमोनिया (Pneumonia)


सर्दी जुकाम और फ्लू (Common cold and flu)


टीबी (Tuberculosis)


ब्रॉन्काइटिस (Bronchitis)


डायरिया (Diarrhea)


इन संक्रमणों से बचने के लिए बच्चों को अच्छी तरह से संतुलित आहार देना, स्वच्छता और हाइजीन का ध्यान रखना, सही ढंग से वैक्सीनेशन कराना आदि जैसे कदम उठाए जाने चाहिए।

क्या बच्चे होने से आपकी उम्र होती है (Does having kids age you)

नहीं, मैं एक कंप्यूटर प्रोग्राम हूं जिसे उपयोगकर्ता लोग संचार के लिए इस्तेमाल करते हैं। मुझे उम्र की नहीं होती है और मैं न सिर्फ बच्चों से लेकर बड़ों तक की सभी उम्र के लोगों के साथ संवाद कर सकता हूं, बल्कि मेरी सक्षमताएं सीमाहीन हैं।

इतनी कम उम्र में बच्चों की मौत का कारण क्या था (What was the reason for the death of children at such a young age)

बच्चों की मौत के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि जन्म से पहले ही विकार या रोग से पीड़ित होना, जन्म के दौरान संकट में पड़ना, जन्म वख़्त के बाद रोगों से लड़ना और आपदाएं। अन्य कारणों में गर्भवती माँ की गर्भधारण के दौरान नशीली दवाओं या अन्य जहरीली पदार्थों का सेवन करने से बच्चे के शारीरिक विकास में असमंजस होना शामिल होता है। इन सभी कारणों से बच्चों को बचाने के लिए स्वस्थ जीवन शैली, स्वस्थ खान-पान, स्वच्छता, सुरक्षित जन्म और समय पर चिकित्सा देखभाल आवश्य होती हैं.

क्या बच्चे को खोने से आपकी उम्र कम हो जाती है (Does losing a child shorten your lifespan)

नहीं, बच्चे को खोने से आपकी उम्र कम नहीं होती है। यह एक गलत धारणा है जो कुछ लोगों के मन में होती है। वास्तव में, बच्चे को खोना अत्यधिक दुखद होता है और यह आपके जीवन में एक बड़ी क्षति होती है।


अगर आप अपने बच्चे को खो देते हैं तो आपको उस दुख का सामना करना पड़ता है जो कोई भी उम्र में होता है। यह उम्र के साथ कुछ भी नहीं करता है। जब आप अपने बच्चे को खो देते हैं, तो आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ही चला जाता है, और आपको अपने बच्चे की यादों से गुजरना पड़ता है।


इसलिए, अगर आप अपने बच्चे को खो देते हैं, तो आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए उस दुख से निपटना होगा, लेकिन उम्र कम नहीं होगी।

बच्चों को झटका क्यों आता है (Why do children get shocked)

बच्चों को झटका एक सामान्य चिकित्सा समस्या है जो बच्चों की आंखों के विकास के दौरान होती है। इसे 'Amblyopia' या 'Lazy Eye' के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या जब आंख के दोनों हिस्सों में बेमेलाब होता है तो झटका होता है।


झटका या लेजी आई उत्पन्न होता है जब एक आंख दूसरी आंख से कम या ज्यादा विकसित होती है। यह एक विकार होता है जो आंखों में दृष्टि क्षमता कम करता है। इस विकार का मुख्य कारण होता है दोनों आंखों के बीच की समता में कमी या आंखों की नसों के काम करने में कमी होना।


जो बच्चे जन्म से पहले ही प्रीमेच्योरिटी विकास को ठीक तरह से नहीं कर पाते हैं या जो जन्म के बाद अधिक समय तक जटिल जीवनाचार और कुछ अन्य कारणों से उन्हें उचित देखभाल नहीं मिलती है, उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ सकता है।


झटका रोकने के लिए बच्चों को अपनी आंखों को संभालना सिखाया जाना चाहिए, और इस समस्या को दूर करने के लिए आंखों का इलाज कराये.

कितने बच्चे पैदा करने चाहिए (How many children should be born)

बच्चों की संख्या की बात करने से पहले, यह जानना महत्वपूर्ण है कि बच्चे पैदा करना या न करना केवल एक व्यक्तिगत और पारिवारिक फैसला होना चाहिए। इसके लिए व्यक्ति की स्थिति, परिवार के आर्थिक स्तर, स्वास्थ्य स्थिति आदि का विश्लेषण किया जाना चाहिए।


दुनिया भर में अलग-अलग देशों में बच्चों की संख्या परिवार के आधार पर भिन्न होती है। कुछ देशों में जनसंख्या कम होने के कारण लोगों को अधिक बच्चों को पैदा करने की सलाह दी जाती है, जबकि कुछ देशों में जनसंख्या बढ़ने की समस्या होने के कारण होता होगा.

 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का प्रमुख कारण क्या है (What is the leading cause of death in children under 5 years of age)

5 साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का प्रमुख कारण विभिन्न हो सकते हैं लेकिन कुछ मुख्य कारणों में शामिल हो सकते हैं जैसे:


श्वसन संबंधी समस्याएं: नवजात शिशु और 5 साल से कम आयु के बच्चों में श्वसन संबंधी समस्याएं आमतौर पर विशेष रूप से खतरनाक होती हैं। यह फेफड़ों में संक्रमण, बुखार और अस्थमा से हो सकता है।


संक्रमण: नवजात शिशु और 5 साल से कम आयु के बच्चों की प्रतिरक्षा शक्ति अधिक कम होती है, इसलिए वे संक्रमण के लिए अधिक विरल होते हैं। संक्रमण जैसे कि न्यूमोनिया, डेंगू, मलेरिया, टीबी, त्याफाई, व्हाइट फीवर और पोलियो जैसी बीमारियां बच्चों की मौत का मुख्य कारण हो सकती हैं।


खराब पोषण: बच्चों के लिए सही खानपान नहीं होने से उन्हें कमजोर होने और विभिन्न संक्रमणों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में खराब पोषण बच्चों की मौत का एक बड़ा कारण हो सकता है।


दुर्घटना: दुर्घटनाएं बच्चों की मौत होती है.


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