प्रम्बानन मंदिर, इंडोनेशिया के बोरोबुदुर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है और इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रांत में स्थित है। प्रम्बानन मंदिर को 9वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे शैलेंद्र वंश के सम्राट संग्रहिता मालेवा ने बनवाया था।
यह मंदिर भारतीय वास्तुकला और जवानीसे वास्तुकला के अद्वितीय मिश्रण का उदाहरण है। इसे भारतीय मंदिर शैली में निर्मित किया गया है, जिसमें गुप्तकालीन और पोषणकालीन वास्तुकला के संकेत दिखाई देते हैं। मंदिर की मुख्य दीवारों पर चित्रों के माध्यम से बौद्ध धर्म की कथाओं का वर्णन किया गया है।
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प्रम्बानन मंदिर के संरचनात्मक आकृति में नगरशैली के तीन मुख्य खंडों को प्रदर्शित किया गया है। इनमें से प्रत्येक में एक प्रमुख मंदिर और उसके चारों ओर कई छोटे मंदिर हैं। मंदिर के ऊँचे शिखरों पर सुंदर स्तूप आकृतियाँ बनाई गयी हैं.
प्रम्बानन मंदिर परिसर
10वीं शताब्दी में निर्मित, यह इंडोनेशिया में शिव को समर्पित सबसे बड़ा मंदिर परिसर है। इन संकेंद्रित वर्गों के अंतिम केंद्र से ऊपर उठते हुए तीन मंदिर हैं जो महाकाव्य रामायण को दर्शाते हुए राहत से सजाए गए हैं, जो तीन प्रमुख हिंदू देवताओं (शिव, विष्णु और ब्रह्मा) को समर्पित हैं और तीन मंदिर जानवरों को समर्पित हैं। .
सर्वोत्तम सार्वभौमिक मूल्यों का एक संक्षिप्त सारांश
प्रम्बानन मंदिर परिसर में प्रम्बानन मंदिर (जिसे लोरो जंगरंग के नाम से भी जाना जाता है), सेउ मंदिर, बुबरा मंदिर और लुंबांग मंदिर शामिल हैं। प्रम्बानन मंदिर में 240 मंदिर हैं। सभी उल्लेखित मंदिर प्रम्बानन पुरातत्व पार्क का निर्माण करते हैं और 8 वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान जावा में शक्तिशाली शैलेन्द्र राजवंश की ऊंचाई पर बनाए गए थे। ये यौगिक जावा द्वीप पर योग्याकार्ता और मध्य जावा के दो प्रांतों की सीमा पर स्थित हैं।
9वीं शताब्दी का लोरो जोंगेरंग हिंदू बेस-रिलीफ का एक अच्छा उदाहरण है, और सेउ, द्वारपाल की चार जोड़ी विशाल मूर्तियों के साथ, इंडोनेशिया का सबसे बड़ा बौद्ध परिसर है, जिसमें लुंबंग, बुबरा और आसु मंदिर (काना मंदिर) शामिल हैं। , हिंदू मंदिरों को पत्थर की नक्काशी की उत्कृष्ट कृति महाकाव्य रामायण के इंडोनेशियाई संस्करण को दर्शाती नक्काशी से सजाया गया है। ये तीन भागों में व्यवस्थित सैकड़ों तीर्थस्थलों से घिरे हुए हैं,
pic credit: sattu_chauhanजो 8वीं शताब्दी ईस्वी के बाद से जावा में पत्थर निर्माण प्रौद्योगिकी और वास्तुकला के उच्च स्तर को दर्शाते हैं। 500 से अधिक मंदिरों के साथ, प्रम्बानन मंदिर परिसर एक वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक खजाने का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन अतीत में शांतिपूर्ण धार्मिक सह-अस्तित्व का एक स्थायी प्रमाण भी है।
मानदंड (i): प्रम्बानन मंदिर परिसर शिव कला की महान संस्कृति को दर्शाता है, जो इंडोनेशिया और क्षेत्र में शास्त्रीय काल की उत्कृष्ट कृति है।
मानदंड (iv): संपत्ति एक उत्कृष्ट धार्मिक परिसर है जिसकी विशेषता 10वीं शताब्दी के शिव प्रकटीकरण से है।
ईमानदारी
