गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती कब है | What is the name of the autobiography of Tulsidas

Tulsidas Jayanti: गोस्वामी तुलसीदास एक महान हिंदू संत और बड़े उच्च श्रेणी के ज्ञानी कवि हुआ करते थे. हिंदू पंचांग की माने, तुलसीदास का जन्म श्रावण माह के दौरान शुक्ल पक्ष की 'सप्तमी' अर्थात (सातवें दिन) को हुआ था. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह दिन जुलाई/अगस्त के महीने में आया करती है. 

तुलसीदास के जन्म दिवस को हर वर्ष तुलसीदास जयंती के रूप में मनाई जाने की परम्परा है. अबकी साल हम तुलसीदास जी  की 523वीं जयंती मनाने जा रहे है. तो चलिए जानते हैं तुलसीदास जी की जयंती की दिन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में.  


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तुलसीदास जयंती 2022 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसीदास जयंती श्रावण के पवित्र माह के कृष्ण पक्ष के सातवें दिन मनाई जाती है. लेकिन अबकी साल तुलसीदास जयंती 4 अगस्त दिन गुरुवार को मनाई जाएगी.  



तुलसीदास जयंती तथ्य 

तुलसीदास जयंती 2022 पर हम प्रसिद्ध संत-कवि के बारे में कुछ ऐसे तथ्यों पर प्रकाशित करते हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है.  

तुलसीदास के गुरु कौन थे?

तुलसीदास जी के गुरु नर हरिदास जी थे।

ऐसा भी माना जाता है कि तुलसीदास 1497-1623 ईसा पूर्व के समय तक जीवित रहे. हालांकि उनके जन्मस्थान का कोई निश्चित रिकॉर्ड नहीं मिला है, लेकिन लोगों का यह मानना ​​है कि वह चित्रकूट, उत्तर प्रदेश में रहते थे. 

तुलसीदास का बचपन में क्या नाम था

तुलसीदास जी ने जन्म के बाद उन्होंने रोने के बजाय उनके मुँह से राम शब्द निकला था. यही वह वजह है जिसके कारण उनका नाम रामबोला पड़ गया था. इसके अलावा, उसके दांत भी निकले हुए थे और वे देखने में बिल्कुल पांच से छ: साल के लड़के जैसा लग रहे थे. 

Tulsidas photo drawing
pic credit: goswami_tulsidas13


रामबोला की माता की दासी चुनिया ने उनको अपने पुत्र के जैसा पालना शुरू किया. लेकिन उनका भी निधन हो जाता है जब रामबोला केवल साढ़े पांच साल के थे. 

तब रामबोला अनाथ हो गए और घर-घर जाकर भीख मांगकर पेट पालते थे. यह तबकी बात है जब देवी पार्वती एक ब्राह्मण के रूप में रामबोला की देखभाल करने के लिए आई हुई थीं. 

रामचरितमानस में, तुलसीदास जी ने इसका उल्लेख किया है कि उनके गुरु उन्हें रामायण सुनाया करते थे और इस प्रकार से उन्हें भगवान राम के बारे में अधिक से अधिक जानकारी का पता चला. 

रामचरितमानस में, तुलसीदास जी ने यह उल्लेख किया है कि वे भगवान श्री राम अथवा हनुमान से कैसे मिल चुके थे. बहुत से लोग उन्हें महर्षि वाल्मीकि का अवतार जानते हैं. 

श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने तकरीबन 12 ग्रंथों की रचना की हुई है.  सबसे ज्यादा बिख्यात उनके द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस हो गई है .

गोस्वामी तुलसीदास ने रचित ग्रंथों में श्रीरामचरितमानस, कवितावली, जानकीमंगल,  गीतावली, विनयपत्रिका, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण इत्यादि प्रमुख माने जाते हैं. 

