बद्रीनाथ धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खुलते हैं। पुष्कर के बद्रीनारायण मंदिर में महा आरती और भजन कीर्तन किया गया
आखा तीज के शुभ अवसर पर उत्तराखंड में देर पद्रीनारायण के कपाट खोल दिए गए। वहीं पुष्कर स्थित मंदिरों में डेर बद्रीनारायण की विशेष सजावट व महाआरती की गई। तीर्थनगरी के होली चौक के पास स्थित पौराणिक बद्रीनारायण मंदिर में शुक्रवार की देर रात तक भजनों का सिलसिला चलता रहा।
श्याम म्यूजिकल ग्रुप के कालू भाई, प्रशांत पराशर, मानसी पराशर, हनुमान थवाला ने एक से बढ़कर एक भजन गाकर माहौल को धार्मिक बना दिया। इस दौरान गौरव वैष्णव, दीपक, महेश, यश सहित अन्य कलाकारों ने वाद्य यंत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाई। आज सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे।
भारत में कितने पार्वती मंदिर हैं Parvati Temple
मंदिर के पुजारी ठाकुर जी का आकर्षक श्रृंगार किया गया। सुबह की आरती के बाद दोपहर में महाआरती हुई और भगवान को छप्पन बोगी का भोग लगाने के बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिर के पुजारी ने भगवान की महाआरती की।
इसी तरह इमली मोहल्ला स्थित प्राचीन बद्रीनारायण मंदिर का भी अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। दोपहर 12:15 बजे पुजारी शिवस्वरूप महर्षि, विजयस्वरूप महर्षि और ज्योतिस्वरूप महर्षि ने मंगला आरती की।
नगर पालिका उपाध्यक्ष शिवस्वरूप महर्षि ने कहा कि उन्होंने भगवान की विशेष पूजा-अर्चना कर देश में सुख-समृद्धि की कामना की. इसी तरह अक्षय तृतीया पर होली चौक के पास स्थित पुष्कर के प्राचीन बद्रीनारायण मंदिर में भगवान बदरीविशाल भगवान की विशेष पूजा अर्चना की गई।
बद्रीनारायण और बद्रीनाथ के बारे और भी जानकारियां.
बद्रीनारायण मंदिर में क्या चढ़ाया जाता है (Badrinarayan mandir mein kya chadhaaya jaata hai)
बद्रीनारायण मंदिर उत्तराखंड राज्य में हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है और यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में प्रतिमाओं को विभिन्न वस्तुओं से सजाया जाता है और भगवान विष्णु की प्रतिमा को पुष्प, अदरक, दूध, घी, मधु आदि से अर्चना की जाती है।
इसके अलावा, धार्मिक आस्था के आधार पर, श्रद्धालुओं द्वारा धन्यवाद प्रकट करने के लिए चादर चढ़ाई जाती है। इस चादर में अक्सर श्रद्धालुओं के नाम लिखे होते हैं और इसे मंदिर के प्रवेश द्वार पर बिछाया जाता है।
इसके अलावा, मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में स्थित दुकानों से प्रतिमाओं की छोटी-छोटी मूर्तियों, पुष्प, पूजा सामग्री, बांस की झाड़ियाँ आदि की खरीदारी की जाती है।
बद्रीनारायण मंदिर का रहस्य क्या है (Badrinarayan mandir ka rahasy kya hai)
बद्रीनाथ मंदिर हिमालय के गढ़वाल जिले में स्थित है और यह हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। मंदिर का इतिहास काफी पुराना है और इसके बारे में कई कथाएं और रहस्य हैं।
एक रहस्य यह है कि मंदिर के अंदर केवल दौड़ते हुए जानवर और पक्षियों के आवास के लिए बने हुए हैं। मंदिर में कोई आदमी या धर्मीक सुपारी होने की अनुमति नहीं है। इसे एक आध्यात्मिक स्थान के रूप में समझा जाता है जहां आत्मा और दिव्यता का अनुभव किया जा सकता है।
pic credit: musafir_hu_yaaro1775दूसरा रहस्य यह है कि बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन देने का अधिकार केवल नाथ सम्प्रदाय के दो जातियों को होता है - राज गुर्जर और भोई समाज। इस विशेषता के बावजूद, इस मंदिर को हर साल लाखों श्रद्धालु यात्रियों द्वारा आशीर्वाद लेने के लिए आवागमन किया जाता है।
इसके अलावा, मंदिर के बाहर एक बड़ी पत्थर की शिला है जिसे अष्टधातु से बनाया गया है। यह शिला बद्रीनाथ की रक्षा के लिए हैं.