प्रम्बानन मंदिर परिसर में दो समूह शामिल हैं: लोरो जोंगेरंग, सेउ कॉम्प्लेक्स, लुंबांग, बुबरा और आसू (खान)। विभिन्न आकृतियों और आकारों के 508 पत्थर के मंदिर या तो बरकरार हैं और संरक्षित हैं या खंडहर के रूप में छोड़े गए हैं। साइट में इसके असाधारण महत्व को व्यक्त करने के लिए सभी आवश्यक तत्व हैं और इसे अच्छी तरह से बनाए रखा गया है। विकास या उपेक्षा का कोई जोखिम नहीं; हालाँकि यह क्षेत्र भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट जैसे प्राकृतिक खतरों से ग्रस्त है।
सत्यता
प्रम्बानन मंदिर परिसर में 9वीं शताब्दी ईस्वी में निर्मित मूल संरचनाएं शामिल हैं। भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और राजनीतिक सत्ता में परिवर्तन के कारण 11वीं शताब्दी की शुरुआत में मंदिर ढह गए और 17वीं शताब्दी में इन्हें फिर से खोजा गया। ये यौगिक कभी भी स्थानांतरित या परिवर्तित नहीं होते हैं। 1918 के बाद से, मंदिर की संरचना को मजबूत करने के लिए कंक्रीट का उपयोग करके पत्थरों की मूल पारंपरिक विधि और आधुनिक तरीकों दोनों में जीर्णोद्धार का काम किया गया। 2006 के भूकंप के बाद भी, व्यापक बहाली का काम हाल ही में किया गया है, लेकिन संरचनाओं की अखंडता को बनाए रखने के लिए बहुत सावधानी बरती गई है।
सुरक्षा और प्रबंधन आवश्यकताओं
संपत्ति को 1998 में एक राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपत्ति नामित किया गया था और 2010 में प्रख्यापित एक राष्ट्रीय कानून संपत्ति के संरक्षण और संरक्षण का समर्थन करता है। 1992 में, प्रम्बानन मंदिर परिसर के प्रशासन को एक राष्ट्रपति के आदेश द्वारा समायोजित किया गया था और 77 हेक्टेयर संपत्ति को केंद्र सरकार के स्वामित्व में स्थापित किया गया था। इस इलाके को दो जोन में बांटा गया है। जोन 1 या सीमा के भीतर का क्षेत्र संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय द्वारा दो अलग-अलग क्षेत्रीय कार्यालयों, अर्थात् याग्याकार्टा और मध्य जावा के पुरातत्व संरक्षण कार्यालय के तहत प्रशासित किया जाता है। जोन 2 के लिए बोरोबुदुर, प्रम्बानन और रातू बोगो टूरिज्म पार्क लिमिटेड जिम्मेदार हैं, जिसमें बफर जोन शामिल है। सरकार ने संपत्ति की सुरक्षा के लिए स्थायी गतिविधियों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सामग्री विभाग से संबंधित नियमों की स्थापना की है। सभी नियम अच्छी तरह से लागू और कार्यान्वित हैं।
संपत्ति के प्रबंधन में सुधार के लिए, सरकार ने 2007 में एक कानून और 2008 में राष्ट्रीय स्थानिक योजना पर एक सरकारी विनियमन जारी किया, जिसने विश्व सांस्कृतिक विरासत क्षेत्र में स्थानिक योजना को प्राथमिकता दी। प्रम्बानन स्थल को रणनीतिक राष्ट्रीय क्षेत्रों में से एक के रूप में स्थापित किया गया है जिसमें प्रम्बानन मंदिर परिसर और अन्य संबद्ध मंदिर अवशेष शामिल हैं। संपत्ति की दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत प्रबंधन और विनियमन की आवश्यकता होती है जो सुरक्षा का समर्थन करता है।