गोस्वामी तुलसीदास से जुडी और भी रोचक बातें:

गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती कब मनाई जाती है (gosvaamee tulaseedaas jee kee jayantee kab manaee jaatee hai)

गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती हर साल शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और भगवान राम के भक्त तुलसीदास जी को याद करने का उत्साह जागृत किया जाता है।

तुलसी जयंती क्यों मनाई जाती है (tulasee jayantee kyon manaee jaatee hai)

तुलसी जयंती को भारत में गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वे एक महान कवि, संत, धार्मिक लेखक और समाज सेवक थे। वे हिंदी साहित्य के एक महान कवि थे जिन्होंने रामचरितमानस की रचना की।

तुलसी जयंती का महत्व उनके उपदेशों और धर्म के प्रति उनकी भक्ति के कारण होता है। उनकी रचनाएं वेद, पुराण, रामायण और महाभारत से प्रेरित हैं जो उनके उपदेशों के माध्यम से धर्म, नैतिकता और सेवा के बारे में समझाते हैं। इसलिए भारत में तुलसी जयंती को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

तुलसी जी का जन्म कब हुआ था (tulasee jee ka janm kab hua tha)

गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म सन् 1532 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) शहर के निकट एक छोटे से गांव में हुआ था। वे एक धार्मिक और साधुपुरुष थे जो हिंदी साहित्य के महान कवि के रूप में जाने जाते हैं। उनकी रचनाएं रामचरितमानस जैसी महत्वपूर्ण ग्रंथों के लिए जानी जाती हैं जो हिंदी भाषा में लिखी गई हैं।

क्या आज तुलसी जयंती है (kya aaj tulasee jayantee hai)

तुलसी जयंती हर साल शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा को मनाई जाती है। अगली तुलसी जयंती 2023 में आएगी, जो 17 अक्टूबर को होगी।

क्या तुलसीदास ने हनुमान को देखा था (kya tulaseedaas ne hanumaan ko dekha tha)

गोस्वामी तुलसीदास जी के रामायण महाकाव्य "रामचरितमानस" में हनुमान जी का बहुत महत्वपूर्ण रोल है और उन्होंने हनुमान जी को भगवान राम के सबसे प्रिय भक्तों में से एक के रूप में दर्शाया है। तुलसीदास जी ने अपनी रचना में हनुमान जी को सुंदर और दिव्य रूप में चित्रित किया है। तुलसीदास जी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में हनुमान जी को अपने समक्ष दर्शन किया था, जो उनकी अत्यंत भक्ति और दृढ़ श्रद्धा को दर्शाता है।

तुलसीदास ने हनुमान चालीसा क्यों लिखी (tulaseedaas ne hanumaan chaaleesa kyon likhee)

तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा अपने महाकाव्य "रामचरितमानस" के एक अध्याय में शामिल किया था। उन्होंने इसे लिखा था जब उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था और उन्हें लगा कि हनुमान जी उन्हें मदद कर सकते हैं। तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा के माध्यम से हनुमान जी की महिमा और उनकी शक्तियों का वर्णन किया है। यह चालीसा लोगों को हनुमान जी की कृपा के लिए भगवान का शुक्रिया व्यक्त करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बहुत प्रचलित हो गया है।

तुलसीदास जयंती 2023 (Tulsidas Jayanti )

तुलसीदास जयंती 2023 में 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

तुलसी जयंती 2022 (Tulsi Jayanti )

तुलसीदास जयंती 2022 में 2 अक्टूबर को मनाई गयी थी।

तुलसीदास के दोहे (couplets of Tulsidas)

तुलसीदास जी ने अपने रचित ग्रंथ "रामचरितमानस" में कई दोहे लिखे हैं, जो अत्यंत प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुछ उनके प्रसिद्ध दोहे हैं:

बिनु पंथ के पारस नाहीं। ज्ञान बिना गुरु गहिं नाहीं।। अर्थ: पारस के बिना पथ नहीं होता और गुरु के बिना ज्ञान प्राप्त नहीं होता।

तुलसी कहते हैं सब रचना करि जोरि। विष्णु अधिक तुलसी प्रभु जी जोरि।। अर्थ: तुलसीदास कहते हैं कि जो कुछ रचना की गई है, उसमें विष्णु की शक्ति है और तुलसी जी मानते हैं कि भगवान तुलसीदास के प्रभु हैं।