केदारनाथ से बद्रीनारायण कैसे जाए (kedaaranaath se Badrinarayan kaise jaen)
केदारनाथ से बद्रीनाथ जाने के लिए आप निम्नलिखित विकल्पों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं:
सबसे सरल और सामान्य तरीका यह है कि आप बस या टैक्सी का उपयोग करें और दोनों स्थानों के बीच के दूरी को कवर करें। आपको केदारनाथ से सोनप्रायाग जाना होगा, जो लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और फिर सोनप्रायाग से बद्रीनाथ जाना होगा जो लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस विकल्प के लिए, आपको करीब 10-12 घंटे का समय निकालना होगा।
दूसरा विकल्प है कि आप हेलीकॉप्टर के माध्यम से केदारनाथ से बद्रीनाथ जाएं। हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं जो केदारनाथ और बद्रीनाथ के बीच उड़ान भरती हैं। इस विकल्प के लिए, आपको लगभग 2-3 घंटे का समय निकालना होगा।
उपरोक्त विकल्पों में से कोई एक चुनें और उसके अनुसार अपनी यात्रा की व्यवस्था करें। यदि आप इन विकल्पों के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं
क्या हम केदारनाथ से बद्रीनारायण तक ट्रेक कर सकते हैं (kya ham kedaaranaath se Badrinarayan tak trek kar sakate hain)
आप केदारनाथ से बद्रीनाथ तक ट्रेक कर सकते हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण और अविस्मरणीय अनुभव होता है। यह लगभग 19 किलोमीटर की दूरी है जो चार दिनों तक ट्रेक करके पूरी की जा सकती है।
ट्रेकिंग के दौरान, आप सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं, साथ ही साथ आप प्राकृतिक रूप से बोध होते हैं। ट्रेक मार्ग में ध्यान रखें, क्योंकि कुछ स्थानों पर मार्ग थोड़ा कठिन हो सकता है।
ट्रेकिंग के दौरान, आप नीचे दिए गए जगहों का भ्रमण कर सकते हैं:
केदार दोम
वासुदेवता
काली मठ
राम शिला
लक्ष्मण शिला
चतुर्भुजा मंदिर
यदि आप इस ट्रेक के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप स्थानीय पर्यटन विभाग से संपर्क कर सकते हैं या किसी ट्रेकिंग एजेंसी से मदद ले सकते हैं।
बद्रीनारायण की टिकट कितने की है (Badrinarayan ka tikat tikat hai)
बद्रीनारायण मंदिर जाने के लिए टिकट की कीमत अलग-अलग हो सकती है यदि आप उसी दिन के लिए टिकट बुक करते हैं तो आपको ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ सकता है और यदि आप अग्रिम बुकिंग करते हैं तो आपको कम मूल्य पर टिकट मिल सकता है।
आमतौर पर, बद्रीनारायण मंदिर में जाने के लिए टिकट की कीमत 50 रुपये से शुरू होती है और यह टिकट उन लोगों के लिए होता है जो मंदिर के अंदर जाना चाहते हैं।
इसके अलावा, यदि आप बद्रीनारायण के पास अन्य स्थानों का भी दौरा करना चाहते हैं, तो आप टिकट की अलग-अलग कीमतों का भुगतान करना पड़ सकता है।
आप अधिक जानकारी के लिए बद्रीनारायण मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर टिकट की कीमतों के बारे में विवरण प्राप्त कर सकते हैं।
बद्रीनारायण में कौन सा फूल चढ़ाया जाता है (Badrinarayan mein kaun sa phool chadhaaya jaata hai hai)
बद्रीनारायण मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के दौरान जैसे जैसे पूजा अधिकारी भगवान की पूजा करते हैं, उसी तरह से फूल चढ़ाते हैं। इसके अलावा, मंदिर में तुलसी का पौधा भी लगा होता है जो पूजा अर्चना में उपयोग में लाया जाता है।
बद्रीनारायण मंदिर में अलग-अलग फूलों का उपयोग पूजा अर्चना में किया जाता है। कुछ लोग गेंदा, चमेली और रात की रानी के फूल चढ़ाते हैं। इसके अलावा, मंदिर में शाम-ए-घ़ज़ल फूल का भी उपयोग किया जाता है। यह एक सुंदर लाल फूल होता है जो भगवान विष्णु के लिए विशेष रूप से उपयोग में लाया जाता है।