2007 की कार्य योजना को संपत्ति के आसपास के स्थानीय समुदाय की भागीदारी के साथ लागू किया गया था। 27 मई, 2006 के भूकंप से प्रभावित संपत्तियों के आसपास के स्थानीय समुदाय की भलाई अब सामान्य आर्थिक गतिविधियों और विशेष रूप से रचनात्मक उद्योग क्षेत्र के विकास के साथ सुधर रही है। शिव मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं किया गया है लेकिन 2010 और 2011 में शिव मंदिर की शोध गतिविधियां या तकनीकी अध्ययन किया गया है। परिणामों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस निष्कर्ष पर चर्चा की गई कि यह सच है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए अधिक अध्ययन और शोध की आवश्यकता है। क्रैक मीटर द्वारा भूकंपीय सर्वेक्षण और आवधिक निगरानी सहित शिव मंदिर का हेरफेर।
प्रम्बानन मंदिर क्यों प्रसिद्ध है? (Why is Prambanan Temple famous)
प्रम्बानन मंदिर, जोकि इंडोनेशिया में स्थित है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और इसे कई कारणों से प्रसिद्ध माना जाता है:
विशालता: प्रम्बानन मंदिर सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर और एक विश्व धरोहर स्थल है। यह त्रिकूट शिखरों के साथ बना हुआ है, जिसका अर्थ होता है "तीन गुंबदों वाला"। यह विशाल मंदिर परंपरागत जवानी और आधुनिकता का सुंदर मेल बनाता है।
ऐतिहासिक महत्व: प्रम्बानन मंदिर ने श्रीविजय साम्राज्य के साथीयों को अपनी महत्वाकांक्षा और शक्ति का प्रदर्शन किया है। इसे 9वीं और 10वीं सदी के बीच बनाया गया था और इंडोनेशिया के आदिपुरुष की गरिमा को प्रतिष्ठित करता है।
वास्तुशिल्पीय महत्व: प्रम्बानन मंदिर वास्तुशास्त्र के आदर्श उदाहरणों में से एक है। इसका शिल्पकला, विज्ञान, और तकनीक का उच्च स्तर देखा जा सकता है। इसमें सुंदर मूर्तियाँ, ताल-द्वार, और वृत्ताकार शैली के कारणों से यह मंदिर प्रसिद्ध है
प्रम्बानन कौन सा धर्म है? (What religion is Prambanan)
प्रम्बानन (Prabanan) एक प्रमुख हिन्दू मंदिर स्थल है जो इंडोनेशिया में स्थित है। यह धार्मिक स्थल हिंदू धर्म का है, जिसे शैव परंपरा के अनुसार संरक्षित किया जाता है। प्रम्बानन मंदिर समूह में प्रमुख मंदिरों में से एक है और यह विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।
कृपया ध्यान दें कि प्रम्बानन केवल एक स्थल का नाम है और यह किसी विशेष धर्म का प्रतिष्ठान नहीं है। यदि आपके पास किसी अन्य धर्म संबंधित प्रश्न हैं, तो कृपया पूछें!
प्रम्बानन को बनाने में कितना समय लगा? (how long to build prambanan Put)
प्रम्बानन मंदिर, जो कि इंडोनेशिया के योग्याकर्ता नगर के पास स्थित है, की बात कर रहें हैं, वह अद्वितीय रूप से लंबे समय से बना हुआ है। प्रम्बानन मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के आस-पास, संकीर्णतम रूप से 760 ईसा पूर्व के बीच पूरा हुआ था। इसका मतलब है कि प्रम्बानन मंदिर का निर्माण करीबन 9वीं से 10वीं शताब्दी के बीच किया गया था।
इस मंदिर का निर्माण वेश्या द्वीप के सम्राट शचिवर्मान द्वारा किया गया था, जिसने प्रम्बानन क्षेत्र में एक विशालकाय बौद्ध मंदिर समूह की स्थापना की थी। मंदिर के निर्माण का मुख्य उद्देश्य धार्मिक और आध्यात्मिक प्रचार करना था।
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण करने में कई वर्षों का समय लगा होगा और यह संभव है कि इसका निर्माण कार्य लगभग 50 से 100 वर्ष या उससे भी अधिक समय लेता रहा हो। निर्माण की अवधि की पुष्टि या निर्माण के बारे में अधिक विवरण के लिए, आपको स्थानीय और ऐतिहासिक सहयता ले सकते हैं.