करत करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान। रसरी आवत जाती, तेज दीप न जाने कोई।। अर्थ: निरंतर अभ्यास करने से ज्ञानी मनुष्य में बुद्धि का प्रकाश उत्पन्न होता है जो सम्पूर्ण जगत से ऊँचा होता है, जैसे जलती हुई दीपक से दूर तक रोशनी फैलती है।

देखत बिनू प्रेम बढ़ावा। एक नेह लागे ता सब बिधि ठाँवा।। अर्थ: प्रेम बिना कुछ भी नहीं होता.

गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म क और कहाँ हुआ था (gosvaamee tulaseedaas jee ka janm ka aur kahaan hua tha)

गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म 1532 ईस्वी में हुआ था। उनका जन्मस्थान राजपुरा नामक छोटे से गांव में जो अब उत्तर प्रदेश राज्य में है, था। यह गांव मुगलकाल में बड़ा धर्मगुरु तुलसीदास के जन्मस्थान के रूप में विख्यात हुआ था।

हनुमान चालीसा किसने और कब लिखी थी (hanumaan chaaleesa kisane aur kab likhee thee)

हनुमान चालीसा का श्रेय तुलसीदास जी को जाता है, जो इसे 16वीं शताब्दी में लिखा था। इसके लिए उन्होंने वाल्मीकि रामायण, व्यास महाभारत और हनुमान जी की महिमा के उपर आधारित लेखों का उपयोग किया था। हनुमान चालीसा को सबसे पहले शिवराय ने सुना था, और उसके बाद से यह लोकप्रिय हो गया था।

तुलसीदास ने रामायण कब लिखी थी (tulaseedaas ne raamaayan kab likhee thee)

तुलसीदास जी ने अपनी महाकाव्य 'रामचरितमानस' का लेखन 1574 ईस्वी में पूरा किया था। इसमें उन्होंने भगवान राम के जीवन के कुछ भागों को विस्तार से वर्णन किया था। रामचरितमानस में भगवान राम के जीवन की कहानी तुलसीदास जी के अनुभवों, विश्वासों और संदेहों के अनुसार लिखी गई है। यह एक महान काव्य है जिसका लेखन वाल्मीकि रामायण के प्रमुख कथाओं के अनुसार नहीं किया गया था।

रामायण वाल्मीकि या तुलसीदास किसने लिखा था (raamaayan vaalmeeki ya tulaseedaas kisane likha tha)

रामायण के प्राचीनतम संस्कृत रूपक वाल्मीकि जी द्वारा लिखा गया था। इसे 'वाल्मीकि रामायण' कहा जाता है। इसके अलावा, गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी मानस रामायण के माध्यम से भगवान राम के जीवन के कुछ भागों को विस्तार से वर्णन किया था।

तुलसी जी की मृत्यु कब हुई थी (tulasee jee kee mrtyu kab huee thee)

गोस्वामी तुलसीदास जी की मृत्यु 1623 ईस्वी में हुई थी। वह उन्हें बिसहरी नामक स्थान पर अपने आश्रम में हुए थे।

तुलसी साहिब के गुरु का क्या नाम था (tulasee saahib ke guru ka kya naam tha)

तुलसीदास जी के गुरु का नाम रामानन्द था। उन्होंने तुलसीदास जी को संत मत की शिक्षा दी थी।

तुलसी के राम की कौन सी विशेषता है (tulasee ke raam kee kaun see visheshata hai)

तुलसीदास जी के राम की विशेषता उनके मानस रामायण में व्यक्त हुई है। उन्होंने भगवान राम को एक पूर्णतापूर्ण व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है, जिसके गुणों, लीलाओं और भक्तों के प्रति प्रेम की भावना को उन्होंने अत्यंत सुन्दरता से व्यक्त किया है। उनके राम को जानने और समझने के लिए उनकी मानस रामायण अत्यंत महत्वपूर्ण है।


Disclaimer: 

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