हरिद्वार से बद्रीनारायण का किराया (teesare se Badrinarayan ka kiraaya)
हरिद्वार से बद्रीनारायण जाने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं जैसे बस, टैक्सी, प्राइवेट कार और कार्यक्रम टूर्स। इन सभी विकल्पों के लिए किराया अलग-अलग होता है।
बसों के लिए, हरिद्वार से बद्रीनारायण तक एसटीसी बस एवं युप्ता बस की सेवा उपलब्ध है। इन बसों का किराया लगभग 300-600 रुपये प्रति व्यक्ति होता है।
टैक्सी या प्राइवेट कार की सेवा के लिए, हरिद्वार से बद्रीनारायण की दूरी लगभग 323 किलोमीटर है। यह किराया आपके चयनित वाहन के आधार पर अलग-अलग होगा। इसके लिए आपको चार्ज दिए जाने से पहले वाहन वाले से पूछना चाहिए।
कार्यक्रम टूर्स की सेवा भी उपलब्ध है जो आपको हरिद्वार से बद्रीनारायण जाने में मदद करती हैं। इन टूर्स के किराए की जानकारी आप टूर ऑपरेटर से पूछ सकते हैं।
बद्रीनारायण किस नदी के किनारे (Badrinarayan kis nadee ke kinaare)
बद्रीनारायण उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है और यह आलकनंदा नदी के किनारे स्थित है।
बद्रीनारायण किस हिमालय में स्थित है (Badrinarayan kis himaalay mein sthit hai)
बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में हिमालय पर्वत श्रृंखला के तलहटी में स्थित है। यह अत्यंत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है।
बद्रीनारायण कैसे पहुंचे (Badrinarayan kaise pahunche)
बद्रीनाथ धाम पहुंचने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:
हरिद्वार से बद्रीनाथ धाम के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। आप हरिद्वार से या रुद्रप्रयाग से बस की सुविधा से बद्रीनाथ धाम तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग से भी आप हरिद्वार या रीशिकेश तक पहुंच सकते हैं। फिर आप वहां से टैक्सी, बस या हमलगाड़ी की सेवाएं ले सकते हैं।
नजदीकी हवाई अड्डों से भी आप देहरादून या जोलीगुडी उड़ान भर सकते हैं और फिर वहां से टैक्सी, बस या हमलगाड़ी सेवाओं का उपयोग करके बद्रीनाथ धाम तक पहुंच सकते हैं।
बद्रीनाथ धाम के नजदीकी हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं। आप यह सेवा भी ले सकते हैं और कुछ ही समय में बद्रीनाथ धाम तक पहुंच सकते हैं।
बताये गए सभी विकल्पों में से आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी विकल्प का चयन कर सकते हैं।
बद्रीनारायण की महिमा (Badrinarayan kee mahima)
बद्रीनाथ धाम हिंदू धर्म के अत्यंत महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। इस स्थान के बारे में कई पौराणिक कथाएं हैं जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।
बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और यहां भगवान का बैठकर ध्यान करने का अद्भुत अनुभव मिलता है। यहां का भगवान का मूर्ति भारतीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
बद्रीनाथ धाम में कुल मिलाकर 16 मंदिर होते हैं, जिनमें से अधिकतर भगवान विष्णु के अलग-अलग अवतारों से सम्बंधित होते हैं।
इस स्थान पर अन्य धर्मों के लोगों को भी धर्म के लिए खींचता है। यहां के दर्शन से आत्मीय शांति मिलती है और इसे भारत की सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से एक बनाता है।
इस स्थान के आस-पास के प्राकृतिक दृश्य भी बेहद खूबसूरत हैं। यहां आने वाले लोगों को हिमालय की शांति और सुंदरता का अनुभव होता है।