इंडोनेशिया में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर कौन सा है? (Which is the biggest Hindu temple in Indonesia Is it like)
इंडोनेशिया में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर "प्रम्बानन मंदिर" है। प्रम्बानन मंदिर योग्याकर्ता नगर के पास स्थित है और इसे योग्याकर्ता शासक राजा शचिवर्मान ने 9वीं शताब्दी में बनवाया था। यह दक्षिण-पूर्वी एशिया में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इंडोनेशिया के भूमिगत धरोहर स्थलों में गणित जाता है।
प्रम्बानन मंदिर को विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया गया है और यह मंदिर जवानी, उम्र, और विजय के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। इस मंदिर की विशालता, इंडोनेशिया के लिए हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त कराती है।
कैंडी प्रंबानन कैसे पहुंचे? (How to reach Kandy Prambanan)
कैंडी प्रम्बानन (Candi Prambanan) इंडोनेशिया के योग्याकर्ता नगर में स्थित है और यह जोगजाकर्ता (Yogyakarta) और सूरकार्ता (Surakarta) शहर से सबसे नजदीक है।
योग्याकर्ता नगर और सूरकार्ता शहर इंडोनेशिया के मध्यीय जावा (Central Java) प्रान्त में स्थित हैं और यहां एयरपोर्ट (Airport) भी मौजूद है। इसलिए, यदि आप विमान द्वारा यात्रा कर रहे हैं, तो आपको योग्याकर्ता नगर या सूरकार्ता शहर के नजदीकी एयरपोर्ट पर उतरना होगा।
योग्याकर्ता नगर और सूरकार्ता शहर से, आप टैक्सी, रिक्शा या ओजेक (Ojek - मोटरसाइकिल टैक्सी) का उपयोग करके कैंडी प्रम्बानन तक पहुंच सकते हैं। यह लगभग 18 किलोमीटर (11 मील) की दूरी पर स्थित है।
आप भी टूर ऑपरेटरों की सहायता ले सकते हैं जो योग्याकर्ता नगर और सूरकार्ता शहर से कैंडी प्रम्बानन की यात्रा आयोजित करते हैं। यह आपको यात्रा की व्यवस्था करके, आपको प्रम्बानन मंदिर की यात्रा के लिए आरामदायक बनता हैं.
प्रम्बानन मंदिर तथ्य (Prambanan temple facts)
प्रम्बानन मंदिर, इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर योग्यता के आधार पर विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसका निर्माण 9वीं और 14वीं सदी के बीच हुआ था और इसे शैलेंद्रवंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था।
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण शैलेंद्रवंश के राजा बालितोमो के द्वारा किया गया था। इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य महायान बौद्ध और शैव संप्रदायों के प्रतिनिधित्व करना था। मंदिर का नाम संस्कृत शब्द "प्रांबानन" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "भूमि के चरम उच्चांश पर स्थित"।
प्रम्बानन मंदिर के अंदर तीन मुख्य मंदिर हैं, जिनमें से प्रमुख मंदिर मुख्य गोपुरमार्ग के माध्यम से पहुंचे जा सकते हैं। मुख्य मंदिर उत्कर्ष मंदिर के रूप में भी जाना जाता है और इसे अंग्रेजी में "ब्रह्मा का मंदिर" के नाम से भी जाना जाता है।
प्रम्बानन मंदिर स्थान (Prambanan temple location)
प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित है। यह मंदिर केंद्रीय जावा प्रांत में, जवा तंबलीग और करंगसेन ग्रेजिया के बीच स्थित है। इसका स्थान योग्यता के लिए विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है। प्रम्बानन मंदिर योग्यता के दृष्टिकोण से इंडोनेशिया के सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण किसने करवाया था (Who built Prambanan temple)
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण शैलेंद्रवंश के राजा बालितोमो (Balitung) द्वारा किया गया था। शैलेंद्रवंश जावा द्वीप के शासक परिवार था और उन्होंने 9वीं और 10वीं सदी के बीच में अपना शासन किया था। इसके अलावा, प्रम्बानन मंदिर के निर्माण में उस समय के शैलेंद्रवंश के धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का भी महत्वपूर्ण योगदान हुआ है।
प्रम्बानन मंदिर कितना पुराना है (How old is Prambanan Temple)
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण 9वीं और 10वीं सदी के बीच किया गया था। इसके आधार पर, प्रम्बानन मंदिर की आयु लगभग 1200 से 1300 वर्ष पुरानी हो सकती है। यह एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है और इंडोनेशिया के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों में से एक माना जाता है।
प्रम्बानन मंदिर वास्तुकला (Prambanan temple architecture)
प्रम्बानन मंदिर वास्तुकला में महत्वपूर्ण है और यह हिन्दू वास्तुकला की अद्वितीय उदाहरणों में से एक माना जाता है। इसका निर्माण शैलेंद्रवंश के समय में हुआ था और इसमें प्रमुख रूप से शैव और महायान बौद्ध संस्कृति के तत्व मिश्रित हैं।
प्रम्बानन मंदिर में मुख्य गोपुरमार्ग से प्रवेश किया जाता है, जो प्रमुख मंदिर तक जाने का मार्ग है। मंदिर में तीन मुख्य मंदिर हैं, जिनमें से प्रमुख मंदिर उत्कर्ष मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें प्रमुखतः ग्रंथालयक मंदिर, विष्णु मंदिर और ब्रह्मा मंदिर हैं। यह मंदिर सिरमुखी शैली के साथ निर्मित है और वास्तुकला में गंभीरता और अद्वितीयता को दर्शाता है।
मंदिर की मूर्तियों के अलावा, प्रम्बानन मंदिर में भी प्रवेशद्वार, शिखर, देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और आकृति वाले खम्भे आदि के रूप में कई वास्तुकला शृंगारों का प्रदर्शन किया गया है। यहां की कलात्मक वास्त करता हैं.
