शेर और गीदड़ की कहानी मजेदार | Sher Aur Gidad ki kahani


एक बार की बात है, Sher Aur Gidad ki kahani जंगल में एक बहुत ही शक्तिशाली शेर रहता था। वह जंगल का राजा था, और सभी जानवर उससे डरते थे। लेकिन एक दिन, उसके सामने एक चालाक गीदड़ आ खड़ा हुआ। गीदड़ ने सोचा कि अगर वह शेर का दोस्त बन जाए, तो उसे भी खाना मिलेगा और किसी से डरना नहीं पड़ेगा।


गीदड़ ने शेर से कहा, "महाराज, आप इतने बड़े और शक्तिशाली हैं। अगर आप मुझे अपना सेवक बना लें, तो मैं आपके लिए हर दिन शिकार ढूंढ दूंगा।" शेर ने सोचा कि यह अच्छा रहेगा, उसे रोज शिकार की मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। उसने गीदड़ की बात मान ली।


अब गीदड़ रोज किसी कमजोर जानवर को खोजता और उसे शेर के सामने ले जाता। शेर उसे मारता और दोनों मजे से खाते। कुछ दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा, और गीदड़ मजे में रहने लगा।

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एक दिन, गीदड़ ने शेर से कहा, "महाराज, आज मैं आपको एक बहुत बड़ा और तगड़ा शिकार दिखाऊंगा, जो आपकी ताकत के लायक है।" शेर खुश हो गया और गीदड़ के साथ चल पड़ा। गीदड़ शेर को एक गहरे कुएं के पास ले गया और कहा, "महाराज, इस कुएं में एक और शेर रहता है, जो खुद को आपसे बड़ा समझता है।"


शेर ने गुस्से में कुएं में झांका तो उसे अपनी ही परछाईं दिखाई दी। उसने सोचा कि यह सचमुच कोई और शेर है और गुस्से में जोर से दहाड़ा। कुएं में उसकी दहाड़ की गूंज वापस आई, जिससे शेर को लगा कि सामने वाला भी उसे चुनौती दे रहा है। उसने क्रोध में आकर कुएं में छलांग लगा दी और उसमें गिरकर मर गया।


गीदड़ ने देखा कि शेर अब नहीं रहा, तो वह खुशी-खुशी वहां से चला गया और अपने चालाकी से जंगल में राज करने लगा।


इस कहानी से सीख मिलती है कि चालाकी और बुद्धि से बड़ी से बड़ी ताकत को भी मात दी जा सकती है।



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