प्रम्बानन मंदिर की कहानी (Prambanan temple story)
प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया में स्थित एक बौद्ध मंदिर है जो मध्यकालीन जवानीसे ताम्रपत्रिकाओं के एक समूह के साथ जुड़ा हुआ है। यह मंदिर जावा द्वीप पर वातानुकूलित प्रम्बानन गांव में स्थित है और योग्यताओं के कारण यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
प्रम्बानन मंदिर 9वीं शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग निर्मित हुआ था। इसे मध्ययुगीन चम्पा इंपायर के राजा राखैन पदशाह ने बनवाया था। यह मंदिर बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्रों में से एक था और यह धार्मिक संप्रदाय के पुजारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था।
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण संभवतः खारोज किए गए लाल पत्थर से किया गया है। इसका निर्माण विस्तृत और गणितीय ढंग से किया गया है और यह मंदिर भव्य और सुंदर विमान के रूप में विख्यात है। प्रम्बानन मंदिर की मुख्यता उसकी तीन प्रमुख गोपुरम् (द्वारपाल) हैं,
प्रम्बानन मंदिर के बारे में रोचक तथ्य क्या है(What is a fun fact about Prambanan temple)
प्रम्बानन मंदिर एक इतिहासी और सांस्कृतिक स्थल है जिसमें कई रोचक तथ्य हैं। यहां कुछ प्रमुख रोचक तथ्य हैं:
विश्व धरोहर स्थल: प्रम्बानन मंदिर को 1991 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। यह विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है और यहां के ऐतिहासिक और शिल्पीय महत्व की पहचान की जाती है।
शैली: प्रम्बानन मंदिर को हिंदू शैली में निर्मित किया गया है, लेकिन इसमें बौद्ध और जैन शैली के प्रभाव भी दिखाई देते हैं। इसका निर्माण खगोलशास्त्र और वास्तुकला के तकनीकों का उपयोग करके किया गया है।
विमान की श्रेणी: प्रम्बानन मंदिर को "विमान" की श्रेणी में शामिल किया जाता है। विमान एक प्रकार का प्रासाद होता है जो प्रायः भगवान के पूजार्चनालय के रूप में उपयोग होता है। प्रम्बानन मंदिर का विमान भव्यता और आकृति के कारण प्रसिद्ध है।
त्रिमूर्ति मूर्तियाँ: मंदिर में हुआ हैं.
प्रम्बानन सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है?(Is Prambanan the largest Hindu temple)
प्रम्बानन मंदिर एक बौद्ध मंदिर है, न कि हिंदू मंदिर। यह इंडोनेशिया में स्थित एक बौद्ध मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है और बौद्ध धर्म के देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए उपयोग होता है। यह अन्य प्राचीन बौद्ध मंदिरों के साथ मिलकर बोरोबुदूर मंदिर नेशनल पार्क का हिस्सा है।
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण मध्यकालीन जवानीसे ताम्रपत्रिकाओं के एक समूह द्वारा किया गया था, जो तब इंडोनेशिया में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्रों में से एक था। यह मंदिर अपनी शैली, कला और संरचना के लिए प्रसिद्ध है, जो मध्यकालीन इंडोनेशियाई संस्कृति की महानता को प्रदर्शित करता है।
प्रम्बानन मंदिर कितना पुराना है?(How old is the Prambanan temple)
प्रम्बानन मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग किया गया था। यह ताम्रपत्रिका समूह के द्वारा निर्मित हुआ और मध्यकालीन इंडोनेशिया में एक महत्वपूर्ण बौद्ध मंदिर के रूप में विख्यात हुआ। प्रम्बानन मंदिर की स्थापना मध्यकालीन जवानीसे ताम्रपत्रिकाओं के एक समूह द्वारा की गई थी, जो इंडोनेशिया में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्रों में से एक था। इसलिए, प्रम्बानन मंदिर का इतिहास कम से कम 1200 साल पुराना है।
प्रम्बानन मंदिर को किसने नष्ट किया था?(Who destroyed Prambanan temple)
प्रम्बानन मंदिर के नष्ट होने की सटीक वजह पता नहीं है। हालांकि, संभावना है कि इसका नष्ट होना मुख्य रूप से प्राकृतिक आपदाओं और भूकंपों के कारण हुआ होगा। अधिकांश मंदिरों की शिलाओं और भव्य स्तूपों का उच्चारण तब बंद हो गया, लेकिन मंदिर के अवशेष आज भी मौजूद हैं और अप्रमाणित कारणों के चलते उसे नष्ट होने से पहले स्थानीय लोगों ने उपयोग किया जा सकता है।
प्रम्बानन मंदिर की क्या विशेषताएं हैं?(What are the characteristics of Prambanan temple)
प्रम्बानन मंदिर के कई महत्वपूर्ण और विशेषताएं हैं। यहां कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:
आर्किटेक्चरल शैली: प्रम्बानन मंदिर खागोलशास्त्रीय वास्तुकला के एक उत्कृष्ट नमूने के रूप में मान्यता प्राप्त करता है। यह चम्पा शैली में निर्मित है और विभिन्न स्तंभों, शिलापतियों, और विमानों के साथ गणितीय और दैवीय ज्ञान का प्रदर्शन करता है।
विमानों की महत्वपूर्णता: प्रम्बानन मंदिर की मुख्यता उसके तीन विमानों में है। विमान एक प्रासाद के रूप में उपयोग होता है और इसे भगवान की आवास स्थल के रूप में मान्यता दी जाती है। प्रम्बानन मंदिर के विमान उनकी गहरी कला, विस्तृतता और सुंदरता के कारण प्रसिद्ध हैं।
शिलापति: मंदिर में शिलापति (देवी-देवताओं की मूर्तियाँ) भी महत्वपूर्ण हैं। यहां पर्याप्त संख्या में शिलापतियाँ हैं जो मंदिर की सुंदरता को और बढ़ाती हैं। इन मूर्तियों की विस्तारपूर्ण और आकृतिगत किया गया हैं.
प्रम्बानन मंदिर क्या सामग्री है(What material is Prambanan temple)
प्रम्बानन मंदिर में अन्य महत्वपूर्ण मानव द्वारा बनाई गई सामग्री के अलावा, निम्नलिखित प्रमुख घटक शामिल हो सकते हैं:
आंग्रेज़ी कांस्य: प्रम्बानन मंदिर की आंग्रेज़ी कांस्य विमान की मुख्यता है। इसमें विविध आकृतियों, मूर्तियों, प्रासादों, और दैवीय आभूषणों का प्रदर्शन होता है।
शिलापति: मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की शिलापतियाँ स्थापित की गई हैं। ये शिलापतियाँ अलग-अलग पोषाक और मुद्राएँ पहनती हैं और मंदिर की सुंदरता को और बढ़ाती हैं।
प्रतिमाएं: मंदिर में अनेक प्रतिमाएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं। इनमें बौद्ध देवताओं की प्रतिमाएं, जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ और हिंदू देवताओं की प्रतिमाएं शामिल हो सकती हैं।
आलोकपथ: मंदिर में आलोकपथ भी होती है, जो रोशनी को बढ़ाने के लिए प्रयोग होती है। यह आलोकपथ शिलापतियों, प्रतिमाओं और विमानों को प्रकाशित करने के लिए रखी जाती है।